‘ताबूत’ बनकर एक्सप्रेस-वे पर चल रही थी बस ?

न बीमा था न फिटनेस… ‘ताबूत’ बनकर एक्सप्रेस-वे पर चल रही थी बस, उन्नाव हादसे का सच
उन्नाव जिले में बुधवार को एक डबल डेकर बस आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हादसे का शिकार हो गई. हादसे में 18 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 19 घायल हो गए. वहीं बस को लेकर अब नई-नई जानकारी निकलकर सामने आ रही है. पता चला है कि ये बस महोबा के एक किसान के नाम पर रजिस्टर्ड थी और बिहार के शिवहर से दिल्ली इसका संचालन होता था.
Unnao Bus Accident: न बीमा था न फिटनेस... 'ताबूत' बनकर एक्सप्रेस-वे पर चल रही थी बस, उन्नाव हादसे का सच

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में बुधवार सुबह एक भीषण सड़क हादसा हुआ. बिहार के शिवहर से दिल्ली जा रही एक डबल डेकर बस बांगरमऊ क्षेत्र में दूध से भरे टैंकर से टकरा गई. हादसे में 18 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 19 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. इस हादसे का शिकार हुई बस को लेकर अब बड़ा खुलासा हुआ है.

उन्नाव ARTO ने दी जानकारी

उन्नाव में हादसे का शिकार हुई बस महोबा जिले में एक किसान के नाम पर रजिस्टर्ड थी. बस के कागजात में दर्ज पता भी फर्जी था. बस का परमिट और बीमा भी नहीं है. उन्नाव ARTO अरविंद कुमार ने बताया कि बस के कागज वैध नहीं हैं, जैसे फिटनेस, बीमा इत्यादि. यह बस महोबा के एक किसान के नाम पर रजिस्टर्ड है. बता दें कि 2018 में मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही एक बस के पलटने से उसमें आग लग गई थी. आग में झुलसकर 27 यात्रियों की मौत हो गई थी. तब भी फर्जी तरीके से बस संचालन का खुलासा हुआ था.

टूरिस्ट परमिट पर यात्री बसों का संचालन

अभी तक इस तरह से चल रहीं फर्जी बसों का संचालन बंद नहीं हो पाया है. टूरिस्ट परमिट पर यात्री बसों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है. बसें एक राज्य से दूसरे राज्य आसानी से आ जा रही हैं, लेकिन न तो कभी इनकी चेकिंग की जाती है और न ही इनको सील किया जाता है. जब हादसे होते हैं तो जिम्मेदार चेतते हैं और आनन-फानन में जांच शुरू करते हैं. अगर आज हुए बस हादसे को देखें तो यह बस यूपी के महोबा जिले के एक किसान के नाम रजिस्टर्ड है और इसका संचालन बिहार के शिवहर जिले से दिल्ली के लिए हो रहा है.

लंबी दूरी वाली बसों की जांच क्यों नहीं?

वहीं हादसे वाली बस को दिल्ली का चंदन जायसवाल चलवा रहा था. वह पहाड़गंज से बसों का परिचालन कराता है. बस की जांच के क्रम में परमिट और बीमा भी नहीं हुआ पाया गया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इन लंबी दूरी वाली बसों की जांच आखिर क्यों नहीं की गई? दावा तो यह भी किया जा रहा है कि बस का जो नंबर जारी किया गया है, वह बस का न होकर लोडर का है. बिहार के शिवहर और सीतामढ़ी से दिल्ली आने-जाने में 19 से 24 घंटे का समय लगता है. इन बसों में एक से ज्यादा ड्राइवर भी नहीं होते हैं. इस वजह से ड्राइवर काफी थक जाते हैं. कभी-कभी बस चलाते समय उनको नींद आ जाती है और बस इसी तरह से हादसे का शिकार हो जाती है.

उन्नाव पुलिस ने दी हादसे की जानकारी

वहीं हादसे को लेकर उन्नाव पुलिस ने बताया कि सुबह करीब 05.15 बजे बेहटा मुजावर थाना अंतर्गत आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर डबल डेकर बस (UP95 T 4729), जो बिहार से दिल्ली जा रही थी, ने पीछे से दूध से भरे टैंकर में टक्कर मार दी, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई एवं 19 लोग घायल हो गए. घटना की सूचना पर पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर सभी घायलों को बाहर निकाला और इलाज के लिए सीएचसी बांगरमऊ में भर्ती कराया गया, जहां से बेहतर इलाज के लिए सभी को जिला अस्पताल उन्नाव भर्ती कराया गया, जहां से पांच गंभीर घायलों को लखनऊ रेफर किया गया एवं शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.

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