इंदौर : 286 में 166 अस्पतालों ने नहीं दिया रिकॉर्ड !
पंजीयन-प्रसूति:286 में 166 अस्पतालों ने नहीं दिया रिकॉर्ड, प्रमुख सचिव का मुख्य चिकित्सा अधिकारी को नोटिस
बीते कई माह से लगातार रिमाइंडर के बावजूद अफसर जिले में हुई प्रसूतियों का रिकॉर्ड नहीं दे पा रहे है। गर्भवती महिलाओं के पंजीयन और प्रसूति में बड़ा अंतर आ रहा है और सरकार के पास जवाब नहीं है। इंदौर की हालत सबसे ज्यादा बुरी है क्योंकि प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रसूति यहीं होती है। इस बार ऐसी लापरवाही से नाराज प्रमुख सचिव ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूरे सिंह सेतिया को कारण बताओ सूचना पत्र भी जारी कर दिया है और बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए दस दिन में जवाब मांग लिया है।
पीएस द्वारा जारी नोटिस में अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा गया है कि वरिष्ठ कार्यालय के आदेशों को गंभीरता से नहीं लेते हुए काम में उदासीनता रखी जा रही है और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में काम करने में अक्षम है। यह कदाचरण की श्रेणी में है। सीएमएचओ को दस दिन में इसका जवाब प्रमुख सचिव सह आयुक्त को देना है।
समय सीमा में उत्तर नहीं देने पर एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी। नोटिस में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से कई बार निर्देश के बावजूद सीएमएचओ ने निजी अस्पतालों की निगरानी गंभीरता से नहीं की।
– सिर्फ इंदौर में ही पांच लाख से ज्यादा का अंतर
यूं तो प्रदेश में 15 लाख 91 हजार 624 रजिस्ट्रेशन किए गए हैं लेकिन डिलीवरी का रिकॉर्ड 12 लाख 13 हजार 573 महिलाओं का ही दर्ज है। इंदौर में 49 हजार 968 प्रसूति का रिकॉर्ड ही है। जबकि रजिस्ट्रेशन 67 हजार 363 महिलाओं का किया गया था। बाकी आंकड़ों को गोलमोल किया जा रहा है। निजी अस्पतालों द्वारा जानकारी नहीं देने के नाम पर बचने की कोशिश की जाती है। बार-बार दिए जा रहे इन जवाबों के कारण प्रमुख सचिव ने सख्ती भरा नोटिस जारी किया है।
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सभी को आईडी-पासवर्ड मिल चुके
सीएमएचओ को कुल 286 निजी स्वास्थ्य संस्थाओं को अनमोल आरसीएच पोर्टल पर मैप करने की जिम्मेदारी व लॉग-इन आईडी व पासवर्ड दिए गए थे। राज्य से आदेश मिलने के बावजूद 166 निजी संस्थाओं ने वर्ष 2023-24 में एक भी प्रसव की जानकारी नहीं भेजी है।