200 लोगों ने कॉमर्शियल स्पेस में 40% खपाई ब्लैकमनी….
200 लोगों ने कॉमर्शियल स्पेस में 40% खपाई ब्लैकमनी….
72 घंटे में 700 करोड़ के अघोषित लेनदेन, 7 करोड़ कैश, ज्वेलरी और 900 एग्रीमेंट मिले
कॉमर्शियल स्पेस बेचने के नाम पर नोएडा में चार बिल्डर- भूटानी इंफ्रा, ग्रुप 108, एडवंट, लाजिक्स समेत दो ब्रोकर कंपनी पर 72 घंटे से ज्यादा समय से रेड जारी है। इस रेड में जिन 200 लोगों ने अपना ब्लैक मनी खपाया वो सभी दिल्ली एनसीआर के बड़े कारोबारी है। जिनमें से अधिकांश वे है जिनके यहां कारोबार कैश में किया जाता है। हालांकि अब तक मनी लॉन्ड्रिंग के पुख्ता साक्ष्य नहीं मिले है। इनकी एक सूची इनकम टैक्स के पास है जिनके ट्रांजैक्शन को खंगालने का काम भी शुरू किया गया है। कॉमर्शियल स्पेस खरीदने में 40% तक कैश मनी दी।
इससे संबंधित 900 एग्रीमेंट भी सर्च के दौरान मिले। एग्रीमेंट में जिन कारोबारियों के साइन हैं, उनसे पूछताछ की जा सकती है। एग्रीमेंट के बारे में कंपनी के अकाउंटेंट और सेल परचेज विभाग के कर्मियों से पूछताछ की जा रही है। बताया गया कि सर्च अभी और लंबी चल सकती है। गुरुवार को 37 लोकेशन पर शुरू हुई ये सर्च अब 28 लोकेशन पर चल रही है। संभावना है कि एक दो दिन में लोकेशन और कम होंगी।
72 घंटे की सर्च में अब तक ये मिला
72 घंटे से ज्यादा की सर्च में अब तक चारों बिल्डरों खासकर भूटानी इंफ्रा और ग्रुप 108 से करीब 700 करोड़ रुपए की अघोषित लेनदेन की जानकारी मिली है। इसके अलावा 7 करोड़ रुपए का कैश और ज्वेलरी मिली। जिसमें 4 करोड़ रुपए कैश और 3 करोड़ की ज्वेलरी मिली है। 15 लॉकर मिले है। इनको अभी खोला नहीं गया है। इन लॉकर को इनकम टैक्स विभाग ने अपने हस्तगत कर लिया है। जल्द ही इनको खोला जाएगा। जो 900 एग्रीमेंट की ट्रेल मिली है, वे सभी सेल परचेज से संबंधित हैं।
2000 करोड़ का लोन चुकाने के लिए लॉजिक्स ने किया भूटानी से एग्रीमेंट
दरअसल, लाजिक्स ग्रुप ने इंडिया बुल्स से करीब 2000 करोड़ का लोन लिया। इस लोन के बाद उसने नोएडा में पांच से छह प्लाट लिए। यह प्लाट ऑफिस, कॉमर्शियल स्पेस के लिए थे। यहां निर्माण शुरू किया गया, लेकिन आधा अधूरा निर्माण के बाद लॉजिक्स ने काम बंद कर दिया। इंडिया बुल्स की ओर से लोन जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है, जिसके चलते लॉजिक्स ने भूटानी ग्रुप के साथ एक एग्रीमेंट साइन किया, इसके तहत भूटानी ग्रुप इनका कॉमर्शियल स्पेस बना कर बेचेगा। धीरे-धीरे लोन की राशि लॉजिक्स को देगा।
फरवरी 2022 में इनकम टैक्स विभाग को पहली बार टैक्स चोरी का इनपुट मिला। डेढ़ वर्ष पहले विभाग ने बिल्डरों पर सर्च की योजना तैयार की थी, लेकिन अनुमति नहीं मिलने पर सर्च को एक वर्ष तक रोके रखा गया। टैक्स चोरी के पुख्ता सबूत हाथ लगने के बाद दस्तावेजों को खंगालना काम शुरू किया। इसी दौरान पता चला कि भूटानी ग्रुप दो भागों में बंट गया। पहली भूटानी इंफ्रा और दूसरा ग्रुप 108 रहा। अब दोनों कंपनी के जरिए कॉमर्शियल स्पेस को बेचा जा रहा है, जिसमें जमकर कालाधन का इस्तेमाल हो रहा है। इसी तरह एडवंट ने भी भूटानी के साथ एग्रीमेंट किया, जिसको इसलिए चारों बिल्डर के यहां पर एक साथ सर्च की गई।
दो ग्रुप में बंटा भूटानी…’ग्रुप-108 और भूटानी इंफ्रा’ जानते हैं
दिल्ली एनसीआर में करीब 15 साल पहले आशीष भूटानी ने भूटानी ग्रुप बनाया। नोएडा दिल्ली एनसीआर में इस ग्रुप ने रियल स्टेट क्षेत्र में कई परियोजनाएं बनाई। करीब एक साल पहले ये भूटानी दो हिस्सों में बट गया। पहला भूटानी इंफ्रा जिसके एमडी आशीष भूटानी बने और दूसरा ग्रुप 108 जिसके एमडी डॉक्टर आमीश भूटानी और संचित भूटानी बने। दोनों ने अलग कंपनी बनाई और रियल स्टेट सेक्टर में कॉमर्शियल स्पेस बेचना शुरू किया। ये दोनों कंपनियां मिलकर लॉजिक्स के कॉमर्शियल प्लाट को बेच रही थी। भूटानी इंफ्रा ने नोएडा में भूटानी अल्फाथम, भूटानी साइबथम, टेक्नोपार्क, साइबर पार्क , एवेन्यू -62, एवेन्यू 133, सिटी सेंटर 150 और ऑफिस 365 जैसे प्रोजेक्ट बनाए है।
कॉमर्शियल स्पेस बेचने में 40% नकद लिया गया
पूरा खेल लॉजिक्स ग्रुप के कई कॉमर्शियल भूखंड को बनाकर कॉमर्शियल स्पेस बेचने को लेकर बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है, जिसमें भूटानी ग्रुप के पुराने हिस्सेदार आइथम एवं कोरंथम के मालिक संदीप साहनी भी सम्मिलित है, जिसका भूटानी ग्रुप से आंतरिक एग्रीमेंट किया, जिसके तहत भूटानी ने इस स्पेस को बेचना शुरू किया। यहां अधिकांश पैसा ब्लैक में खपाया गया। लगभग एक प्लाट को बेचने में 40 प्रतिशत तक की धनराशि नकद में ली गई। जिसका न कोई पक्के दस्तावेज होते है और न ही कोई लीगल डाक्यूमेंट।