हादसों में विदेश के कई शहरों से भी सबसे आगे राजधानी … रोज चार लोगों की जाती है जान
Delhi: सड़क दुर्घटनाओं में रोज चार लोगों की जाती है जान, हादसों में विदेश के कई शहरों से भी सबसे आगे राजधानी
राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में रोज 4 लोगों की मौत होती है। वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में 1461 लोगों की मौत हुई, इस हिसाब से रोज चार लोगों की जान गई। वर्ष 2023 में भी 30 नवंबर तक रोज चार लोगों की मौत हुई। दुर्घटनाओं के मामले में दिल्ली विदेश के कई शहरों से भी सबसे आगे है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में से दिल्ली में सबसे अधिक घातक दुर्घटनाएं हुईं, इसके बाद चेन्नई, बीजिंग और शंघाई का स्थान है। हालांकि, अन्य समान जनसांख्यिकीय और भौगोलिक विशेषताओं वाले शहरों में कई सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, लेकिन उनकी मृत्यु दर दिल्ली की तुलना में कम है। टोक्यो और न्यूयॉर्क जैसे शहर उच्चतर हैं।
दिल्ली की तुलना में इनकी जनसंख्या ज्यादा है, फिर भी सबसे कम सड़क मृत्यु दर दर्ज की गई। दिल्ली में मोटर वाहन पंजीकरण अनुपात 37.3% है इसकी आबादी के हिसाब से इसे चेन्नई के बाद दूसरा सबसे बड़ा स्थान दिया गया है। टोक्यो का पंजीकरण अनुपात 8.3% है, जबकि न्यूयॉर्क में 15.81%, शंघाई में 20%, बीजिंग में 25.4%, मुंबई में 4.7% और कोलकाता में 5.2% मोटर वाहन पंजीकरण हैं। वर्ष 2022 में दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में पिछले वर्ष 2021 की तुलना में औसतन 19.7% की वृद्धि हुई। साधारण सड़क दुर्घटनाओं व घातक क्रमशः 17.9% और 21.7% की वृद्धि हुई। दिल्ली में हर दिन औसतन 15 दुर्घटनाएं और चार मौतें होती हैं।