जानें कैसा रहा राष्ट्रीय पार्टियों का सफर ?

Election: पहले लोकसभा चुनाव में थे 14 राष्ट्रीय दल, अब छह रह गए, जानें कैसा रहा राष्ट्रीय पार्टियों का सफर
Election: देश में फिलहाल छह राष्ट्रीय पार्टियां हैं। ये दल हैं- भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, सीपीआई (एम), नेशनल पीपुल्स पार्टी और आप। 1951-52 में देश के पहले आम चुनाव में 14 राष्ट्रीय दलों ने भाग लिया था। 
Election: since first Lok Sabha polls national parties count fell from 14 to 6
इस वक्त देश में चुनावी माहौल है। 19 अप्रैल से लेकर 1 जून के बीच देशभर में सात चरणों में चुनाव कराए जाने हैं। पहले चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। तमाम पार्टियों ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। इस बीच, चुनाव आयोग ने भारत में चुनावों के इतिहास से जुड़ी एक पुस्तक ‘लीप ऑफ फेथ’ प्रकाशित की है। इस पुस्तक से कई दिलचस्प तथ्य निकलकर सामने आए हैं। चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार, 1951 में पहले लोकसभा चुनाव में 53 राजनीतिक दलों ने भाग लिया था। आज राजनीतिक दलों की संख्या 2,500 से अधिक है। हालांकि, सात दशक से अधिक समय में राष्ट्रीय दलों की संख्या 14 से घटकर छह रह गई है।

आइये जानते हैं भारत में राष्ट्रीय दलों के इतिहास और उनसे जुड़े रोचक तथ्य…

पहले जानते हैं कि राष्ट्रीय दल कौन से होते हैं?
राष्ट्रीय दल बनने के लिए किसी राजनीतिक पार्टी को तीन शर्तों में से किसी एक पर खरा उतरना चाहिए। पहली शर्त है कि पार्टी कम से कम तीन अलग-अलग राज्यों से लोकसभा की कुल सीटों में से कम से कम दो प्रतिशत सीटें जीते। या दूसरी शर्त है कि पार्टी लोकसभा सीटों के अलावा चार राज्यों में कम से कम छह प्रतिशत वोट प्राप्त करे। तीसरी शर्त है कि राजनीतिक दल चार राज्यों में राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त होनी चाहिए। 
राष्ट्रीय दल होने का फायदा क्या होता है?
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा यह सुनिश्चित करता है कि पार्टी का चुनाव चिह्न देशभर में उसके उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। उसे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कार्यालय के लिए जमीन मिलती है। देश में फिलहाल छह राष्ट्रीय पार्टियां हैं। ये दल हैं- भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, सीपीआई (एम), नेशनल पीपुल्स पार्टी और आप।
पहले चुनाव में कितने राष्ट्रीय दल थे?
1951-52 में देश के पहले आम चुनाव हुए थे। पहले चुनाव में कुल 53 राजनीतिक दलों ने भाग लिया था। इनमें से 14 ‘राष्ट्रीय दल’ (नेशनल पार्टी) थे जबकि शेष को ‘राज्य दल’ (स्टेट पार्टी) माना गया। इन चुनावों से पहले 29 राजनीतिक दलों ने राष्ट्रीय दल का दर्जा मांगा था। लेकिन केवल 14 को ही राष्ट्रीय दर्जा देने का निर्णय लिया गया।

जब चुनाव नतीजे आए थे अधिकांश दलों के लिए निराशाजनक साबित हुए और उनमें से केवल चार को ही राष्ट्रीय दर्जा बनाए रखने की अनुमति मिली। 1953 तक चार राष्ट्रीय दल थे- कांग्रेस, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (सोशलिस्ट पार्टी और किसान मजदूर पार्टी के विलय से बना दल ), भाकपा और जनसंघ थे। 

वहीं कई दलों ने अपना राष्ट्रीय दर्जा खो दिया। ये दल थे- अखिल भारतीय हिंदू महासभा, अखिल भारतीय भारतीय जनसंघ, क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी, अखिल भारतीय अनुसूचित जाति संघ, अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक (मार्क्सवादी), अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक (रुइकर), कृषि लोक पार्टी, बोल्शेविक पार्टी ऑफ इंडिया और क्रांतिकारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया।

समाजवादी पार्टी और किसान मजदूर पार्टी ने पहले चुनाव अलग-अलग लड़े थे। बाद में दोनों दलों का विलय करके प्रजा समाजवादी पार्टी का गठन किया गया।

बाद में राष्ट्रीय पार्टियों की संख्या कैसे घटी या बढ़ी? 
1957 में दूसरे चुनाव में राजनीतिक दलों की संख्या घटकर 15 रह गई। इस चुनाव में चार राष्ट्रीय दल मैदान में रहे। 1962 में अगले चुनाव में 27 दलों ने चुनाव लड़ा। समाजवादी (एसओसी) और स्वतंत्र (एसडब्ल्यूए) दलों के चुनाव लड़ने के साथ राष्ट्रीय दलों की संख्या चार से बढ़कर छह हो गई। 

अब तक सबसे कम चुनाव लड़ने वाली पार्टियां 1992 के लोकसभा चुनावों में थीं। इस चुनाव में सात राष्ट्रीय पार्टियों भाजपा, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, जनता दल, जनता पार्टी और लोक दल ने हिस्सा लिया था ।

ईसीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 1996 के आम चुनावों में 209 राजनीतिक दलों ने भाग लिया था। इनमें से कांग्रेस (आईएनसी), अखिल इंदिरा कांग्रेस (तिवारी), भाजपा, सीपीआई, सीपीएम, जनता दल, जनता पार्टी और समता पार्टी जैसे आठ राष्ट्रीय दल शामिल थे।

1998 के चुनावों में भाग लेने वाले राजनीतिक दलों की संख्या 176 थी। इनमें कांग्रेस, भाजपा, बसपा, जनता दल, सीपीआई, सीपीएम और समता पार्टी जैसे सात राष्ट्रीय दल शामिल थे।

1999 में सात राष्ट्रीय दलों सहित 160 राजनीतिक दल चुनाव मैदान में थे। चुनाव में भाग लेने वाली राष्ट्रीय पार्टियों में  भाजपा, कांग्रेस, बसपा, सीपीआई, सीपीएम, जनता दल (सेक्युलर) और जनता दल (यूनाइटेड) शामिल थीं।

2014 में छह तो 2019 में सात राष्ट्रीय दलों ने भाग लिया
2014 में 464 राजनीतिक दलों ने चुनाव लड़ा, जिनमें से छह राष्ट्रीय दल थे। चुनाव लड़ने वाले राष्ट्रीय दलों की सूची में  भाजपा, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई-एम, एनसीपी और बीएसपी शामिल थे। तृणमूल कांग्रेस को 2016 में एक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला।

2019 के चुनावों में सात राष्ट्रीय दलों समेत कुल 674 दलों ने चुनाव लड़ा था। चुनाव लड़ने वाले राष्ट्रीय दलों में भाजपा, कांग्रेस, बसपा, सीपीआई, सीपीआई (एम), एनसीपी और टीएमसी थे। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने अपना राष्ट्रीय दल का दर्जा खो दिया। पिछले साल चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) को राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता दी थी। चुनाव आयोग का फैसला 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों और 2014 के बाद से 21 विधानसभा चुनावों में पार्टियों के प्रदर्शन पर आधारित था। 

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