BJP तीन सीटों पर क्यों फंस रहा पेंच
MP के जिन 5 टिकट पर किटकिट..उनमें 3 मालवा-निमाड़ के
इंदौर है BJP के लिए इनामी सीट, इसलिए बिगड़ा धार का गणित
मध्यप्रदेश की 29 में 24 लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। जिन 5 सीट के टिकट पर किटकिट है, उनमें से तीन मालवा निमाड़ की हैं। मालवा-निमाड़ में 8 लोकसभा सीट में से 5 पर टिकट घोषित किए गए हैं। 3 सीटों को होल्ड पर रखा है। इसमें इंदौर, उज्जैन और धार सीट शामिल है। एमपी में मालवा-निमाड़ के जिस रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज किया उस सीट पर पार्टी ने टिकट बदला है। 11 फरवरी को वे यहां आए थे।
पांच में से एक मौजूदा सांसद गुमान सिंह डामोर का टिकट कटा है। इस सीट पर अनिता नागर सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया गया है। बाकी सभी पुराने चेहरे हैं।
तीन सीटों पर क्यों फंस रहा पेंच, किस सीट पर बदला टिकट…।
इसलिए ये तीनों सीट अभी होल्ड
इंदौर : प्रदेश की सेफ सीटों में इंदौर सीट शामिल है। आरएसएस-बीजेपी का गढ़ है। पिछले चुनाव (2019) का परफॉर्मेंस देखें तो मोदी लहर में बीजेपी से शंकर लालवानी ने कांग्रेस के पंकज संघवी को 5 लाख 47 हजार 754 वोटों से हराया था। यह रिकॉर्ड जीत थी। यही वजह है कि पार्टी इस सीट को इनाम बांटने की तरह देख रही है।
माना जा रहा है कि जिसे भी टिकट दिया वो बड़े अंतर से जीत सकता है, क्योंकि यही ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। विधानसभा चुनाव में भी पार्टी संसदीय क्षेत्र की सभी 8 सीट जीती है। ऐसे में शंकर का टिकट पार्टी ने होल्ड कर दिया है। महिला टिकट के तौर अन्य नामों के अलावा दिव्या गुप्ता का नाम भी चल रहा है।
धार : इस संसदीय क्षेत्र में धार, बदनावर, धरमपुरी, मनावर, कुक्षी, गंधवानी, सरदारपुर और महू विधानसभा सीट शामिल है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने ये सीट 1.56 लाख वोट से जीती थी। चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार छतरसिंह दरबार को सबसे बड़ी लीड धार विधानसभा से 71482 वोट की मिली थी।
विधानसभा 2023 के चुनाव में धार सीट पर बीजेपी ने 9694 वोट से जीत हासिल की। हालांकि मुकाबले में बीजेपी कांग्रेस के बागी प्रत्याशी भी थे। इस कारण वोट बंट गया। अब संसदीय क्षेत्र में बीजेपी की लीड जीरो हो गई है और कांग्रेस यहां 35 हजार 377 वोट की लीड में है।
कांग्रेस के लिए यह उम्मीद की किरण है। बीजेपी इस सबक लेकर खुद को मजबूत करने में जुटी है। यही वजह है कि पार्टी ने पहली सूची में मौजूद सांसद का टिकट होल्ड कर दिया। महू, बदनावर और धार विधानसभा सीट को छोड़कर बाकी सभी सीट रिजर्व (आदिवासी) हैं।
उज्जैन : मालवा-निमाड़ में तीसरी होल्ड सीट में उज्जैन लोकसभा सीट शामिल है। यहां से सांसद अनिल फिरोजिया हैं। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का ये गृह क्षेत्र है। यहां से महिला टिकट दिए जाने की चर्चा है। इसमें दो नाम चल रहे हैं। एक रानी जाटवा और दूसरा पूर्व महापौर मीना जूनवाल।
रानी जाटवा का नाम चौंकाने वाला है। रानी उज्जैन विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. प्रभुलाल जाटवा की बहू हैं। डॉ. जाटवा संघ से जुड़े हुए हैं। आरएसएस-बीजेपी का ये गढ़ है। ऐसे में संघ की पसंद को भी यहां तरजीह दी जाएगी। बता दें 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 3.65 लाख वोट की लीड मिली थी। जबकि 2023 के विधानसभा चुनाव में 1.77 लाख वोट की लीड संसदीय क्षेत्र में रही है।
अब ये चार विकल्प, पहले इन पर बात, उसके बाद ही टिकट तय होगा
महिला प्रत्याशीः
- पहली सूची में 4 महिला प्रत्याशी हैं। ज्यादा महिलाओं को मौका देने की बात चल रही है तो इंदौर सीट पर एक बार फिर महिला प्रत्याशी हो सकती है। इसके लिए तीन-चार नाम हैं। उनमें से कोई फाइनल हो सकता है।
लालवानी रिपिट
- लालवानी के नाम पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन पिछली बार उनका टिकट करवाने में भूमिका निभाने वाले पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद विदिशा सीट से चुनाव लड़ेंगे। नया चेहरा लाने या दूसरे प्रयोग जो भाजपा आमतौर पर हर चुनाव में करती है तो लालवानी का टिकट बदल सकता है।
संघ पदाधिकारी या नए चेहरे: महापौर
- चुनाव में भाजपा ने वकालत कर रहे युवा पुष्यमित्र भार्गव को मौका दिया था। संघ से जुड़े दो-तीन नेताओं के नाम लगातार सामने आ रहे। विचाराधारा से जुड़े प्रोफेशनल को टिकट देने का रास्ता अपनाया तो डॉक्टर, सीए, उद्योगपति जैसा कोई नया नाम आगे आएगा।
बाहर से या हारे, टिकट से चूके नेताः
- वे नेता दौड़ में हैं, जिन्हें विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं मिला था। इंदौर से सीधा ताल्लुक न होने, लेकिन पार्टी में गहरी पैठ के कारण कुछ बाहरी जिलों के नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं।
पीएम ने जहां से चुनाव प्रचार का आगाज किया वहां से मिला मंत्री की पत्नी को टिकट
पीएम मोदी 11 फरवरी को झाबुआ आए थे। यहां से उन्होंने एमपी में लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज किया था। बीजेपी ने रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद गुमान सिंह डामोर का टिकट काट दिया। यहां से कैबिनेट मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनिता चौहान को उम्मीदवार बनाया है।
अनिता चौहान दूसरी बार की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। पढ़ा-लिखा और साफ छवि वाला चेहरा है। टिकट की दौड़ में नाम नहीं चलने के बावजूद पार्टी ने चौंकाने वाला टिकट घोषित किया है। पार्टी के एक कार्यकर्ता ने उन्हें फोन कर टिकट फाइनल होने की सूचना दी।
बीजेपी एक नई आदिवासी लीडरशिप तैयार कर रही है। इसी कड़ी में पार्टी ने पति नागर सिंह चौहान को कैबिनेट मंत्री बनाया और अब पत्नी को सांसद का टिकट दिया है। इस संसदीय क्षेत्र में आलीराजपुर, जोबट, झाबुआ, पेटलावद, थांदला, रतलाम शहर, रतलाम ग्रामीण और सैलाना शामिल है।
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने ये सीट 90 हजार 636 वोट से जीती थी। संसदीय क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार को सबसे बड़ी लीड रतलाम शहर विधानसभा से 53 हजार 138 वोट की मिली थी। हाल ही में हुए विधानसभा 2023 के चुनाव में रतलाम शहर सीट बीजेपी 60 हजार 708 वोट से जीती है। बावजूद संसदीय क्षेत्र की सभी सीटों पर कुल 54981 वोट की लीड ही बीजेपी को मिली है।
इस तरह संसदीय क्षेत्र में बीजेपी की लीड घटी है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अगर बीजेपी को ये सीट जीतना है तो पिछली बार से ज्यादा मेहनत करना पड़ेगी। रतलाम शहर को छोड़कर सभी सीट आरक्षित (एसटी) है। अगर आदिवासी वोट कांग्रेस की तरफ टर्न करता है तो कांग्रेस की राह आसान हो सकती है। विधानसभा चुनाव में यहां एक सीट (सैलाना) गैर भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशी के खाते में गई है।