नौनिहालों के जीवन पर संकट …?

परिवहन विभाग ने एक साल से चेक नहीं किए स्कूल वाहन, RTO घर से चलातीं ऑफिस …
आरटीओ कार्यालय का मुख्य द्वार
आरटीओ कार्यालय का मुख्य द्वार

बाबुओं के भरोसे कार्यालय, घर से चल रही अफसरी
मुरैना का क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय बाबुओं के भरोसे चल रहा हैं। RTO अर्चना परिहार कार्यालय में ही नहीं आती हैं। नाम न छापने की शर्त पर बाबुओं ने बताया कि जरूरी कागजातों को वे उनके ग्वालियर स्थित निवास पर ले जाते हैं और वहीं से दस्तखत करा लाते हैं।
कंडम वाहन से बच्चों का संकट में जीवन
पॉपूलर पब्लिक स्कूल की जिस वैन में बच्चे आ रहे थे वह पूरी तरह कंडम हो चुकी है। बताया जा रहा है कि वैन क्रमांक- MP-06 टी0488 का लंबे समय से फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं बना है। स्कूल संचालक ने भी वैन का फिटनेस कराने की जरूरत नहीं समझी। वह भी फीस के रुप में मोटी रकम लेने के बावजूद बच्चों के जीवन से सरेआम खिलवाड़ कर रहा है।
वाहन इतना कंडम की कूलेंट ही फट गया
गुरुवार को ही दूसरा हादसा पोरसा क्षेत्र के चोमो गांव में घटा जहां एक निजी स्कूल की वेन का कूलेंट(इंजन को ठंडा करने का तरल पदार्थ) फट गया। इससे स्कूल की उस कंडम वेन में सवार दो बच्चे लकी सिंह भदौरिया व पंकज भदौरिया के पैर की चमड़ी झुलस गई। बच्चों को चौमों गांव से अटेर के लिए स्कूल की वेन में ले जाया जा रहा था।

सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन नहीं
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन कराने के लिए कलेक्टर, SP, RTO, जिला शिक्षा अधिकारी, DPC व ट्रेफिक पुलिस को स्कूल संचालकों के साथ बैठकर खास चर्चा की जाना थी लेकिन वह भी नहीं की गई। अगर यह चर्चा हो जाती तो शायद कंडम वाहनों पर लगाम लग सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब बच्चों की जान पर बन आई फिर भी जिला व पुलिस प्रशासन इस तरफ से आंख बंद किए बैठा है।

RTO ने नहीं उठाया फोन, कलेक्टर बोले करेंगे कार्रवाई
आरटीओ अर्चना परिहार से फोन पर बात करना चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। वहीं दूसरी तरफ कलेक्टर मुरैना का कहना है कि उन्होंने DEO से इस संबंध में जांच रिपोर्ट मांगी, उसके बाद वाहनों की जांच की जाएगी तथा आरटीओ द्वारा कार्यालय से नदारद रहने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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