जातीय सोच को पीछे छोड़ करें मतदान ?

 विहिप की हिंदुओं से अपील, जातीय सोच को पीछे छोड़ करें मतदान, नोटा को ना कहना जरूरी
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख सदस्य और विहिप के वरिष्ठ नेता कामेश्वर चौपाल द्वारा रखे गए एक प्रस्ताव को बैठक में पास कर दिया गया है। इस प्रस्ताव में आगामी लोकसभा चुनाव को राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय जीवन मूल्यों के लिए बेहद आवश्यक चुनाव बताया गया है…

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने पूरे देश के हिंदुओं से अपील की है कि वे अपनी जातिगत सोच को पीछे छोड़कर राष्ट्रहित में एकजुट होकर शत-प्रतिशत मतदान करें। विहिप ने युवाओं से अपील की है कि वे अपने घर और आसपास के हर मतदाता का मतदान होना सुनिश्चित कराएं। साथ ही हिंदुओं से मतदान के समय नोटा (NOTA) का विकल्प न अपनाने को भी कहा गया है।

अयोध्या में चल रही तीन दिवसीय बैठक (25-27 फरवरी) के दूसरे दिन तीन प्रस्ताव पास कर विहिप ने कहा है कि राम मंदिर के निर्माण के साथ ही देश में ‘राम राज्य’ युग का प्रारंभ हो गया है। अब विश्व को मानव कल्याण वाले विकास के मार्ग पर ले जाने की जिम्मेदारी हिंदू समुदाय की है। हिंदू समुदाय को विश्व की अगुवाई करने की यह जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले विश्व हिंदू परिषद की इस अपील को राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है।  

अंतरराष्ट्रीय महत्त्व का चुनाव

श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख सदस्य और विहिप के वरिष्ठ नेता कामेश्वर चौपाल द्वारा रखे गए एक प्रस्ताव को बैठक में पास कर दिया गया है। इस प्रस्ताव में आगामी लोकसभा चुनाव को राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय जीवन मूल्यों के लिए बेहद आवश्यक चुनाव बताया गया है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि ‘आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित, समृद्ध और शक्तिशाली देश सौंपना हम सबका सामूहिक दायित्व है। इस कार्य के लिए ऐसी सरकार का निर्वाचन आवश्यक है, जो भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों का सम्मान करे और उनकी रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हो।’

पूरे प्रस्ताव में कहीं पर भी भाजपा का नाम नहीं लिया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि विहिप ने इसके जरिए हिंदू समाज से भाजपा के लिए वोट देने की अपील की है। उसका मानना है कि भारतीय जनता पार्टी ही एक मात्र दल है, जो हिंदुत्व के लिए काम करती है और उसको आगे बढ़ाने के लिए सदैव प्रयासरत रहती है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भले ही सर्वोच्च अदालत के निर्णय के बाद किया गया है, लेकिन मंदिर निर्माण में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यही कारण है कि विहिप की इस अपील को भाजपा से जोड़कर देखा जा रहा है।   

विहिप ने कहा है कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के साथ ही एक नए युग का आरंभ हो गया है। अब राम मंदिर से रामराज्य की यात्रा आरम्भ हो गई है। विहिप ने कहा है कि यह एक सभ्यता का संघर्ष था, जिसमें हिंदू सभ्यता के नए सांस्कृतिक जीवन मूल्य स्थापित हो रहे हैं। इस नये युग के निर्माण का उत्तरदायित्व हिंदू समाज को स्वीकार करना होगा और स्वयं को उसके लिए तैयार करना होगा। संगठन ने अपील की है कि अब लोग अपने जीवन में रामलला के जीवन मूल्यों को अपनाएं।

हमारी अपील सांप्रदायिक नहीं- विहिप

अब तक मुस्लिम समुदाय के कुछ धार्मिक नेता अपने समुदाय के लोगों से किसी राजनीतिक दल विशेष को वोट देने के लिए कहते रहे हैं। उसकी आलोचना भी होती रही है। क्या विहिप की यह अपील उसी श्रेणी में नहीं आता है और क्या इसकी भी आलोचना नहीं की जानी चाहिए?

अमर उजाला के इस प्रश्न पर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि उनकी अपील सांप्रदायिक नहीं है। हिंदू समुदाय से भारत के आर्थिक-सामाजिक विकास के लिए काम कर रहे राजनीतिक दल के वोट करने के लिए कहा गया है। इसमें हर जाति, हर वर्ग और हर धर्म का कल्याण समाहित है। जबकि दूसरे पक्ष से की गई अपील एक धर्म विशेष के लिए काम करने वाले दलों के लिए वोट करने की होती थी, जो सांप्रदायिक होती थी। उन्होंने कहा कि उन अपीलों में देश को सांप्रदायिक आधार पर तोड़ने की साजिश होती थी, जबकि विहिप की अपील भारत को संप्रभु संपन्न और सक्षम भारत बनाने के लिए काम करने वालों को वोट देने की है।

विनोद बंसल ने कहा कि विहिप की बैठक में हिंदू परिवारों को एकजुट रखने, आम जनजीवन में राम के कार्यों को अपनाने और सामाजिक चेतना जागृत करने के लिए हर घर में एक बजरंग दल का सदस्य पैदा करने की बात की गई है। विहिप अपने संगठन का विस्तार कर देश में सामाजिक, सांस्कृतिक विकास का सपना देख रहा है। इस एक वर्ष में हर जिले, हर प्रखंड तक पहुंचने की योजना बनाई जा रही है।

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