सुसाइड केस का सच …?

आर्थिक तंगी में मौत को गले लगाया; खुदकुशी रोकने पॉलिसी बना रहा मध्यप्रदेश, देश में ऐसा पहला स्टेट …

सीमा की यह कहानी हम इसलिए बता रहे हैं क्योंकि तीन दिन पहले जारी हुई NCRB नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो रिपोर्ट में मप्र सुसाइड के मामले में देश में महाराष्ट्र, तमिलनाडु के बाद तीसरे नंबर पर है। साल 2021 में प्रदेश में कुल 14965 लोगों ने खुदकुशी की है, यानी हर रोज 41 लोग जान दे रहे हैं।

झकझोर देने वाला तथ्य यह है कि पिछले तीन सालों में सामूहिक सुसाइड के 13 केस सामने आए हैं। इसमें 2019 में दो और 2020 व 2021 में एक-एक मामले सामने आए थे। पर 2022 में अप्रैल से अगस्त के बीच पांच महीने में 9 परिवारों ने सामूहिक सुसाइड कर लिए। पिछले 10 महीने में जान देने वाले 10 परिवारों की बात करें तो इसमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर जैसे बड़े शहर से लेकर भिंड, रायसेन, टीकमगढ़, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, उज्जैन व खंडवा जैसे छोटे शहरों और गांव में रहने वाले परिवार तक शामिल हैं। अधिकतर केस में कॉमन ये है कि 7 परिवारों के सुसाइड की वजह आर्थिक तंगी और कर्ज बना और सभी एकल परिवार से थे।

पत्नी, बेटी और बेटे को जहर देकर फांसी पर झूल गया

♦ 23 अगस्त 2022, इंदौर का भागीरथपुरा क्षेत्र

ये कहानी उस नौजवान की है जो इंदौर में बड़ा आदमी बनने का सपना लेकर आया था। उसे यहां प्यार भी हुआ और उस प्यार की निशानी के रूप में दो बच्चे भी हुए, लेकिन उसके एक गलत कदम से सारी खुशियां काफूर हो गईं। कोविड की दोनों लहर में दो बार जॉब छूटने और तीन लाख के एप लोन के जाल में फंसकर अमित यादव ने अपनी पत्नी टीना, तीन साल की बेटी याना और डेढ़ साल के बेटे दिव्यांश को जहर देकर खुद फंदे से झूल गया था। मूलत: सागर के रहने वाले अमित ने पांच साल पहले लव मैरिज की थी। वह किराए से रह रहा था। सामने ही ससुराल वाले भी रहते हैं। दूसरी नौकरी छिनने के बाद बेटी बीमार हुई, तो अमित ने ऑनलाइन एप से 10 हजार रुपए का कर्ज लिया। फिर वह इस दलदल में फंसता चला गया।

एप लोन ने कर दिया बर्बाद, सूदखोर देते थे धमकियां
इस सामूहिक सुसाइड की जांच एआईटी कर रही है। अमित ने सुसाइड नोट में लिखा था कि True Balance, money pocket, Money view, Smart coin, Rufila जैसे एप से लोन लिए थे, जिनकी किस्त नहीं भर पा रहा हूं। इज्जत जाने के डर से यह कदम उठा रहा हूं। पुलिस इसी जांच में जुटी है कि आखिर इन ऑनलाइन सूदखोरों ने ऐसी क्या धमकियां दी थीं, जिससे अमित की इज्जत खतरे में थी। इंदौर पुलिस कमिश्नर ने गूगल को 88 एप-लोन को बंद करने को पत्र लिखा है।

कुत्ते को जहर खिलाया वो मर गया तो पांचों ने खा लिया

♦ 25 नवंबर 2021, भोपाल के आनंद नगर की न्यू विहार कॉलोनी

संजीव जोशी का परिवार जिन्होंने कर्जदारों से परेशान होकर सामूहिक खुदकुशी कर ली।

बात नवंबर 2021 की है। 47 वर्ष के ऑटो पार्ट्स के व्यापारी संजीव जोशी ने अपने कुत्ते को जहर खिलाया और देखा कि जहर काम करता है या नहीं। थोड़ी देर बाद कुत्ते की मौत हो गई। अगले दिन 25 नवंबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर हुआ। शारीरिक रूप से कमजोर पांच लोग और दीवार पर हाथ से लिखे सुसाइड नोट थे। इसके बाद पांचों ने जहर खा लिया था। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस पहुंची तो वहां रहने वाले मैकेनिक संजीव जोशी और परिवार के चार अन्य लोग मरणासन्न हालत में मिले। सभी को अस्पताल पहुंचाया गया। एक-एक करके पांचों की मौत हो गई। पांचों सदस्यों में 16 साल से लेकर 67 साल की बुजुर्ग महिला शामिल थीं। एक साथ तीन पीढ़ी समाप्त हो गई।

परिवार के इन लोगों ने दी जान

  • संजीव जोशी 47 वर्ष: ऑटो पार्ट्स के व्यापारी।
  • नंदिनी जोशी (मां) 67वर्ष: निजी स्कूल में टीचर रहीं।
  • अर्चना जोशी (पत्नी) 47 वर्ष : तीन साल पहले तक खुद का निजी स्कूल चलाया। घर में किराने की दुकान।
  • ग्रीष्मा जोशी (बड़ी बेटी)19 वर्ष: एलएनसीटी कॉलेज से बी.टेक कर रही थी।
  • पूर्वी जोशी (छोटी बेटी)16 वर्ष: निजी स्कूल में 10वीं की छात्रा।

सबके सामने जलील करते थे सूदखोर
47 वर्षीय मैकेनिक एवं ऑटो पार्ट्स व्यापारी संजीव जोशी कोविड की दो लहर में आर्थिक तंगी से टूट गए थे। चार लोगों से ब्याज पर पैसे लिए। सूदखोरों का पैसा चुकता करने में परिवार सड़क पर आ गया। लोन पर लिए मकान और दुकान तक बिकने की नौबत आ गई। सूदखोरों की धमकी और सामाजिक तौर पर अपमानित होने से पूरे परिवार ने सुसाइड का निर्णय लिया था। पुलिस ने मामले में बबली, राजू राय, लक्ष्मी राय व ममता शर्मा को आरोपी बनाया है। चालान के बाद कोर्ट में ट्रायल चल रहा है।

दूसरी औरत के चक्कर में तीन बेटियों सहित रेल से कटा

♦ 16 अगस्त 2022, उज्जैन का नईखेड़ी रेलवे स्टेशन एरिया

रवि पांचाल (40), अनामिका (13), आराध्या (10) और अनुष्का (8) ने मालगाड़ी से कटकर जान दे दी ।

उज्जैन शहर से 10 किमी दूर उज्जैन-नागदा रेलवे ट्रैक के नईखेड़ी रेलवे स्टेशन के पास गोयला बुजुर्ग निवासी रवि पांचाल (40) पिता तोलाराम, अनामिका (13), आराध्या (10) और अनुष्का (8) ने मालगाड़ी से कटकर जान दे दी थी। वह बेटियों को स्कूल छोड़ने की बात कहकर निकला था।

दूसरी के साथ बसाना चाहता था घर
जीआरपी के मुताबिक प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रवि पांचाल का किसी गैर औरत से संबंध था। उसे वह दूसरी पत्नी के रूप में साथ रखना चाहता था। इसी बात को लेकर घर में विवाद था। पत्नी बेटियों को लेकर खेड़ा खजूरिया स्थित भाई के घर रह रही थी। एक दिन पहले ही रवि ससुराल पहुंचा और अगली सुबह बेटियों को स्कूल छोड़ने निकला था। उसने सुसाइड नोट में पत्नी पर संदेह करने की बात लिखी है। पुलिस ने सुसाइड का प्रकरण दर्ज कर जांच कर रही है।

तीन बहनें एक ही रस्सी से एक ही पेड़ पर फांसी पर लटकी

♦ 16 अगस्त 2022: खंडवा में भामगढ़ ग्राम का कोटापेट फाल्या

खंडवा में सोनू (23), छोटी बहन सावित्री (21) और ललिता (19) एक ही रस्सी से पेड़ पर फंदा लगाकर झूल गईं।

आदिवासी परिवार की तीन सगी बहनों सोनू (23), छोटी बहन सावित्री (21) और ललिता (19) एक ही रस्सी से पेड़ पर फंदा लगाकर झूल गईं। सोनू खंडवा एसएन कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी। सावित्री की तीन महीने पहले शादी हुई थी। ललिता पढ़ाई छोड़ चुकी थी। पिता की मौत हो चुकी थी। परिवार में पांच बहनें और तीन भाई हैं। तीनों ने सुसाइड से पहले बड़ी बहन और उसके बेटे से एक घंटे बात की थी।

एक दिन पहले हुआ था भाभी से विवाद
जावर पुलिस के मुताबिक जांच में घरेलू कलह सामने आई। सावित्री की शादी हो गई थी, लेकिन पति शराबी था। इसलिए वह मायके में रह रही थी। भाई अपनी पत्नी के साथ अलग रहता था। मां तीनों बेटियों के साथ रहती थी। एक दिन पहले गेहूं मांगने पर भाई-भाभी से बहनों का विवाद हुआ था। इससे पहले भी छोटी-छोटी बातों पर भाभी से विवाद होता रहता था। डीएसपी हेडक्वार्टर अनिल सिंह के मुताबिक इंदौरलैब में बिसरा रिपोर्ट आना बाकी है। कोई और नया तथ्य नहीं मिला है। इसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे।

जिस बेटी को मरा समझा वह बच गई

♦ 12 जून 2022: भिंड का कटवा गुर्जर क्षेत्र

गोहद के कटवा गुर्जर गांव निवासी दूध व्यापारी धर्मेंद्र सिंह गुर्जर (32), पत्नी अमरेश (30) बेटे प्रशांत (12) और बेटी मीनाक्षी (10) का गला घोंट कर खुद फंदे से झूल गया। जिस बेटी मीनाक्षी को मरा समझा था, वह जिंदा बच गई। वो अभी दादा-दादी के साथ रहती है।

साली की शादी के कारण हो रहा था कलह
गोहद टीआई राजेश सत्नाकर के मुताबिक धर्मेंद्र पांच महीने पहले दूध का व्यापार बंद कर सिर्फ खेती कर रहा था। धर्मेंद्र के चचेरे भाई रामेंद्र के साथ उसकी साली प्रवेश की शादी हुई थी, लेकिन शादी के चार महीने बाद 4 अक्टूबर 2018 को उसने फंदे से झूल कर जान दे दी थी। मायके वालों ने धर्मेंद्र सहित 11 लोगों को आरोपी बनाया था। तभी से धर्मेंद्र और उसकी पत्नी अमरेश में विवाद होता था। पुलिस ने प्रकरण में हत्या व मर्ग कायम किया था। हत्या के प्रकरण में खात्मा लगा चुकी है। मर्ग जांच बिसरा रिपोर्ट और मायके वालों के बयान न होने से अटका हुआ है।

पगार नहीं मिली, बेटी के साथ लटक गए दंपती

♦ 23 मई 2022: नर्मदापुरम का पिपरिया

तीन महीने पहले पिपरिया के सरकारी भगत सिंह पीजी कॉलेज के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी मकरंद विश्वकर्मा (45), उसकी पत्नी शशि (43) और बेटी निकिता (18) एक पंखे में फंदा लगाकर झूल गए थे। बेटी निकिता उसी कॉलेज में प्रथम वर्ष की छात्रा थी, जिसमें उसके पिताजी काम करते थे। 25 दिन पहले इस कॉलेज के लैब अटेंडेंट राकेश रैकवार ने सुसाइड किया था। सुसाइड नोट में उसने प्राचार्य के शोषण की बात लिखी थी।

घर चलाने के लिए कर रहा था मजदूरी
पड़ोसियों के मुताबिक मकरंद को छह महीने से वेतन नहीं मिला था। उसे घर का खर्च चलाने के लिए मजदूरी करना पड़ रहा था। पिपरिया एसडीओपी शिवेंदु जोशी ने बताया कि तीनों की बिसरा रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। मामले में कॉल डिटेल निकाले हैं। पड़ोसियों के बयान भी होने हैं, जो जबलपुर चले गए हैं। लैब अटेंडेंट राकेश रैकवार के सुसाइड से इसका कोई कनेक्शन है या नहीं। इसका पता लगा रहे हैं।

कर्जदार मेरे परिवार को परेशान करेंगे, इसलिए मार दिया

♦ 25 अप्रैल 2022: रायसेन का बाड़ी कस्बा का वार्ड 8

रायसेन के बाड़ी कस्बे के वार्ड नं. 8 निवासी जितेंद्र सोनी (35) ने पत्नी रिंकी सोनी (32), बेटा वैष्णव सोनी (12) और छोटे बेटे कार्तिक सोनी (10) का गला दबा कर खुद फंदे से झूल गया था। छोटा बेटा कार्तिक सोनी बच गया। वह नानी के साथ रह रहा है। बेटा-बहू व पोते की मौत से दुखी पिता धनराज सोनी ने भी 26 जुलाई को सुसाइड कर लिया। अब दो अन्य भाई का ही परिवार बचा है।

व्यापार के चलते हो गया था कर्जा
बाड़ी टीआई TI सत्यप्रकाश सक्सेना के मुताबिक मामला दर्ज किया गया हे। पुलिस हत्या व हत्या के प्रयास के प्रकरण में खात्मा लग चुका है। मर्ग की जांच जारी है। जितेंद्र की बाड़ी में सोने-चांदी की दुकान थी। कोविड में घाटा हो गया। व्यापार के चलते उस पर काफी कर्ज हो गया था। सुसाइड नोट में जितेंद्र ने लिखा था कि ‘मैं कर्ज के बोझ को झेल नहीं सकता। मुझे पता है मेरे जाने के बाद मेरे बीवी-बच्चों को लोग परेशान करेंगे, इसलिए मैं परिवार सहित फांसी लगा रहा हूं।’

सास से झगड़ा हुआ, अगले दिन पूरा परिवार मर गया

♦ 22 जुलाई 2022: ग्वालियर का महाराजपुरा

ग्वालियर के महाराजपुरा न्यू ईरा स्कूल में 8 हजार रुपए की महीने की नौकरी करने वाले जितेंद्र वाल्मीकि पत्नी निर्जला (24), डेढ़ साल की बेटी जाह्नवी का गला घोंट बेटे कुलदीप (4) के साथ फंदे से झूल गया था। मुरार क्षेत्र में नदी पार टाल पर रहने वाला जितेंद्र घटना के 8 दिन पहले किराए के मकान में शिफ्ट हुआ था।

शव के पास मिला गर्भ निरोधक का रैपर
महाराजपुरा पुलिस के मुताबिक जितेंद्र के घर एक दिन पहले सास आई थी। तब उसका काफी विवाद हुआ था। शव के पास गर्भ निरोधक गोली का खाली रैपर मिला था। पत्नी निर्जला के मुंह से झाग निकला था। तीनों की बिसरा रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। टीआई प्रशांत यादव के मुताबिक बिसरा रिपोर्ट मिलने के बाद खात्मा लगाएंगे। परिवार में कोई नहीं बचा है। घरेलू झगड़े के कारण तनाव में ये कदम उठाया गया था।

चिटफंड कंपनी में पैसे लगाए, झुलस गया परिवार

♦ 30 जुलाई 2022 : छिंदवाड़ा का बालाजी नगर

एयरफोर्स से रिटायर विनोद पाठक (72) पत्नी कंचन पाठक (60), बेटी अपर्णा पाठक (22) पर केरोसिन डालकर आग लगा ली। बचाने में बेटा प्रतीक पाठक (28) भी झुलस गया। विनोद और उसकी पत्नी कंचन की मौके पर मौत हो गई थी। बेटी व बेटा का इलाज चल रहा है। अपर्णा भोपाल में BHMS की छात्रा है। वह एक हफ्ते पहले ही घर गई थी।

सूदखोरों ने जीना कर दिया था मुहाल
कुंडीपुरा टीआई राकेश भारती के मुताबिक प्रतीक पाठक ने पुणे में चिटफंड कंपनी में पैसे लगाए थे। इसके चलते परिवार कर्ज में चला गया था। सूदखोर व रिश्तेदारों की मांग से परेशान होकर परिवार ने ये आत्मघाती कदम उठाया। परिवार को 65 लाख का घर और चार एकड़ जमीन तक बेचना पड़ गई थी। प्रकरण अभी जांच में है।

बंटवारे के विवाद में तीन बच्चों को लेकर कुएं में कूद गई

♦ 29 जून 2022: टीकमगढ़ का मुहारा गांव

रामदेवी कुशवाहा (25) ने बेटी दीपा (5), अनुराधा (3) और विधि (8 माह) के साथ कुएं में छलांग लगाकर सुसाइड कर लिया। उस समय पति व ससुर थाने में पारिवारिक विवाद की शिकायत करने गए थे।

भाई से नहीं हो रही थी सुलह
जतारा पुलिस के मुताबिक रामदेवी का मायका चित्रकूट में है। रामदेवी के पति काशीराम का उसके बड़े भाई कल्लू से बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है। इसे लेकर सामाजिक पंचायत भी बुलाई गई थी। इसके बाद भी मामले का हल नहीं किया और काशीराम का कल्लू से विवाद हो गया था। पुलिस जांच चल रही है। प्रारंभिक जांच में पारिवारिक विवाद वजह सामने आया है।

2020 व 2019 में ये घटनाएं भी हुई सामूहिक खुदकुशी की
24 अगस्त 2020 को टीकमगढ़ के खरगापुर निवासी धर्मदास सोनी, पूना सोनी, मनोहर सोनी, सोनम सोनी, और 7 साल के सानिध्य सोनी ने फंदे से झूल कर जान दे दी थी। पुलिस ने सुसाइड के लिए उकसाने पर नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। रिश्तेदारों ने दबाव और प्रताड़ित कर जमीन बिकवाई थी। इसमें 16 लाख का घाटा लगा था। पुलिस को सुसाइड नोट मिला था।

27 सितंबर 2019 को इंदौर के खुड़ैल थाना क्षेत्र स्थित क्रिसेंट वाटर पार्क के रिजॉर्ट में डीबी सिटी में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभिषेक सक्सेना (45) ने पत्नी प्रीति (42) और जुड़वा बच्चों अद्वैत व अनन्या (14) के साथ जहर खाकर जान दे दी थी। उनके गिलास में सोडियम नाइट्रेट पाउडर मिले थे। आज तक कारण सामने नहीं आ पाया। पुलिस प्रकरण में खात्मा लगा चुकी है।

7 नवंबर 2019 को सागर जिले के बम्होरी रेगुवां गांव निवासी मनोज पटेल ने पत्नी व दो बेटियों के साथ जहर खा लिया था। हालांकि मनोज बच गया था। उसने सुसाइड नोट में गरीबी व लाचारी बया किया था। परिवार कई दिनों से भूखा था।

सुसाइड रोकने की पॉलिसी लाने की तैयारी में सरकार
सुसाइड के मामले में एमपी देश में तीसरे स्थान पर है। अब एमपी देश की पहली सुसाइड प्रिवेंशन पॉलिसी (आत्महत्या रोकथाम नीति) लाने जा रहा है। इस पॉलिसी के निर्माण के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक कमेटी का गठन किया है। चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग के मुताबिक मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी के सुझाव पत्र पर सरकार ने इस कमेटी में देश के बड़े मनोचिकित्सकों, विधिविशेषज्ञों, समाजशास्त्रियों को शामिल किया है। कमेटी आत्महत्या के पीछे के सभी कारणों जैसे आर्थिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक का अध्ययन करेगी। कोविड महामारी के बाद मानसिक रोगों में काफी इजाफा हुआ। लोग आर्थिक संकट के कारण डिप्रेशन के शिकार हुए हैं।

आत्महत्या की वजहें
आत्महत्या की ढेरों वजहें हैं जैसे कैरियर से जुड़ी समस्याएं, गंभीर बीमारी, कर्ज, अवैध संबंध, प्रेम प्रसंग, रैगिंग, अकेलेपन का अहसास, दुर्व्यवहार, हिंसा, परिवार से जुड़ी दिक्कतें, मानसिक परेशानियां, अल्कोहल की लत, आर्थिक तंगी, आफिस के तनाव और दूसरी तकलीफें।

एक्सपर्ट एनालिसिस : समाज से दूर रहने लगता है सुसाइड करने वाला परिवार

साइकेट्रिस्ट समीक्षा साहू का कहना है कि कोविड के चलते आई आर्थिक तंगी का जीवन पर बुरा असर पड़ा है। सुसाइड करने वाले परिवार समाज से कटे रहे हैं।

साइकेट्रिस्ट समीक्षा साहू के अनुसार सुसाइड में 80 प्रतिशत मामले तनाव और 20 प्रतिशत अल्कोहल या साइको से संबंधी होते हैं। सभी लोगों के शरीर में रिस्क फैक्टर होते हैं। जब आर्थिक हालात या किसी प्रिय के जाने का गम होता है या फिर लगातार घरेलू विवाद के चलते लोग तनाव में आते हैं। इन मामलों में भी यही नजर आता है। कोविड के चलते आई आर्थिक तंगी का जीवन पर बुरा असर पड़ा है।” अधिकतर मामलों में सुसाइड करने वाला परिवार समाज से कटा-कटा रह रहा था, ऐसे में इस बात की भी आशंका बनती है कि परिवार में डिप्रेशन की हिस्ट्री रही हो। 75 प्रतिशत मानसिक रोग 24 की उम्र में शुरू हो जाता है। बारिश व ठंड में सुसाइड की मनोवृत्ति अधिक बढ़ जाती है।

अपनों में ये लक्षण दिखे तो हो जाएं अलर्ट
आत्महत्या की मनोवृत्ति भी एक बीमारी है। आत्मबल कमजोर पड़ने और एक साथ कई क्षेत्रों जैसे परिवारिक, सामाजिक, व्यक्तिगत और कैरियर का दबाव पड़ने पर अक्सर लोग अवसादग्रस्त होकर ऐसा कदम उठाते हैं। यदि एक महीने से लगातार थकान, अचानक व्यवहार में बदलाव, उदासी, बाहर निकलना छोड़ दिया हो, सांसों का फूलना, नींद न आना, असमय डायबिटीज और गुस्सा आना और बार-बार मन में आत्महत्या का विचार आ रहा हो तो सावधान हो जाएं। ये शरीर में केमिकल डिसबैलेंस का लक्षण है।

बचाव का ये है तरीका

  • आत्मविश्वास बढ़ाना होगा
  • भोजन में ओमेगा थ्री लें।
  • संगीत सुनें, धार्मिक ग्रंथ पढ़ें
  • घर में खुशनुमा माहौल बनाएं
  • जॉब खोने से अवसाद में आए युवाओं को परिजन सम्बल दें
  • अपनी परेशानी परिवार या दोस्तों से शेयर करें
  • मेंटल और इमोशनल डिस्टेंस न बनाएं
  • आत्महत्या का विचार आए तो मनोचिकित्सक से काउंसिलिंग लें

देश में कहां कितने लोगों ने किया सुसाइड

  • महाराष्ट्र-13.5 प्रतिशत (22207)
  • तमिलनाडु-11.5 प्रतिशत (18925)
  • मध्य प्रदेश-9.1 प्रतिशत (14965)
  • पश्चिम बंगाल-8.2 प्रतिशत (13500)
  • कर्नाटक-8.00 प्रतिशत-(13056)
  • तेलंगाना-6.2 प्रतिशत (10171)
  • केरल-5.8 प्रतिशत (9549)
  • आंध्र प्रदेश-4.9 प्रतिशत (8067)
  • छत्तीसगढ़-4.8 प्रतिशत (7828)
  • उत्तर प्रदेश-3.6 प्रतिशत (5932)
  • अन्य-19 प्रतिशत
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