ग्वालियर : करोड़ों के घोटाले को लेकर शिकायत, आरोपित से कराई गई खुद की जांच

 करोड़ों के घोटाले को लेकर शिकायत, आरोपित से कराई गई खुद की जांच
आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि जाति कल्याण विभाग में हुए करोड़ों रुपए घोटाले के आरोपी व्याख्याता पुरुषोत्तम शर्मा ने शासन को गलत जानकारी देकर अनुसूचित जाति एवं जनजातीय कार्य विभाग ग्वालियर संभाग उपायुक्त का पद हथिया लिया। पुरुषोतम शर्मा ने यह तथ्य छिपा लिया था कि उनके खिलाफ इस घोटाले में आर्थिक अपराध ब्यूरो में अपराध क्रमांक 23/2013 दर्ज है।
  1. आदिम जाति कल्याण विभाग के घोटाले का मामला
  2. आरोपित ने शासन को गलत जानकारी देकर संभाग उपायुक्त का पद पाया
  3. आरटीआई कार्यकर्ता की जानकारी में हुआ मामले का खुलासा

ग्वालियर। आरटीआई कार्यकर्ता राकेश सिंह कुशवाह ने आदिम जाति कल्याण विभाग में करोड़ों के घोटाले के मामले में शिकायत की है। शिकायत में आरोप लगाया है कि इस मामले में आरोपित से ही खुद की जांच कराई गई है। इस मामले में संभागायुक्त को दोबारा शिकायत की गई है।

आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि जाति कल्याण विभाग में हुए करोड़ों रुपए घोटाले के आरोपी व्याख्याता पुरुषोत्तम शर्मा ने शासन को गलत जानकारी देकर अनुसूचित जाति एवं जनजातीय कार्य विभाग ग्वालियर संभाग उपायुक्त का पद हथिया लिया। पुरुषोतम शर्मा ने यह तथ्य छिपा लिया था कि उनके खिलाफ इस घोटाले में आर्थिक अपराध ब्यूरो में अपराध क्रमांक 23/2013 दर्ज है। इसकी शिकायत संभागीय आयुक्त सुदाम खाड़े से की। इस शिकायत की जांच के लिए संयुक्त आयुक्त (विकास) ग्वालियर संभाग सीएल डोडियार ने आरोपी पुरुषोत्तम शर्मा को ही जांच की जिम्मेदारी दे दी यानी आरोपी से ही उस पर लगे आरोपों की जांच करा ली।

आखिर, जब आरोपी पुरुषोतम शर्मा से ही जांच कराई तो पुरुषोत्तम शर्मा ने जांच में न केवल तथ्य छिपा लिए बल्कि शिकायत को ही फर्जी करार दिया। पुरुषोत्तम शर्मा ने संभागायुक्त को भेजी जांच रिपोर्ट में यह तथ्य छिपा लिया की ईओडब्ल्यू में दर्ज अपराध दर्ज है और वे उसमें आरोपी हैं। बल्कि जांच रिपोर्ट में यह लिख दिया कि तत्कालीन संभागीय उपायुक्त केडी त्रिपाठी के विरुद्ध अनिमितता संबंधी शिकायत के आधार पर ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज हुआ है। बता दें कि संभागीय उपायुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग ग्वालियर संभाग में 2008-09, 2009-10 में छात्रवृत्ति फार्म छपाई सहित अन्य आर्थिक पोटाला हुआ था।

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