नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 1181 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण !
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 1181 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण:6 गांवों की जमीन ली गई, स्टेज-2 के पहले फेज का होगा काम; दिसंबर में कॉमर्शियल ऑपरेशन शुरू होगा
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के स्टेज-2 के फेज-1 निर्माण के लिए 1181.2793 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया। ये जमीन “भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्था पन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013” के अन्तर्गत किया गया। जिन छह गांव में जमीन का अधिग्रहण किया गया उनमें रन्हेरा, कुरैब, करौली बांगर, दयानतपुर, वीरमपुर एवं मुढरह है।
जिला प्रशासन द्वारा ग्राम दयानतपुर, वीरमपुर एवं मुढरह के कृषकों से अपर जिलाधिकारी एवं उप जिलाधिकारी जेवर द्वारा भूमि का कब्जा प्राप्त कर नोडल एजेन्सी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अजय कुमार शर्मा डिप्टी कलेक्टर भूलेख, प्रभात कुमार तहसीलदार भूलेख, मनीष सिंह नायब तहसीलदार एवं परियोजना विभाग को हैंडओवर किया गया। इसमें दयानतपुर की 145.0131 हेक्टेयर, वीरमपुर की 54.6280 हेक्टेयर, मुढरह 37.3060 हेक्टेयर कुल 236.9471 हेक्टर भूमि सम्मिलित है। इसके अलावा तीन और गांवों में जमीन पर कब्जा लेने की कार्रवाई की जा रही है।
31 मई तक 78.11 % काम हो चुका है पूरा
31 मई तक कुल परियोजना का 78.11% काम पूरा हो चुका है। फेज-1 की कुल अनुमानित विकास लागत 10,056 करोड़ रुपए है। जिसमें जेवर में 1,334 हेक्टेयर साइट क्षेत्र शामिल है। कुल लागत में से, राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण पर 4,328.05 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। अब तक 7,798.35 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
कॉमर्शियल ऑपरेशन हर हाल में दिसंबर में होगा शुरू
हाल ही में तत्कालीन मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने निर्देश दिए कि एयरपोर्ट का कॉमर्शियल ऑपरेशन प्रत्येक दशा में माह दिसंबर में शुरू होना है। इसके लिए कंसेशनयर, टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के साथ बैठक कर कैचअप प्लान 15 जुलाई तक प्रस्तुत करें। उन्होंने निर्देश दिए की फारेस्ट डिपार्टमेंट रेस्क्यू सेंटर का कार्य प्राथमिकता में पूरा कराएं। वहीं टर्मिनल की छत के स्टील फ्रेम वर्क के लिए चार और वेंडर लगा दिए गए है। साथ ही अक्टूबर में ट्रायल रन हो सकता है।
पहले फेज में 12 मिलियन मुसाफिर उठाएं गे फायदा
पहले फेज में एयरपोर्ट पर एक रनवे और एक टर्मिनल होगा। इसकी क्षमता करीब 12 मिलियन मुसाफिर की होगी। परियोजना को चार फेज में विकसित करने की तैयारी है। अंततः दो रनवे और दो टर्मिनल भवनों तक निर्माण किया जाएगा। अंतिम चरण तक सालाना 70 मिलियन मुसाफिर इसका प्रयोग कर सकेंगे। परियोजना की कुल लागत 29,561 करोड़ रुपए अनुमानित है।