महाराष्ट्र में देश में सबसे अधिक दंगों के 8200 से अधिक मामलों के साथ महाराष्ट्र शीर्ष पर !

NCRB: दंगों के 8200 से अधिक मामलों के साथ महाराष्ट्र शीर्ष पर; हत्या-दुष्कर्म जैसे अपराधों की स्थिति जानिए
महाराष्ट्र में देश में सबसे अधिक दंगों के मामले रिपोर्ट किए गए हैं।एनसीआरबी के नए आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में 8200 से अधिक दंगों के मामले दर्ज किए गए। हत्याओं के मामले में राज्य तीसरे, जबकि दुष्कर्म के मामले में प्रदेश चौथे स्थान पर रहा।

राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों में देशव्यापी आंकड़े सामने आए हैं। सामाजिक सौहार्द बिगड़ने का सबसे बुरा असर महाराष्ट्र पर पड़ा है। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में सबसे अधिक दंगों के मामले इसी राज्य में रिपोर्ट किए गए हैं। 2022 में अगलग-अलग आपराधिक घटनाओं को लेकर जारी एनसीआरबी के नए आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में 8218 दंगों के मामले दर्ज किए गए। हत्याओं के मामले में राज्य तीसरे, जबकि दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध के मामले में प्रदेश चौथे स्थान पर रहा।

यूपी पुलिस ने दर्ज किए सबसे अधिक मामले
केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली एनसीआरबी ने सोमवार को ‘भारत में अपराध 2022’ रिपोर्ट जारी की। इसके अनुसार, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत आपराधिक मामले दर्ज करने में महाराष्ट्र (उत्तर प्रदेश के बाद) दूसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने साल 2022 में 4,01,787 मामले दर्ज किए, जो इस वर्ष देश में सबसे अधिक है।

मध्य प्रदेश, यूपी और राजस्थान

आंकड़ों के अनुसार 2022 में महाराष्ट्र हत्या के मामलों में उत्तर प्रदेश और बिहार के बाद तीसरे स्थान पर (2,295 पर) रहा। राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बाद बलात्कार के मामलों में चौथे स्थान पर (2,904 पर) था। 2022 की आपराधिक घटनाओं पर एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में साल 2022 में कुल 3,74,038 आपराधिक मामले (आईपीसी धाराओं के तहत) दर्ज किए गए। 2021 में यह आंकड़ा 3,67,218, जबकि 2020 में 3,94,017 मामले दर्ज किए गए।

महाराष्ट्र में दंगों का दंश
पिछले साल महाराष्ट्र में दंगे के मामलों में उल्लेखनीय उछाल दर्ज किया गया है। इस कारण महाराष्ट्र दंगों की रिपोर्ट के मामले में सभी राज्यों में सबसे आगे रहा। एनसीआरबी की रिपोर्ट  में कहा गया है कि ये मामले आईपीसी की धारा 147 से 151 (दंगा और गैरकानूनी सभा से संबंधित) के तहत दर्ज किए गए थे। आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र में कुल 8,218 दंगे के मामले दर्ज किए गए, जिनमें 9,558 लोग पीड़ित थे।

आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र में कुल 8,218 दंगे के मामले दर्ज किए गए, जिनमें 9,558 लोग पीड़ित थे। एनसीआरबी के अनुसार, दंगों के 28 मामले सांप्रदायिक और धार्मिक मुद्दों से जुड़े थे। 75 मामले राजनीतिक मुद्दों, जबकि 25 अन्य मामले जाति-संबंधी संघर्षों से जुड़े थे। क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक दंगों के 4,736 मामलों के साथ बिहार दूसरे स्थान पर है, जबकि 4,478 ऐसे मामलों के साथ उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर है।

दंगों के अलावा अन्य आपराधिक घटनाओं का ब्यौरा भी एनसीआरबी की रिपोर्ट में सामने आया है। इसके अनुसार महाराष्ट्र में हत्या के 2,295 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 2,365 लोगों को पीड़ित के रूप में नामित किया गया। इस सूची में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है, जहां हत्या के 3,491 मामले दर्ज किए गए। बिहार 2,930 मामलों के साथ दूसरे नंबर पर है।

बलात्कार जैसे जघन्य वारदात के मामले में राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र से आगे हैं। इस सूची में महाराष्ट्र चौथे स्थान पर है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में 2022 में बलात्कार की 2,904 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि राजस्थान में 5,399 मामले दर्ज किए गए। सूची में शीर्ष पर राजस्थान के बाद उत्तर प्रदेश 3,690 मामलों के साथ दूसरे स्थान और मध्य प्रदेश 3,029 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में महाराष्ट्र में आईपीसी की धारा 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल) के तहत महिलाओं पर हमले के 5,209 मामले दर्ज किए गए। आईपीसी की धारा 354 (ए) के तहत यौन उत्पीड़न की 2,946 घटनाएं दर्ज की गईं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक यौन उत्पीड़न के मामलों में से 46 कार्यालय परिसर में उत्पीड़न के रूप में रिपोर्ट किए गए।

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