इंदिरा गांधी के हत्यारों को फांसी …. ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ से नाराज बॉडीगार्ड्स ने पूर्व पीएम पर दागा दी थी तड़ातड़ 25 गोलियां
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्या के दोषी सतंवत सिंह और केहर सिंह को आज ही के दिन साल 1989 में फांसी दी गई थी। इंदिरा गांधी के चलाए गए ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ से उनकी सुरक्षा में तैनात बॉडीगार्ड्स बेअंत सिंह और सतवंत सिंह नाराज थे। इसकी वजह से उन्होंने 31 अक्टूबर 1984 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी।
दोषी केहर सिंह पूर्व पीएम की हत्या की साजिश रचने वाला शख्स था। उसने गोली नहीं चलाई थी। लेकिन जांच के दौरान उसे इस हत्या के साजिश रचने का दोषी पाया गया था। वहीं बेअंत सिंह को इंदिरा के सुरक्षाकर्मियों ने मौके पर ढेर कर दिया था।
ऑटोमैटिक कार्बाइन की 25 गोलियां पूर्व पीएम को दागी गई थी
31 अक्टूबर 1984 को सुबह करीब 9 बजे इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री कार्यालय से बाहर निकलीं। इंदिरा गांधी अधिकारियों से चर्चा कर रही थीं। तभी अचानक उनकी सुरक्षा में तैनात सिक्योरिटी गार्ड बेअंत सिंह ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से इंदिरा गांधी पर तीन गोलियां चलाईं।
बेअंत सिंह ने उनसे थोड़ी ही दूर पर खड़े सतवंत सिंह से चिल्लाकर कहा- ‘देख क्या रहे हो? गोली चलाओ।’ सतवंत ने तुरंत अपनी ऑटोमैटिक कार्बाइन की सभी 25 गोलियां इंदिरा गांधी के ऊपर चला दीं। गोली लगने के बाद इंदिरा को तुरंत एम्स हॉस्पिटल ले जाया गया गया, करीब 4 घंटे बाद दोपहर 2 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
स्वर्ण मंदिर में खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ चला था ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’
इंदिरा पर गोलियां चलाने के बाद बेअंत सिंह और सतवंत सिंह को अन्य सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया। इस दौरान भागने की कोशिश में बेअंत सिंह मारा गया। सतवंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।
इंदिरा गांधी के हत्यारे उनसे कथित तौर पर ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेना चाहते थे। सिखों के पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर में खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ सेना की मदद से इंदिरा द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ में सैकड़ों लोग मारे गए थे।
केहर सिंह, सतवंत सिंह को दी गई फांसी की सजा
सतवंत के साथ ही इंदिरा की हत्या की साजिश रचने वाले केहर सिंह और बलवंत सिंह पर भी मुकदमा चला। हालांकि, बाद में सबूतों के अभाव में बलवंत सिंह रिहा हो गया, लेकिन अदालत ने इंदिरा पर गोलियां चलाने वाले सतवंत सिंह और साजिश रचने वाले केहर सिंह को उनकी हत्या का दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई।
इंदिरा की मौत के करीब 5 साल बाद सतवंत सिंह (54 साल) और केहर सिंह (26 साल) को 6 जनवरी 1989 को तिहाड़ जेल में फांसी की दे दी गई। फांसी के बाद दोनों के शव उनके परिजनों को भी नहीं दिए गए और जेल प्रशासन ने ही उनका अंतिम संस्कार किया।