क्यों इंजीनियर नहीं बन पाए ‘हाइवे मैन ऑफ इंडिया’?
कई लोग यह भी मानते हैं कि नितिन गडकरी बेहतरीन मैनेजमेंट करने वाले लोगों में से एक हैं. लेकिन हाल ही में उन्होंने अपनी जिंदगी के एक कम चर्चित पहलू का खुलासा किया. उन्होंने बताया है कि वो एक एवरेज स्टूडेंट थे. यहां तक कि वो इंजीनियरिंग के एंट्रेस एग्जाम में फेल हो गए थे.
मैं बहुत ही औसत आदमीः गडकरी
एक इंटरव्यू के दौरान जब उनसे उनके जीवन में RSS के योगदान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “संघ और विद्यार्थी परिषद ने मेरे जैसे बहुत ही अनुपयोगी लोगों को शेप देकर जो कुछ बनाया, उसका श्रेय विद्यार्थी परिषद और संघ को है. मैं पहले से ही एक औसत आदमी हूं. मेरे पास कोई ज्यादा टैलेंट नहीं है. मुझे बहुत लोग मैनेजमेंट एक्सपर्ट कहते हैं. कोई मुझे इंजीनियर बोलता है. लेकिन सच्चाई यह है कि मैं इंजीनियरिंग के एंट्रेस में फेल हो गया था.”
डिस्क्वालिफाई हो गए थे गडकरी
नितिन गडकरी ने आगे कहा, “1975 में आपातकाल लग गई तो जेपी के नेतृत्व में झंडा लेकर निकल गया. इधर उधर गिरफ्तारी हो गई. उस समय मुझे 11वीं 52 प्रतिशत नंबर मिले. मेरे घर-परिवार वालों की इच्छा थी कि मैं इंजीनियर बनूं. लेकिन मुझे विज्ञान संकाय में 49.26 प्रतिशत नंबर मिले. जबकि इंजीनियरिंग में नामांकन के लिए 50 प्रतिशत नंबर अनिवार्य था. इस तरह मैं पहले ही डिस्क्वालिफाई हो गया.”
उन्होंने आगे बताया, आज मुझे 9 डॉक्टरेट्स की उपाधि मिली है. मेरे मंत्रालय ने 7 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए. पर अभी भी मैं डॉक्टर नहीं लगाता. मैं कहता हूं कि जो एडमिशन के लिए डिस्क्वालिफाई हो गया वो डॉक्टर क्या ही लगाए. इसमें 5 डॉक्टरेट कृषि के लिए है.