मंत्रिमंडल में ग्वालियर-चंबल का बढ़ेगा दबदबा …

मंत्रिमंडल में ग्वालियर-चंबल का बढ़ेगा दबदबा …
कई मंत्रियों की हार से नए चेहरों को मिल सकता है मौका, जातिगत समीकरण भी आधार
नरेन्द्र तोमर बने स्पीकर अब प्रद्युत्न तोमर, नारायण कुशवाह व मोहन सिंह को मिल सकती है जगह

मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री बन्ने के बाद अब यह तो तय है कि मंत्रिमंडल में नए चेहरे देखने को मिलेंगे। बुधवार 13 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही मंत्रि परिषद का चेहरा साफ हो जाएगा। इस विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल अंचल की 34 विधानसभा सीट में से 18 पर जीत के बाद यह तो साफ है कि अब मंत्रिमंडल में अंचल का दबदबा कायम रहेगा।

अंचल की महत्वपूर्ण सीट दतिया से गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के हारने से बिगड़ा बैलेंस दिमनी से केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की जीत से फिर बन गया है। तोमर को अब स्पीकर का पद मिल गया है। ऐसे में अंचल से मंत्री नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, सुरेश राठखेड़ा, महेन्द्र सिंह सिसोदिया और राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाह के हारने से मंत्रीमंडल में अंचल के मंत्रियों की संख्या जरुर हुई है, लेकिन दबदबा कम नहीं होगा।

विधानसभा 2023 में चुने गए नवनिर्वाचित विधायक
विधानसभा 2023 में चुने गए नवनिर्वाचित विधायक

ग्वालियर से प्रद्युम्न सिंह और नारायण का मंत्री बनना लगभग तय
ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से जीतने वाले प्रद्युम्न सिंह तोमर शिवराज सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे हैं और उनके विभाग का कामकाज भी ठीक रहा है। उन्होंने बड़े अंतर से जीत भी दर्ज की है। अब तोमर को बड़ा मंत्रालय मिल सकता है। ग्वालियर दक्षिण से विजयी नारायण सिंह कुशवाह को मंत्रिमंडल में स्थान मिलना तय है। भारत सिंह के हारे के बाद कुशवाह समाज को साधने उनको मंत्री बनाया जाएगा। साथ ही पोर्टफोलियो का वजन बढ़ सकता है।
अंचल में दिग्गजों की हार के बाद नए चेहरों को जगह
अंचल में इस बार भाजपा 34 सीटों में से 18 सीटों पर जीत मिली है। 2018 के मुकाबले में उसे 11 सीटों का फायदा हुआ ग्वालियर-चंबल संभाग को छोड़कर अन्य संभागों में जिस तरह से भाजपा के प्रचंड लहर चली है उसे देखते हुए इन क्षेत्र में मंत्रिमंडल में अधिक से अधिक लोगों को जगह मिल सकती है। अंचल में वरिष्ठ नेता लाल सिंह आर्य के हारने से एक पद कम हो गया है। यदि वे चुनाव जीतने तो उनका भी मंत्री बनना लगभग तय था। इसी तरह से अगर ग्वालियर पूर्व से माया सिंह विजयीं होती तो वह भी मंत्रिमंडल में जगह बनाती। यही स्थिति इमरती के साथ भी रहती।

अब इन दिग्गज के हारने से जीतकर आए नए लोगों के लिए अवसर बढ़ गया है। इस कारण सिंधिया खेमे के भितरवार से विजयी मोहन सिंह राठौर को भी राज्यमंत्री बनाकर मौका दिया सकता है। साथ ही सिंधिया के साथ भाजपा में आए ऐदल सिंह कंसाना को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। इसी तरह पिछोर से जीतने वाले प्रीतम लोधी को भी लोधी समाज को देखते हुए मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है।

शिवपुरी में अच्छे प्रदर्शन करने पर मिलेगा मंत्री पद का तोहफा
ग्वालियर-चंबल संभाग में शिवपुरी का सबसे बेहतर प्रदर्शन रहा है। यहां भाजपा ने पांच से चार सीटें जीती हैं। शिवपुरी से यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा चुनाव लड़ने से इंकार करने के बाद चूंकि वे यहां से मंत्री रही है इसलिए यहां से भी मंत्री बनना तय है। यहां शिवपुरी सीट से केपी सिंह को हराने वाले देवेन्द्र कुमार जैन और पिछोर से पूर्व सीएम उमा भारती के करीबी प्रीतम लोधी को भी जगह मिल सकती है। उधर भिंड की मेहगांव सीट से चुनाव जीते राकेश शुक्ला भी मंत्री बन सकते हैं।

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