छोटे-छोटे कदमों से भी बन सकती है सरकार की छवि
सुशासन: खराब सड़कों से मिले छुटकारा
विधानसभा चुनाव के बाद पांच राज्यों में नई सरकार बन चुकी है। इन सरकारों में नए लोगों को भी मौका मिला है। जनप्रिय सरकार के लिए आवश्यक है कि वे राज्य के साथ राष्ट्रीय विकास को ध्यान में रखकर कार्य करें। सरकार का कार्य जनसुविधाएं प्रदान करने का होना चाहिए, न कि खैरात बांटना। करदाताओं से मिले कर का राज्य और राष्ट्रहित में सदुपयोग होना चाहिए।
सरकार को दिखावे पर होने वाले सरकारी खर्च को रोकना चाहिए, तभी सरकार निजी क्षेत्र में होने वाले दिखावे पर कर लगाने की सोच सकती है। सरकार को अपनी आय के स्रोत बढ़ाने चाहिए। स्थानीय निकायों को भी मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए। सरकार शहरी व ग्रामीण हलकों में स्थानीय सड़कों का नामकरण इलाके के प्रतिष्ठित लोगों के नाम पर कर सकती है। इस कार्य के लिए निश्चित राशि भी ली जा सकती है, जिससे जनकल्याणकारी कार्य हो सकें। गली मोहल्लों में निजी गाड़ियां खड़ी करने पर भी किराए का प्रावधान किया जा सकता है। इससे गलियों व मोहल्लों में रोजमर्रा के होने वाले लड़ाई- झगड़ों से भी निजात मिल सकती है। आम जनता खराब सड़कों के कारण परेशान रहती है। असल में सड़क बनते ही किसी न किसी सरकारी विभाग का ठेकेदार उसे खोद देता है। समय पर पुनर्निर्माण भी नहीं हो पाता। पीडब्ल्यूडी, विद्युत निगम, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग व स्थानीय निकायों के मध्य समन्वय का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जाना चाहिए। समन्वय की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों की होनी चाहिए। इस समन्वय से सभी कार्य समय पर सम्पन्न होंगे और सड़कों का रखरखाव भी सरलता से होगा। जनता को होने वाली परेशानी का समाधान स्वत: ही होने जाएगा और यातयात जाम भी नहीं होगा। आमतौर पर सड़क टूटने का कारण होता है उस पर पानी का ठहराव, पानी चाहे गंदा हो चाहे वर्षा का। अत: सड़कों के निर्माण के पहले सावधानी से डीपीआर बने ओर उसी के अनुरूप निर्माण कार्य हो। सड़क खोदने की जगह सड़क के नीचे ड्रिलिंग कर कार्य सम्पन्न किया जाना चाहिए। सड़कों के टूटने का एक और कारण होता है स्वीकृत भार से अधिक भार लाद कर ट्रकों का चलना। इस पर रोक लगनी चाहिए।
हर घर बिजली व हर घर जल योजना के तहत घरों तक नल के साथ बिजली भी पहुंची है, पर रखरखाव को लेकर गंभीरता नहीं है। खेत में से गुजरने वाली पाइपलाइन को तोड़ कर सिंचाई करने की प्रवृत्ति को भी रोकना होगा। इस तरह के कृत्यों में लिप्त लोगों को दंडित करने का प्रावधान होना चाहिए। बिजली-पानी की चोरी रोकने लिए सरकार को शीघ्र कोई व्यवस्था करनी चाहिए। वर्तमान में निगरानी के अभाव में पानी की चोरी खूब हो रही है। इससे गांव-ढाणी में पेयजल की समस्या जस की तस बनी हुई है। इसलिए जलापूर्ति के समय औचक निरीक्षण की व्यवस्था पुलिस की फ्लाइंग स्क्वाड से करवाई जानी चाहिए तथा चोरी करने वालों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। इस तरह के छोटे-छोटे कदमों से भी सरकार जनता को अहसास करवा सकती है कि प्रदेश में पूर्वाग्रह मुक्त जनसेवा करने वाली नई सरकार बनी है।