क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्राइन वाले कफ सिरप खतरनाक ! दवाओं पर चेतावनी भी लिखे …
क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्राइन वाले कफ सिरप खतरनाक …
DCGI ने कहा- 4 साल से छोटे बच्चों को न दें; दवाओं पर चेतावनी भी लिखे
भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्राइन के फिक्स कॉम्बिनेशन वाले कफ सिरप को 4 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए खतरनाक माना है। DCGI ने 4 साल से छोटे बच्चों को यह सिरप न देने को कहा है। क्लोरफेनिरामाइन मैलेट IP 2 mg और फिनाइलफ्राइन HCL 5 mg के कॉम्बिनेशन वाला सिरप आमतौर पर सर्दी-खांसी और फ्लू के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
DCGI ने 18 दिसंबर को फिक्स्ड ड्रग्स कॉम्बिनेशन यानी FDC को लेकर सभी राज्यों को एक लेटर लिखा है। इसमें कहा गया है कि क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्राइन के कॉम्बिनेशन से बने कफ सिरप पर यह लिखा जाए कि उसमें दोनों दवाओं की उसमें कितनी-कितनी मात्रा मौजूद है। साथ ही दवाओं के लेवल पर यह चेतावनी लिखी जाए कि इन्हें 4 साल से छोटे बच्चों को नहीं देना है।
बच्चों के इलाज के लिए ओवर द काउंटर ड्रग्स के इस्तेमाल पर चिंतित WHO
DCGI ने छोटे बच्चों के लिए सर्दी-जुकाम के इलाज के लिए अप्रूवल के बिना ही ड्रग फॉर्मूला इस्तेमाल करने पर चिंता जताई है। WHO भी 5 साल तक के बच्चों में सर्दी-जुकाम के इलाज के लिए ओवर द काउंटर दवाओं का इस्तेमाल न करने को कहता है। ओवर द काउंटर ड्रग्स ऐसी दवाएं हैं, जिन्हें डॉक्टरी सलाह के बिना ही लोग सीधे मेडिकल स्टोर से खरीद लेते हैं।
देश में कफ सिरप पीने से 12 बच्चों की मौत हुई थी, 4 डिसेबल हो गए थे
DCGI के अधिकारियों ने बताया कि 2019 में 12 बच्चों की मौत देश में बने कफ सिरप पीने की वजह से हुई थी। 4 अन्य बच्चों में गंभीर शारीरिक परेशानी हो गई थी। इसके बाद भारत ने जून 2023 से एक्सपोर्ट किए जाने वाले कफ सिरप की टेस्टिंग अनिवार्य कर दी थी। कफ सिरप के लिए सुरक्षा मापदंड भी कड़े कर दिए गए थे। हालांकि जिन कंपनियों के कफ सिरप से बच्चों की मौत होने की बात सामने आई थी, उन्होंने किसी तरह की लापरवाही से इनकार किया था।
दुनिया के कई देशों ने भारत में बनी दवा से बच्चों की मौत का दावा किया था
गांबिया में 2022 में मेडन फार्मा के 4 सिरप से कथित तौर पर 70 बच्चों की मौत की बात कही गई थी। सभी बच्चे 5 साल से कम उम्र के थे और मौत की वजह किडनी इंजरी बताई गई थी। गांबिया सरकार ने जांच में पाया था कि भारतीय कंपनी की बनी दवाई से ये मौतें हुईं। सभी मौतों में लक्षण एक जैसे थे।
इसके साथ ही उज्बेकिस्तान सरकार ने आरोप लगाया था कि भारत में बने कफ सिरप की वजह से उनके देश में 18 बच्चों की मौत हुई। उज्बेक हेल्थ मिनिस्ट्री ने नोएडा के मेरियन बायोटेक में बना कफ सिरप DOK-1 MAX पीने से बच्चों की जान जाने का दावा किया था।