भारत को अपने युवाओं पर गर्व है। सारा विश्व उनकी सृजनात्मकता, बुद्धिमत्ता और प्रतिभा का लोहा मानता है। देश की तकनीकी शिक्षा, प्रबंधन शिक्षा, संचार तकनीकी तथा वैज्ञानिक शोध के संस्थान अनेक देशों के लिए ईर्ष्या के कारण बने हैं। यह सब भारत के भविष्यद्रष्टा नेतृत्व के कारण ही संभव हो सका है। हालांकि कुछ ऐसे भी मुद्दे हैं, जो देश के लिए अत्यंत चिंताजनक स्थिति निर्मित कर रहे हैं। आज शिक्षा व्यवस्था में असामाजिक तत्व और भ्रष्ट प्रवृत्तियां लगातार बढ़ रही हैं और व्यवस्था की साख को दीमक की तरह नष्ट कर रही हैं। इस पर विमर्श और त्वरित निर्णय लेना अत्यंत आवश्यक हो गया है। अन्यथा स्थिति हाथ से निकलती जाएगी।