सीएम आवास में स्वाति के साथ क्या-क्या हुआ …
सीएम आवास में स्वाति के साथ क्या-क्या हुआ …
बिभव कितने बुरे फंसे, केजरीवाल की चुप्पी के मायने; 7 सवालों के जवाब
दिल्ली सीएम के आवास में आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले में शुक्रवार को कई बड़े डेवलपमेंट हुए। स्वाति की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की। स्वाति ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान भी दर्ज कराया। वहीं, घटना का एक वीडियो भी सामने आया।
फिलहाल दिल्ली पुलिस की 10 टीमें जांच कर रही हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल और इस मामले के मुख्य आरोपी बिभव दिल्ली से बाहर हैं।
स्वाति मालीवाल के साथ सीएम हाउस में क्या हुआ, कैसे खुली उन पर हमले की कहानी, बिभव पर लगी धाराएं कितनी गंभीर और केजरीवाल की चुप्पी के क्या मायने हैं …
सवाल 1: स्वाति मालीवाल पर हमले का पूरा घटनाक्रम क्या है, जो उन्होंने पुलिस को बताया?
जवाब: बिभव कुमार के खिलाफ दर्ज FIR के मुताबिक 13 मई की सुबह 9:00 बजे स्वाति मालीवाल, अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके सिविल लाइंस स्थित 6, फ्लैग स्टाफ रोड आवास पर गई थीं।
आवास के कैंपस में बने ऑफिस में जाकर स्वाति ने CM के पर्सनल सेक्रेटरी बिभव कुमार को कॉल किया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इसके बाद स्वाति ने बिभव के वॉट्सऐप पर मैसेज किया, जिसका कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद स्वाति सीधे सीएम आवास की ओर चली गईं। वहां मौजूद स्टाफ से उन्होंने CM केजरीवाल तक मैसेज भिजवाया कि वे उनसे मिलना चाहती हैं।
स्टाफ ने वापस आकर कहा कि CM थोड़ी देर में मिलने आएंगे, तब तक आप ड्राइंग रूम में बैठकर उनका इंतजार कर लीजिए। अभी स्वाति इंतजार ही कर रही थीं कि अचानक बिभव कुमार वहां आए और चिल्लाने लगे।
स्वाति ने अपनी शिकायत में कहा- ‘मैंने उससे CM को फोन लगाने के लिए कहा तो वह मुझे गाली देने लगा। वह चिल्लाकर बोलने लगा कि तू कैसे मेरी बात नहीं मानेगी? साली तेरी औकात क्या है कि हमको न कर दे? समझती क्या है तू नीच औरत? तुझे तो हम सबक सिखाएंगे।’
स्वाति के मुताबिक यह बोलते हुए बिभव उनके करीब आ गया। स्वाति कुछ समझ पातीं इससे पहले उन्हें 7-8 थप्पड़ मारे। वह मदद के लिए जोर-जोर से चिल्लाने लगीं। जब बिभव को धक्का देकर बचने की कोशिश की, तो बिभव ने स्वाति के सीने और पेट पर लात मारी, उनका सिर टेबल पर पटक दिया।
स्वाति का कहना है कि बिभव ने उन्हें धमकी देते हुए कहा कि कर ले जो तुझे करना है। तू मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती है। तेरी हड्डी तुड़वा देंगे और ऐसी जगह गाड़ेंगे कि किसी को पता भी नहीं चलेगा।
स्वाति ने शिकायत में आगे बताया, ‘मैं बार-बार चिल्लाकर कह रही थी कि मेरे पीरियड्स चल रहे हैं। इसके बावजूद उसने मेरे शर्ट को खींचा, जिससे मेरे शर्ट के बटन खुल गए। मैं किसी तरह उससे बचकर ड्राइंग रूम के सोफे पर बैठ गई। मैंने अपना चश्मा उठाया और 112 पर कॉल कर इस घटना की जानकारी दी। इस हमले के बाद मैं काफी सदमे में हूं।’
सवाल 2: स्वाति मालीवाल पर हमले से अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ, कैसे खुली हमले की पूरी कहानी?
जवाब: 13 मई की सुबह 9:35 बजे स्वाति मालीवाल ने सीएम आवास से दिल्ली पुलिस के 112 नंबर पर एक PCR कॉल किया। पुलिस के मुताबिक, कॉलर ने सिर्फ एक लाइन में शिकायत दर्ज कराई। कॉल करने वाले ने कहा कि उसके साथ CM आवास के अंदर मारपीट की गई है।
उसके बाद लोकल पुलिस और SHO अपनी टीम के साथ सीएम आवास के पास पहुंचे। पुलिस ने बताया कि प्रोटोकॉल की वजह से पुलिस CM आवास के अंदर नहीं गई।
सोमवार सुबह 10:50 बजे स्वाति मालीवाल दिल्ली के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन पहुंची। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक सिविल लाइंस थाने के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को स्वाति (घटना के दिन) जब थाने पहुंचीं तो उनके फोन पर कुछ कॉल्स आ रहे थे। एक कॉल रिसीव कर कुछ मिनट बात करने के बाद बिना लिखित शिकायत दिए वह ऑटो में बैठकर वापस चली गईं।
अगले दिन 14 मई को आप नेता संजय सिंह ने कबूल किया कि मुख्यमंत्री आवास पर स्वाति मालीवाल के साथ अभद्रता हुई है। संजय सिंह ने कहा, ‘इस पूरी घटना पर दिल्ली के सीएम ने संज्ञान लिया है। वो इस मामले में सख्त कार्रवाई करेंगे। जहां तक स्वाति मालीवाल जी का सवाल है, उन्होंने देश और समाज के लिए बहुत काम किया है। वो सीनियर और पुराने नेताओं में से एक हैं। हम उनके साथ हैं।’
घटना के तीसरे दिन यानी गुरुवार को दिल्ली पुलिस की एक टीम ने स्वाति से करीब 4 घंटे पूछताछ करने के बाद इस मामले में FIR दर्ज की।
सवाल 3: बिभव पर लगे आरोप कितने गंभीर हैं और उसमें कितनी सजा हो सकती है?
जवाब: बिभव कुमार पर IPC की जिन 5 धाराओं में केस दर्ज किया गया है, वो महिलाओं के खिलाफ किए जाने वाले बेहद गंभीर अपराध हैं। बिभव के खिलाफ IPC की धारा 354B ( छेड़छाड़, बल प्रयोग कर महिला का शीलभंग करने की कोशिश), 506 (जान से मारने की धमकी), 509 (अभद्र कमेंट करने) 308 (हमला कर जान से मारने की कोशिश) और 341 (गलत तरीके से रास्ता रोकने की कोशिश) के तहत FIR दर्ज की गई है।
इनमें IPC की धारा 354B के तहत छेड़छाड़ और महिला के अपमान करने के मामले में दोषी पाए जाने पर 3 से 7 साल तक की सजा हो सकती है। यह सजा अपराध की गंभीरता को देखते हुए दी जाती है। यह एक गैर जमानती यानी नॉन बेलेबल अपराध है।
इसी तरह स्वाति को चोट पहुंचाने के आरोप में दोषी पाए जाने पर IPC की धारा 308 के तहत 3 से 7 वर्ष तक की जेल की सजा व आर्थिक जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है।
बिभव पर धमकी देने के भी आरोप हैं। इस मामले में IPC की धारा 506 के तहत दोषी पाए जाने पर 2 साल तक की जेल और जुर्माना लगाया जा सकता है।
बिभव पर IPC के धारा 509 के तहत अपमान करने के इरादे से महिला की लज्जा भंग करने के गंभीर आरोप हैं। अगर वह इसमें दोषी पाया जाता है तो उसे 3 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। वहीं, IPC की धारा 341 के तहत एक महीने की जेल और 500 रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
सवाल 4: केजरीवाल के PA बिभव पर लगे आरोपों के मामले में अब आगे क्या हो सकता है?
जवाब: मामले में गुरुवार देर रात केस दर्ज होने के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस ने जांच के लिए 10 टीमें बनाई हैं। इनमें से 4 टीमें बिभव की लोकेशन का पता कर उसकी गिरफ्तारी में लगी हैं। जबकि बाकी 6 टीमें इस मामले से जुड़े सभी सबूतों को खंगाल रही हैं।
इस मामले में कार्रवाई कितनी तेज हो रही है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केस दर्ज होने के कुछ देर बाद ही रात करीब 11 बजे दिल्ली पुलिस स्वाति मालीवाल को लेकर AIIMS पहुंची थी। जहां उनका मेडिकल करवाया गया।
मेडिकल होने के बाद मालीवाल रात 3.15 बजे AIIMS से निकलीं और 3:30 बजे अपने घर पहुंचीं।
वहीं, बिभव कुमार को ढूंढते हुए सिविल लाइन्स थाने की एक टीम जल बोर्ड स्थित उनके घर पहुंची। हालांकि, बिभव कुमार उस वक्त पंजाब में थे। शुक्रवार को दोबारा से पुलिस टीम उनके आवास पहुंची तो टीम को एंट्री नहीं दी गई। इसके बाद पुलिस टीम वहां से वापस लौट गई।
स्वाति ने शुक्रवार को तीस हजारी कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने भी अपना बयान दर्ज करा दिया है। पुलिस अब CM आवास में लगे 8 CCTV कैमरों के फुटेज जुटाने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा आरोपी की लोकेशन और वहां मौजूद लोगों से पुलिस अधिकारी पूछताछ करेंगे। इसके बाद बिभव की गिरफ्तारी हो सकती है।
सवाल 5: स्वाति से छेड़छाड़ और मारपीट करने के आरोपी बिभव पर केजरीवाल की चुप्पी के क्या मायने हैं?
जवाब: बिभव को केजरीवाल का ‘मैन फ्राइडे’ यानी करीबी और भरोसेमंद सहयोगी कहा जाता है। केजरीवाल के सबसे भरोसेमंद और क्लोज्ड सर्कल में बिभव का नाम शुमार है। दरअसल, बिभव कुमार आम आदमी पार्टी बनने के पहले से अरविंद केजरीवाल से जुड़े हैं।
2011 के इंडिया अगेंस्ट करप्शन मूवमेंट में भी बिभव कुमार सक्रिय थे। 27 फरवरी 2015 को दिल्ली के CM केजरीवाल ने बिभव कुमार को अपना पर्सनल सेक्रेटरी नियुक्त किया था।
इससे पहले भी बिभव का कई विवादों में नाम आ चुका है। मार्च 2024 में बिभव को 2007 के एक मामले में CM के पर्सनल सेक्रेटरी के पद से बर्खास्त तक कर दिया गया था। इसके बावजूद केजरीवाल ने बिभव को अपने से दूर नहीं होने दिया।
मालीवाल के साथ बदसलूकी की बात सामने आने के बाद बिभव कुमार गुरुवार को भी लखनऊ एयरपोर्ट पर सीएम केजरीवाल के साथ थे। लखनऊ में भी मीडिया के सवालों पर केजरीवाल ने बिभव पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। अब इस मामले में केजरीवाल की चुप्पी को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
पॉलिटिकल एक्सपर्ट राशिद किदवई के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल एक ऐसे नेता हैं जो तुरंत टिप्पणी करते हैं और दमखम से अपनी बात रखते हैं। ऐसे में ये बड़ी सनसनीखेज बात है कि वो इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
पहली नजर में देखें तो अरविंद केजरीवाल को राजनीतिक तौर पर स्वाति के साथ खड़ा होना चाहिए था। वे पुरानी सहयोगी हैं, सांसद हैं और पार्टी की एक चेहरा हैं। जबकि बिभव कुमार केवल एक निजी सहयोगी हैं। इस तरह के मामले में राजनेता तुरंत फैसला करता है। केजरीवाल की चुप्पी मामले की पेचीदगी की तरफ साफ इशारा है। मामला उतना सीधा नहीं, जितना सामने से दिख रहा है।
सवाल 6: AAP के गठबंधन दलों और BJP ने इस पूरे मामले को कितनी गंभीरता से लिया है?
जवाब: स्वाति मालीवाल के साथ सीएम आवास में बदसलूकी की खबर बाहर आने के बाद बीजेपी व INDI गठबंधन के दल, AAP और अरविंद केजरीवाल पर तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं।
उधर, सीएम अरविंद केजरीवाल और सपा प्रमुख अखिलेश ने गुरुवार को लखनऊ में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान स्वाति मालीवाल से बदसलूकी मामले में पूछे गए एक सवाल से केजरीवाल बचते नजर आए। हालांकि इस सवाल पर अखिलेश ने कहा, इससे और भी ज्यादा जरूरी मामले हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘अगर सही मायने में कुछ गलत हुआ है तो मैं उस महिला के साथ खड़ी हूं। मैं हमेशा महिलाओं के साथ ही खड़ी रहती हूं चाहे वे किसी भी पार्टी की हों।’ साथ ही उन्होंने कहा कि AAP पार्टी आपस में चर्चा करेगी और निर्णय लेगी, ये उन पर है।
वहीं, बीजेपी की वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, केजरीवाल पूरे मामले का स्पष्टीकरण दें और माफी मांगें। सीएम केजरीवाल ने उनकी पार्टी की महिला सदस्य पर हमले को लेकर एक भी शब्द नहीं कहा। महिलाओं के बारे में बात करने वाले पर सीएम ने कुछ नहीं बोला। सीएम के घर में उनका दाहिना हाथ माना जाने वाले बिभव कुमार ने राज्यसभा सदस्य और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के साथ हुई घटना पर बयान नहीं दिया। केजरीवाल को सामने आकर माफी मांगनी चाहिए।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मालीवाल मामले पर केजरीवाल की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री कुछ क्यों नहीं बोल रहे हैं? घटना उनके आवास पर हुई थी। उन्हें पुलिस को बुलाना चाहिए था, लेकिन वो कुछ नहीं कर रहे हैं। ऐसे में इस पूरे मामले में उनकी भूमिका संदेह के घेरे में है।’
बीएसपी नेता मायावती ने भी एक्स पर लिखा, ‘महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व उत्पीड़न के साथ ही किसी भी नेता द्वारा अन्य कोई भी गलत कार्य करने पर सख्त कार्रवाई के मामले में चाहे कोई भी पार्टी या इन्डी व अन्य गठबन्धन हों तो इन्हें दोहरा मापदण्ड नहीं अपनाना चाहिए अर्थात् इन्हें बीएसपी के शीर्ष नेतृत्व से जरूर सबक लेना चाहिए।’
सवाल 7: दिल्ली में लोकसभा चुनाव से पहले हुई इस घटना से AAP की दिल्ली और पंजाब राजनीति पर क्या असर होगा?
जवाब: सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के राजनीतिक विश्लेषक और फेलो राहुल वर्मा के मुताबिक, 3 राज्यों की जिन 18 सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मैदान में हैं, इन सीटों पर छठे और सातवें चरण में चुनाव होने हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ताजा घटनाक्रम का चुनाव पर भी असर पड़ सकता है।
राशिद किदवई के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के लिए यह घटना राजनीतिक तौर पर बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाली है। अगर यह मामला माफी के आधार पर हल हो जाता है तब तो कोई राजनीतिक नुकसान शायद नहीं हो। अगर कोई अन्य चौंकाने वाला पहलू निकलता है तो उससे AAP को नुकसान होगा।
रशीद किदवई बताते हैं कि आप समर्थक सीधे तौर पर अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़ा हुआ है। जब तक मामला सीधे तौर पर उनसे या उनके परिवार से नहीं जुड़ा होता, तब तक कोई राजनीतिक असर नहीं होगा। इसका सीधा असर चुनाव में भी देखने को मिल सकता है। अब तक पुलिस रिकॉर्ड में विवाद केवल स्वाति और बिभव कुमार के बीच है।
पॉलिटिकल एक्सपर्ट हर्षवर्धन त्रिपाठी के मुताबिक, जमानत पर अरविंद केजरीवाल का जेल से बाहर आना AAP के लिए बड़ी सफलता थी। पार्टी को चुनाव में इसके अच्छे संकेत मिल रहे थे। इस घटना के बाद लग रहा है कि वो सब मिट्टी में मिल गया है। स्वाति वाले मामले का लोकसभा चुनाव में भी बुरा असर पड़ेगा। खास तौर पर दिल्ली की 7 सीटों पर AAP कैंडिडेट को नुकसान होगा। अगर केजरीवाल जल्द ही स्थिति साफ नहीं करते तो दिल्ली का स्विंग वोटर्स नाराज हो सकता है।