बिना कागजी कार्रवाई घर देना खतरनाक हो सकता है ?

किराये के अलावा कमाई के और तरीके, बिना कागजी कार्रवाई घर देना खतरनाक हो सकता है
अगर आप एक वरिष्ठ नागरिक हैं और सोच रहे हैं कि किसी मकान में निवेश करने के बाद उसे किराये पर देकर कुछ आय अर्जित कर लें तो यह आज के दौर में थोड़ा खतरनाक साबित हो सकता है। इसमें काफी कानूनी पेच हैं। किराये के अलावा आप अन्य तरीकों से भी रियल एस्टेट में कमाई कर सकते हैं। 
छह साल पहले तक वर्माजी के लिए सबकुछ ठीक था। मुश्किल तब बढ़ी, जब उनका किरायेदार बिना नोटिस के और कोविड के कारण बकाया नहीं देकर थोड़े ही समय में घर छोड़कर चला गया। उन्हें स्वयं कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा और छह महीने की अवधि में उन्हें घर की मरम्मत करानी पड़ी। इससे उनकी वित्तीय स्थिति प्रभावित हुई। उनके बच्चे शहर चले गए थे। उनकी पेंशन बहुत कम थी। उनकी पत्नी को किडनी की समस्या के कारण बार-बार डायलिसिस के लिए जाना पड़ता था। लागतें लगातार बढ़ रही थीं और पहली मंजिल का किराया उनके नियमित खर्चे का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया था।

बिना कागजी कार्रवाई घर देना खतरनाक 
दो साल पहले उनका एक दोस्त अपने बेटे के लिए मकान चाहता था। चूंकि, युवक दोस्त का बेटा था, इसलिए वर्माजी ने किसी रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के लिए दबाव नहीं डाला। दोनों ने एक सादे कागत पर औपचारिक हस्ताक्षर किए। बैंक और अन्य जरूरी आईडी के विवरण का आदान-प्रदान किया। लीज नवीनीकरण के लिए आने तक सब ठीक था। लेकिन, उनके दोस्त के बेटे ने किराये में किसी भी तरह की बढ़ोतरी से इन्कार कर दिया, क्योंकि एग्रीमेंट में इसका उल्लेख नहीं किया गया था।

किराये की आय पर निर्भरता से बचें
अब, वर्माजी चिंतित हैं और उन्होंने इसमें अपने दोस्त को शामिल करने की कोशिश की है, लेकिन उनसे भी खास मदद नहीं मिल रही है। आजकल बड़े शहरों में यह आम बात है, जहां किरायेदार सख्त हो सकते हैं और मकान मालिकों को दोषी किरायेदारों से निपटना मुश्किल हो रहा है। सबसे बड़ा दोष बाद की उम्र में किराये की आय के लिए रियल एस्टेट पर निर्भर होना है। आय के स्रोत के रूप में रियल एस्टेट एक बेहतरीन उदाहरण है, लेकिन जरूरी नहीं है कि इससे आपको किराये के रूप में हमेशा अच्छा रिटर्न मिले।

अक्सर किराये की आय साल में सिर्फ 10 महीने के लिए होती है, जिसमें एक महीने का किराया मरम्मत और टैक्स में चला जाता है। इस बात की भी आशंका है कि कोई किरायेदार आपका घर आसानी से नहीं छोड़ेगा। इससे चिंता हो सकती है। 

गहराई से विचार करने की है जरूरत  
निवेश के रूप में रियल एस्टेट, विशेष रूप से किराये की आय एक गलत अवधारणा है, जिस पर गहराई से विचार करने की जरूरत है। ऐसे भी उदाहरण हैं, जब कोई अपनी संपत्ति बेचना चाहता है और उसके लिए खरीदार ढूंढना या उसे अपनी इच्छानुसार बेचना मुश्किल हो जाता है। तो, क्या रियल एस्टेट के इन मुद्दों से निकलने का कोई रास्ता है? हां और नहीं। हां, जिस घर में आप रहते हैं उसके अलावा रियल एस्टेट में निवेश से लाभ पाने के कई तरीके हैं।

रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट का लें सहारा
आज ऐसे रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट हैं, जिनमें आप पैसे लगा सकते हैं। ऐसे रियल एस्टेट प्रबंधक भी हैं जो शुल्क के लिए संपत्तियों का प्रबंधन करते हैं। ये सभी नए रास्ते हैं और लोगों को ऐसे विचारों को अपनाने में कुछ समय लगेगा। हालांकि, इन सभी पहलुओं में कर निहितार्थ भी हैं, जिन्हें कई घर मालिक छोड़ना नहीं चाहते हैं। इसलिए, अक्सर टीडीएस से बचने के लिए किराया आंशिक रूप से नकद व बाकी खाते में स्वीकार किया जाता है क्योंकि किराये के लिए मासिक सीमा 50,000 रुपये है। 

कैपिटल गेन पर देना होता है टैक्स
रियल एस्टेट से एकमात्र लाभ कैपिटल गेन है। इससे फिर से आपको टैक्स व नकदी की चुनौती में उलझना होता है। ज्यादातर लोगों के लिए इसका प्रबंधन मुश्किल बन जाता है। ऐसे परिणाम से कुछ लाभ की भरपाई के लिए एक और रियल एस्टेट निवेश होता है और ऐसा करने से चुनौतियां जारी रहती हैं।       

अब समय आ गया है कि लोग सिर्फ रहने के लिए घर के बारे में सोचें। बाकी सभी चीजों के लिए एक वित्तीय साधन के जरिये रियल एस्टेट निवेश पर विचार करें।  रियल एस्टेट निवेश के लिए अब नए वित्तीय साधन हैं। तब तक अगर आप वर्माजी की तरह हैं, तो अपने रियल एस्टेट किराये के विकल्पों से सावधान रहना होगा।  यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास किरायेदार के साथ एक स्पष्ट व रजिस्टर्ड एग्रीमेंट हो।

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