“भाजपा रही जनता को बांटने में नाकाम, इसीलिए हताश” 

धर्म के नाम पर बांटने में विफल रही बीजेपी, अब राहुल की पिच पर खेलने को हुई मजबूर

लोकसभा चुनाव के तीन चरण संपन्न हो चुके और चौथे चरण की वोटिंग में महज कुछ दिन ही बचे हैं. इस बीच बात मुद्दों की हो रही है. बात हो रही है कि कोई एक नैरेटिव या नारा सेट नहीं हुआ इस चुनाव में. इसके साथ एक बात यह भी आयी कि अब मुद्दे बदल रहे हैं, गोलपोस्ट शिफ्ट हो रहा है. यह भी बात हुई कि अब बीजेपी राहुल गांधी की पिच पर खेल रहे हैं, यानी वह संविधान लेकर अल्पसंख्यकों की बात कर रहे हैं. यह तब हुआ है, जब लगातार राहुल गांधी इस पर बात करते रहे हैं, बोलते रहे हैं. 

प्रधानमंत्री अब हमारी पिच पर

देश में लोकसभा चुनाव चौथे चरण की ओर बढ़ चुका है. .इस समय में तेलंगाना में हूं और प्रधानमंत्री भी तेलंगाना के दौरे पर हैं.  पिछल तीन चरणों में मुद्दा कांग्रेस की 5 न्याय और 25 गारंटी रहा. साथ ही खतरे में पहुंचे लोकतंत्र और संविधान को हमने मुद्दा बनाया है. वही संविधान जिसने दलित ,आदिवासी, अल्पसंख्यकों समेत एससी, एसटी,ओबीसी को अधिकार दिए हैं, बीजेपी और आरएसएस की जोड़ी उस संविधान को छीनना चाहती है.

इन तीन चरणों में प्रधानमंत्री के पास देश में महंगाई को लेकर कोई जबाब नहीं था, महंगाई को छोड़ मंगलसूत्र पर बातें हो रहीं थी, धर्म विशेष का नाम लेकर उन्हें घुसपैठिया बता कर साम्प्रदायिकता और मंदिर जैसे मुद्दों में पीएम फंसते दिखे. अब, आखिरकार अम्बानी-अडानी का नाम ले लिया जिसका हमको बहुत इंतजार था. प्रधानमंत्री तब अडानी-अम्बानी पर कुछ नहीं बोले जब संसद में राहुल गांधी ने सवाल पूछा था कि अडानी की शेल कंपनियों में 20 हज़ार करोड़ किसका है ,तब प्रधानमंत्री ने चुप्पी नहीं तोड़ी. 

आज देश भी यही जानना चाहता है कि पीएम ने देश की सारी सम्पति -एयरपोर्ट से खदानों और रेलवे तक- को बेच कर अपने पूंजीपति मित्रों को दिया. ऐसा क्यों किया, आज यही सवाल पूछा जा रहा है. एक तरफ आप अपने पूंजीपति मित्रों  के 16 लाख करोड़ का क़र्ज़ माफ़ करते हैं पर किसानों का क्यों नहीं.  इंडिया गठबंधन ने किसानों के क़र्ज़ माफ़ी की बात की है। मोदी जी बुरी तरह फंस और घिर चुके हैं.

कांग्रेस पर प्रहार

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, ”अम्बानी-अडानी टेम्पो में काला धन भर के कांग्रेस को दे रहे हैं”. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से हरकत में आने की मांग की है साथ ही ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स हरकत में आये और प्रधानमंत्री से पूछा जाए कि पहले तो प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था कैशलेस बनेगी, साथ में कालाधन भी समाप्त हो जाएगा और अब प्रधानमंत्री आरोप लगा रहे हैं कि  पूंजीपति मित्रों का काला धन टेम्पो में भर के कांग्रेस को दिया जा रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री से एजेंसियों को इन काले-धन वाले टेम्पो को लेकर पूछताछ करनी चाहिए और प्रधानमंत्री के बयान के अनुसार काले धन के मामले में अम्बानी-अडानी को गिरफ्तार करना चाहिए.

इस बयान के द्वारा प्रधानमंत्री ने अपनी पोल खुद खोल दी, क्यूंकि उनके हिसाब से जो काला धन ख़त्म हो चूका था. आज इनके बयान के अनुसार ही वो कालाधन टेम्पो में भर के इधर-उधर हो रहा है. अब देखना होगा कि चुनाव आयोग और अन्य संवैधानिक संस्थाएं अपनी चुप्पी तोड़ते हैं या नहीं. क्या ये भी प्रधानमंत्री का चुनावी बयान या जुमला ही था?  एक बात साफ़ है कि प्रधानमंत्री अपने इस दांव  से घिर चुके हैं.  कांग्रेस पिछले 10 सालों से अम्बानी-अडानी का मुद्दा उठा रही है, प्रधानमंत्री के टेम्पो वाले इस बयान पर पूरा देश उनसे सवाल पूछेगा. 

संविधान विरोधी भाजपा

बीजेपी के सांसदों ने 400 सीट मिलने पर संविधान को बदलने की बातें की हैं. बीजेपी कह रही है कि उसने कश्मीर से 370 हटाई, उसे 400 सीट चाहिए लेकिन  बीजेपी कश्मीर की 3 लोकसभा सीटों में से 1 पर भी चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं दिखा रही. पूरे देश में बीजेपी 370 हटाए जाने के नाम पर वोट मांग रही है पर जिस कश्मीर से 370 हटाया वहीं चुनाव लड़ने के नाम पर ये भाग गए. जिस संविधान ने दलित,आदिवासी, अल्पसंख्यकों समेत एससी,एसटी,ओबीसी को अधिकार दिए बीजेपी उन अधिकारों पर हमला कर  रही है, ये हमले संविधान पर है.

400 सीट मिलने पर ये आरक्षण खत्म करना चाहते हैं साथ ही संविधान में मिले एससी,एसटी, ओबीसी के अधिकारों को छीनना चाहते है. जब बीजेपी महिला आरक्षण कानून लायी तो कांग्रेस ने ओबीसी महिलाओं को उस कानून में जगह देने की मांग की, लेकिन मोदी जी ने ओबीसी महिलाओं को आरक्षण कानून से  बाहर रखा. ऐसे ही संविधान में मौजूद अधिकारों को लिया जायेगा और आरएसएस द्वारा बनाया गया संविधान देश पर थोप दिया जाएगा जिसमें वन नेशन नो इलेक्शन जैसे प्रावधान होंगे साथ ही लोकतंत्र खत्म किया जाएगा. यही बीजेपी की सोच है और कांग्रेस इस सोच पर लगातार हमला कर रही  है. बीजेपी के पास अब कोई जवाब नहीं है और जवाब न देना पड़े इसलिए वे मंगलसूत्र , मंदिर जैसे मुद्दे उठाते हैं साथ ही वे मुसलमानों को डर दिखाते हैं. ये सब दिखाता है कि वे कितने निराश और हताश हैं. बीजेपी इस बार 200 सीटों पर सिमट जायेगी.

भाजपा-मोदी की कोई लहर नहीं

मैं जनवरी में महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्य्क्ष बनी हूं और आज हम मई महीने में हैं, इन चार महीनों में देश के 27 राज्यों  में नारी न्याय सम्मेलन करने  50 शहरों में गयी हूं और लगातार दौरे और प्रचार चल रहे हैं. देश में मोदी और बीजेपी की कोई लहर नहीं हैं. महंगाई बेरोज़गारी के मुद्दे पर बीजेपी चुप है बीजेपी मंदिर-मस्जिद के नाम पर बांटने की कोशिश में विफल हो चुकी है.  

मैं विश्वास से कहतीं हूं कि इंडिया गठबंधन और कांग्रेस जीत की तरफ अग्रसर है. हाल ही में प्रधामंत्री ने कहा कि पाकिस्तान शहजादे को प्रधामंत्री के रूप में देखना चाहता है, बीजेपी का कोई चुनाव मंदिर, मस्जिद ,पाकिस्तान के बिना नहीं हो सकता. कर्नाटक में प्रधानमंत्री ने झूठ बोला था कि बजरंग दाल पर बैन बजरंग बली का अपमान है, कर्नाटक ने बीजेपी को नकार कर मुंहतोड़ जबाब दिया. बीजेपी सांप्रदायिक उन्माद फ़ैला रही है बीजेपी की डबल इंजन की सरकार कर्नाटक में हारी, हिमाचल प्रदेश जहाँ 99 फीसदी हिन्दू मतदाता हैं, हिन्दुओं के पवित्र स्थल वाले राज्य ने भी सांप्रदायिक उन्माद वाली राजनीति करने वाली बीजेपी को नकारा है.

भाजपा की राजनीति नकारात्मक

क्या प्रधानमंत्री उस पाकिस्तान की बात कर रहे हैं जिसकी आईएसआई को पठानकोट एयरबेस  हमले के बाद जांच के लिए बुलाया जाता है, जिससे उसे क्लीन चिट मिलने में मदद मिलती है. यह अवसर मोदी जी ने पाकिस्तान को दिया. बिन बुलाये पाकिस्तान मोदी जी गए. एक बार फिर पाकिस्तान का नाम लेकर प्रधानमंत्री वोट हासिल करना चाहते हैं, लेकिन देशवासी मूर्ख नहीं हैं.

जनता ने आपको 2 बार सत्ता में ये सोच कर बैठाया था के आप देश में कोई बड़ा बदलाव करेंगे लेकिन आपने देश की विरासत, संपत्ति को नौंच-नौंच कर अपने पूंजीपति मित्रों तक सीमित कर दिया.  आज जितनी संपत्ति मोदी जी के 21 पूंजपति मित्रों के पास है उतनी सम्पति देश की 70 करोड़ आबादी के पास है. जहाँ संविधान आर्थिक समानता की बात करता है लेकिन  बीजेपी ने इसके उलट देश में  विषमता पैदा की है, क्या ये संविधान पर हमला नहीं है? इन चीजों का कोई जबाब बीजेपी के पास नहीं है इसलिए वे पाकिस्तान , मंदिर , मस्जिद मंगलसूत्र का डर ,खौफ दिखा एक तानाशाह वोट लेना चाहता है. 

राहुल गांधी से उम्मीद

जिन राहुल गांधी को प्रधानमंत्री शहजादा कह रहे हैं, उस शहजादे ने 10 हज़ार किमी की भारत जोड़ो यात्रा की है. वह देश के जवान, किसान, दलित, आदिवासी से मिले हैं.  शहंशाह तो आप हैं जो 10 लाख का सूट पहनते हैं, वो भी मोदी-मोदी लिखा हुआ, शहंशाह 8 हज़ार करोड़ के जहाज़ में घूमता है, वो काजू का आटा खाता है. मोदी जी रंग की बात करते हैं, मोदी जी के गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए का रंग और आज उनके रंग और रौनक को देखिये. प्रधानमंत्री जी हार से पहले इस्तीफा दीजिये. 

वे आत्ममंथन की बातें करते हैं,आखिर किसको आत्ममंथन करना चाहिए? सरकार आपकी है. आज मणिपुर जल रहा है वहां हमारी आदिवासी बेटियों के साथ बालात्कार हुआ है. आपका  प्रज्वल रेवन्ना बलात्कारी है, आप उसके साथ हाथ में हाथ डालकर वोट मांगे जा रहे हैं. देश की बेटियों से माफ़ी मांगना, पश्चाताप करना आपको है आपको अपने गिरेबान में झांकना है. आपको देश से माफ़ी मांगनी चाहिए क्यूंकि देश आज आपके कारण भुगत रहा है. आपको इस्तीफा देकर और संन्यास लेकर यहां से रवाना होना चाहिए. 

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह जरूरी नहीं कि  ….न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही ज़िम्मेदार है.

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