नोएडा : बस गई कोचिंग मंडी, छात्रों के लिए न सुरक्षा के इंतजाम न मानक पूरे !
बस गई कोचिंग मंडी, छात्रों के लिए न सुरक्षा के इंतजाम न मानक पूरे
– एक हजार से ज्यादा कोचिंग सेंटर, पंजीकरण सिर्फ 40 का, मिनी मुखर्जी नगर के नाम से प्रसिद्ध है सेक्टर-62
नोएडा। दिल्ली के राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से छात्रों की मौत की दुखद घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने अभिभावकों को डरा दिया है। छात्रों के सपनों को सच कर भविष्य बनाने का दावा करने वाले कोचिंग सेंटर अब जांच के घेरे में आ गए हैं। यह सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि पिछले पांच सालों में शहर में बड़े-बड़े इंस्टीट्यूट खुल गए हैं। कोचिंग की मंडी सज गई है, लेकिन छात्रों की सुरक्षा के इंतजाम और मानक पूरे नहीं हैं।
उतरने के लिए सिर्फ संकरी सीढिय़ां
सेक्टर- 12-22, 15, 16 समेत सेक्टरों में दर्जनों कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। यहां सैकड़ों की संख्या में छात्र ट्यूशन लेने आ रहे हैं। छोटे-छोटे कॉम्प्लेक्स बने हुए हैं। इनमें आने-जाने के लिए सिर्फ एक तरफ संकरी सीढिय़ां हैं। यहां एक समय में केवल एक ही व्यक्ति गुजर सकता है। अगर कोई अप्रिय घटना घट जाए तो छात्रों के लिए सीढिय़ों से उतरना तक मुश्किल होगा।
तारों के मकड़जाल, फायर एनओसी तक नहीं
कोचिंग सेंटर के बाहर तारों का मकड़जाल बना हुआ है। बड़ी संख्या में बिल्डिंग को छूते हुए बिजली के तार गुजर रहे हैं। अंदर भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। जिले में छोटे बड़े मिलाकर करीब एक हजार से ज्यादा कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। पिछले दिनों चलाए गए जांच अभियान में बहुत कम कोचिंग सेंटर प्रबंधकों के पास फायर एनओसी मिली थी। इनको नोटिस भी जारी किए गए थे। हालांकि अब विभाग का कहना है कि जिन बिल्डिंग में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं, उन बिल्डिंग के पास फायर एनओसी हैं।
शिक्षा विभाग ने बेसमेंट में बंद कराईं कक्षाएं
पिछले दिनों शिक्षा विभाग ने एक नामी स्कूल के बेसमेंट में चल रही कक्षाओं को बंद कराया था। शिक्षा विभाग का कहना है कि स्कूल जूनियर विंग की कक्षाएं संचालित कर रहा था। पहले स्कूलों को नोटिस भेजा गया था। उसके कुछ दिनों बाद कक्षाएं बंद करा दी गई।
—————
यह बहुत दुखद घटना है। बड़े-बड़े सपने लेकर छात्र आते हैं। कोचिंग सेंटर की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। यह सभी पहलुओं पर जांच करेगी। अभी 40 से ज्यादा कोचिंग सेंटर पंजीकृत हैं। अधिकतर संस्था के पास फायर एनओसी है।
डॉ. धर्मवीर सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक
———-
जिले में बेसमेंट में कोचिंग सेंटर नहीं चल रहे हैं। एक स्कूल चल रहा था, जिसको डीआईओएस की शिकायत पर बंद करा दिया गया है। अधिकतर बड़े इंस्टीट्यूट के पास फायर एनओसी है। छोटे इंस्टीट्यूट के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
सीएफओ