संसद में क्या-क्या नहीं कर सकते सांसद?

नारेबाजी, शोर-शराबा, तस्वीर दिखाना… संसद में क्या-क्या नहीं कर सकते सांसद?
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के शिव जी की तस्वीर दिखाने और हिंदुओं पर दिए बयानों का सत्ता पक्ष ने जमकर विरोध किया है. स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा की रूल बुक का हवाला देते हुए कहा कि संसद में किसी प्लेकार्ड या तस्वीर को नहीं दिखाया जा सकता है. आइए जानते हैं कि सदस्यों के लिए क्या-क्या नियम होते हैं.
राहुल गांधी संसद में शिवजी की तस्वीर लेकर पहुंचे. …

संसद में सोमवार का दिन हंगामेदार रहा. राहुल गांधी के शिव जी की तस्वीर दिखाने और हिंदुओं पर दिए बयानों का सत्ता पक्ष ने जमकर विरोध किया. स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा की रूल बुक का हवाला देते हुए कहा, संसद में किसी प्लेकार्ड या तस्वीर को नहीं दिखाया जा सकता है. आइए जानते हैं कि संसद में क्या-क्या नहीं कर सकते सांसद?

संसद की कार्यवाही के दौरान ऐसा करने पर पाबंदी

संसद की कार्यवाही के दौरान किसी सदस्य का व्यवहार कैसा होना चाहिए, इसके बारे में लोकसभा रूल बुक के नियम 349 में बताया गया है. स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी की ओर से भगवान शिव की तस्वीर दिखाने पर इसी के उपनियम 16 का हवाला दिया था.

  • 349(1) – संसद की कार्यवाही के दौरान कोई सदस्य किसी किताब, अखबार या पत्र नहीं पढ़ सकता. ये उन किताबों पर लागू होता है जिनका सदन की कार्यवाही से कोई संबंध न हो.
  • 349(2) – किसी भी सदस्य के बोलते समय शोर मचाकर या किसी और तरीके से बाधा नहीं डाली जाएगी.
  • 349(5) – अध्यक्ष जब सदन को संबोधित कर रहा है, तब सदन से बाहर नहीं जा सकते
  • 349(6) – बोलते वक्त हमेशा चेयर (अध्यक्ष) को संबोधन करना है
  • 349(8) – जब कभी नहीं बोल रहे हैं, तब सदन में शांति बनाए रखनी है.
  • 349(16) – सदन में कोई भी सदस्य झंडा, प्रतीक या कोई भी चीज प्रदर्शित नहीं करेगा.
संसद में बोलते समय किन बातों का ध्यान रखना होता है?

रूल बुक के नियम 352 में उन नियमों का जिक्र है, जिनका हर सदस्य को बोलते समय ध्यान रखना जरूरी है.

  • 349(1) – ऐसे किसी मामले का जिक्र नहीं करना, जिस पर अदालत का फैसला आना बाकी हैै.
  • 349(2) – किसी दूसरे सांसद पर पर्सनल अटैक नहीं करना है .
  • 349(6) – बहस या चर्चा के दौरान राष्ट्रपति के नाम का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं
  • 349(7) – देशद्रोही बातें नहीं की जा सकती.
क्या है सांसद पर आरोप लगाने का तरीका?

किसी सदस्य द्वारा दूसरे सदस्य के विरुद्ध मानहानिकारक प्रकृति का कोई आरोप लगाने से पहले स्पीकर को एडवांस नोटिस देना होता है. इससे अलावा जिसके खिलाफ आरोप लगाए जाने हैं, उस मंत्री को भी नोटिस दिया जाता है. ताकि मंत्री इस मामले पर जांच कर सके और अपना पक्ष रख पाए.

स्पीकर के पास पावर है कि वो किसी भी समय आरोप लगाने पर रोक लगा सकते हैं. अगर उनकी राय में इस तरह का आरोप सदन की गरिमा के लिए अपमानजनक है या इससे कोई जनहित फायदा नहीं है, तो वो आरोप लगाने वाले सदस्य को रोक सकते हैं.

कब स्पीकर बीच में ही रुकवा सकता है भाषण?

लोककसभा अध्यक्ष किसी सदस्य को भाषण बीच में ही बंद करने का निर्देश दे सकता है. इसका उल्लेख नियम 356 में है. अगर कोई अपने भाषण में अप्रासंगिक या एक ही बात को बार-बार दोहरा रहा है, तो स्पीकर उसे भाषण बीच में रोकने को कह सकता है.

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