हर महीने 25.38 करोड़ पगार ले रहे शिक्षक, परीक्षा परिणाम दे रहे 50 फीसदी भी नहीं

बीते वर्ष हाईस्कूल का 49 और हायर सेकंडरी परीक्षा का 46 फीसदी रहा परिणाम …

दतिया. जिले के सरकारी स्कूलों में पदस्थ 4587 शिक्षक हर महीने 25 करोड़ 38 लाख रुपए पगार ले रहे हैं। बावजूद इसके हाईस्कूल और हायर सेकंडरी बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम की स्थिति दयनीय है। बीते वर्ष जहां हाईस्कूल परीक्षा का परिणाम 49 फीसदी रहा, वहीं हायर सेकंडरी परीक्षा के नतीजे 46 प्रतिशत ही रह गए।

शिक्षा का स्तर सुदृण बनाने के शासन के तमाम प्रयास निरर्थक हो रहे हैं। कम से कम दतिया जिले में बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा नहीं मिल पा रही। यही वजह है कि बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे भी आशा जनक नहीं आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 की हाईस्कूल में 10020 एवं हायर सेकंडरी परीक्षा में 9212 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इनमें से हाईस्कूल में 5044 जबकि हायर सेकंडरी परीक्षा में 4290 छात्र पास हो पाए। इस बार वर्ष 2023-24 की बोर्ड परीक्षा में कुल 19232 परीक्षार्थी हिस्सेदारी करेंगे। जिनमें हाईस्कूल के 10947 एवं हायर सेकंडरी के 8385 परीक्षार्थी शामिल होंगे।

शिक्षकों को दक्ष बनाने पर लाखों खर्च: बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान किए जाने के लिए जिले भर के शिक्षकों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर सालाना पांच लाख रुपए से अधिक धनराशि खर्च की जा रही है। धनराशि भले ही प्रति वर्ष खर्च हो रही है लेकिन शिक्षकों की दक्षता अभी तक सामने नहीं आ पाई। बिगड़ रहे हाईस्कूल और हायर सेकंडरी परीक्षा के परिणाम इसका जीवंत उदाहरण है।कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर जितना खर्च किया जा रहा है उसका सदुपयोग नहीं हो पा रहा है।

बीते पांच साल का हाईस्कूल का परिणाम

वर्ष परिणाम का प्रतिशत

2016-17 53.00

2017-18 65.71

2018-19 54.47

2019-20 50.87

2020-21 में कोरोना के चलते सभी को पास कर दिया गया था

वर्ष 2022-23 की हाईस्कूल में 10020 एवं हायर सेकंडरी परीक्षा में 9212 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इनमें से हाईस्कूल में 5044 जबकि हायर सेकंडरी परीक्षा में 4290 छात्र पास हो पाए। इस बार वर्ष 2023-24 की बोर्ड परीक्षा में कुल 19232 परीक्षार्थी हिस्सेदारी करेंगे। जिनमें हाईस्कूल के 10947 एवं हायर सेकंडरी के 8385 परीक्षार्थी शामिल होंगे।

सरकारी शिक्षकों पर भारी पड़ रहे प्राइवेट स्कूलों के कम वेतन लेेने वाले शिक्षक
प्राइवेट स्कूलों में 10 से 15 हजार रुपए महीने में पढ़ा रहे शिक्षक सरकारी विद्यायलों में मोटी पगार ले रहे सरकारी शिक्षकों पर भारी पड़ रहे हैं। प्राइवेट विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र, छात्राएं न सिर्फ ज्यादा संख्या में पास हो रहे हैं बल्कि उनकी रैंकिंग भी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की अपेक्षा ज्यादा बेहतर है। कम पगार में भी प्राइवेट स्कूल के शिक्षक प्रति वर्ष बेहतर परिणाम कैसे दे पा रहे हैं। शिक्षा विभाग में इसका चिंतन और विश्लेषण नहीं किया जा रहा। बीते चार साल के हायर सेकंडरी परीक्षा परिणाम एवं पांच साल के हाईस्कूल परीक्षा के नतीजों के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में सरकारी विद्यालयों का परीक्षा परिणाम साल दर साल गिर रहा है।
शिक्षकों के प्रशिक्षण पर व्यय की गई राशि

विकास खंड शिक्षक संख्या तनख्वाह हर माह

दतिया 2265 14.83 करोड.

सेंवढ़ा 1515 6.64 करोड़

भाण्डेर 807 4.74 करोड़

जिले भर में 4587 25.38 करोड़

 

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