भाजपा को रोकने के लिए राहुल-अखिलेश के पास क्या हैं विकल्प ?
भाजपा को रोकने के लिए राहुल-अखिलेश के पास क्या हैं विकल्प, PDA का आइडिया कितना होगा कारगर?
तमाम हिचकोले खाने के बाद अंततः यूपी में I.N.D.I गठबंधन सफल हो गया है। सीटों पर तालमेल बनने के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी न केवल साथ आ गए हैं, बल्कि राहुल गांधी-अखिलेश यादव भारत जोड़ो न्याय यात्रा में एक साथ शामिल भी हो चुके हैं। इससे यह संदेश गया है कि यूपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को रोकने के लिए वे हर स्तर पर साथ हैं। यदि अखिलेश, राहुल गांधी और चंद्रशेखर रावण और अन्य छोटे दलों को साथ लाने में सफल हो जाते हैं, तो यह गठबंधन ज्यादा प्रभावी हो सकता है।
लेकिन बड़ा प्रश्न यही है कि मोदी-भाजपा को रोकने के लिए सपा-कांग्रेस के पास एजेंडा क्या है? वे किन मुद्दों पर जनता को आकर्षित कर लोगों को अपने पक्ष में वोट देने के लिए कहेंगे? पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा के पास दस साल में किए गए कार्यों का भारी-भरकम लेखा जोखा है।
पार्टी का दावा है कि मोदी सरकार की नीतियों से जनता में भारी बदलाव हुआ है, तो देश की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हुई है। राम मंदिर जैसे मुद्दे से वह हिंदू बहुल समुदाय को आकर्षित कर रही है, तो हर वर्ग के गरीबों को राशन-घर-गैस देकर उनका समर्थन हासिल कर रही है। मोदी के इस एजेंडे को राहुल-अखिलेश कैसे चुनौती देंगे?
पीडीए को हमने दी ताकत- भाजपा
अखिलेश यादव जिस पीडीए वर्ग (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग) का मुद्दा उछाल रहे हैं, क्या वह बदले समय में भी कारगर होगा? भाजपा प्रवक्ता एसएन सिंह का दावा है कि केंद्र सरकार ने पिछड़े वर्ग के लिए न केवल सबसे ज्यादा काम किया है, बल्कि ओबीसी समुदाय के लिए आयोग बनाकर, उन्हें विभिन्न संस्थाओं में आरक्षण देकर पिछड़े वर्ग को मजबूत भी किया है। प्रधानमंत्री के रूप में सबसे बड़ा पिछड़ा चेहरा उनके पास है, तो केंद्र से लेकर राज्यों तक हर जगह पिछड़े समुदाय के लोगों को मंत्री पद-संगठन में जिम्मेदारी देकर उनका सम्मान किया गया है। तीन तलाक समाप्त कर भी अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं को सशक्त करने का काम किया गया है।
सपा-कांग्रेस गठबंधन नाकाम होगा- भाजपा
भाजपा प्रवक्ता एसएन सिंह का दावा है कि केंद्र सरकार ने दलित-जनजातीय समुदाय के लोगों को राष्ट्रपति पद पर बैठाकर उनका सम्मान किया है, महिलाओं को नारी शक्ति वंदन कानून से हर स्तर पर भागीदारी बढ़ाने का काम किया जा रहा है। उनका दावा है कि मोदी सरकार एक बड़े सामाजिक बदलाव के लिए काम कर रही है, जो देश को हर स्तर पर सशक्त करने का काम करेगी। भाजपा नेता के अनुसार, केवल जातीय राजनीति करने के दिन अब लद चुके हैं और सपा-कांग्रेस गठबंधन पहले की तरह एक बार फिर नाकाम होगा।
उनका दावा है कि अब तक सपा, बसपा और राजद जैसे दल केवल जातीय आधारों पर राजनीति करते थे, जबकि नरेंद्र मोदी ने हर वर्ग के गरीब, महिला को एक जाति मानकर सबकी भलाई के लिए काम किया। इसी का परिणाम है कि अब जातीय राजनीति करने वाली पार्टियों पर से जनता का भरोसा समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस गठबंधन के पास मोदी को हटाने के नकारात्मक सोच के अलावा कोई सकारात्मक एजेंडा नहीं है, इसी कारण वह असफल होगा।
जनता की आवाज बनेगा इंडिया गठबंधन- सपा
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मोहम्मद आजम ने अमर उजाला से कहा कि उनकी पार्टी का एजेंडा केवल जातीय भागीदारी बढ़ाने की नहीं है। पीडीए समाज सबसे गरीब वर्गों में शामिल है। उसका आर्थिक सशक्तीकरण करना उनका सबसे बड़ा मुद्दा है। यदि सरकार स्वयं यह कह रही है कि वह हर महीने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रही है, और स्वाभाविक तौर पर इसमें सबसे बड़ी भागीदारी पीडीए वर्गों की ही होगी, इसी से पता चल जाता है कि देश में गरीबी कितनी ज्यादा है। उनका दावा है कि यह मुद्दा जनता को आकर्षित करेगा और लोग गठबंधन उम्मीदवारों को वोट करेंगे।
मोहम्मद आजम ने कहा कि सरकार केवल विपक्षी दलों को समाप्त करने का काम कर रही है। केवल विपक्ष के नेताओं पर हमले किए जा रहे हैं। हर संवैधानिक संस्था को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। जनता देख रही है कि किस तरह विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार के खिलाफ हर आवाज I.N.D.I गठबंधन के तले एकजुट होगी और वे भाजपा को यूपी सहित विभिन्न राज्यों में रोकने में कामयाब रहेंगे।