शीतकालीन सत्र में लोकसभा का काम 115 फीसदी बढ़ा

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि सदन के शीतकालीन सत्र में कुल 20 बैठकों में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 तथा  विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) सहित कुल 14 विधेयक पारित कराए गये और सदन के  कामकाज में 115 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

बिरला ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के स्थगित करने की घोषणा करते हुए कहा कि इस अवधि में 18 सरकारी विधेयक पेश किए गये और सदस्यों ने 28 गैर सरकारी विधेयक पुन:स्थापित किए। सत्र के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर 28 घंटे 43 मिनट चर्चा चली। उन्होंने  कहा कि इस सत्र में सदस्यों की क्षमता निमार्ण की नई पहल की गई जिसके तहत सदस्यों के लिए विधायी कार्यों को लेकर नौ ब्रीफिंग सत्र आयोजित किए गये। इसका उद्देश्य सभा के समक्ष महत्वपूर्ण विधायी कार्यों पर मुद्दों तथा विधेयक के संबंध में सदस्यों को जानकारी देना होता है। इस दौरान संबंधित मंत्रालय तथा विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहते हैं।

अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान 140 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गये और औसतन प्रतिदिन 7.36 प्रश्नों के उत्तर दिए गये। इसके अलावा प्रतिदिन औसतन 20.42 अनुपूरक प्रश्नों के उत्तर दिए गये और 27 नवंबर को सभी 20 तारांकित प्रश्न सदन में लिए गये। बिरला ने कहा कि इस सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही 130.45 घंटे चली। इस दौरान शाम को देर तक शून्यकाल चलाया गया जिसमें 934 अविलम्बनीय लोक महत्व के मामले सदस्यों ने उठाए और निर्धारित बैलट किए गए 20 मामलों की तुलना में प्रतिदिन औसतन 58.37 मामले उठाए गये। इसके अतिरिक्त उन 40 सूचनाओं को भी शून्यकाल में उठाया गया जिनको लेकर सदस्यों ने स्थगन प्रस्ताव दिए थे लेकिन उनको उठाने की अनुमति नहीं दी गई थी।

उन्होंने कहा कि नियम 377 के तहत कुल 364 मामले उठाए गए जिनमें से 121 मामलों को सभा में उठाया गया और 243 को सभा के पटल पर रखा गया। इस अवधि में सदन में 48 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गये। संसदीय कार्य मंत्री के सरकारी कार्य के संबंध में तीन वक्तव्यों सहित मंत्रियों ने विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर कुल 15 वक्तव्य दिए। सत्र के दौरान संबंधित मंत्रियों ने कुल 1669 पत्र सभा पटल पर रखे।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सभा में इस सत्र में नियम 193 के तहत दो अल्पकालिक चचार्ए भी की गई जिनमें ‘वायु प्रदूषण’ और ‘जलवायु परिवर्तन’ के संबंध में चर्चा सात घंटे 49 मिनट तक चली तथा ‘विभिन्न कारणों से फसल की क्षति और उसका कृषिकों पर प्रभाव’ विषय पर भी सात घंटे से ज्यादा चर्चा हुई। अनुदानों की अनुपूरक मांगों (सामान्य) पर पांच घंटे से अधिक चर्चा चली।

 

उन्होंने सत्र के सुचारू संचालन में सभापति तालिका में शामिल अपने सहयोग के साथ ही प्रधानमंत्री, संसदीय कार्यमंत्री, विभिन्न दलों और समूह के नेताओं तथा सदस्यों का सहयोग के लिए अभार जताया और लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों, कर्चचारियों तथा संबद्ध एजेंसियों को धन्यवाद दिया।

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