यमुना एक्सप्रेसवे पर पैदल चलने वालों की हो रहीं मौतें, प्रतिबंध के बाद भी जा रहे लोग
UP: यमुना एक्सप्रेसवे पर पैदल चलने वालों की हो रहीं मौतें, प्रतिबंध के बाद भी जा रहे लोग; देखें आरटीआई का डेटा
यमुना एक्सप्रेसवे पर पैदल चलने वालों की मौत का आंकड़ा आरटीआई अधिनियम के तहत जारी किया गया है। 2012 से कुल मिलाकर 39 पैदल यात्रियों की जान चली गई। इनमें से16 मौतें अकेले 2023 में दर्ज की गईं।
आरटीआई ने जवाब में कहा कि जेपी इंफ्राटेक द्वारा निर्मित यमुना एक्सप्रेसवे एक ‘पहुंच नियंत्रित एक्सप्रेसवे’ है, जहां पैदल यात्रियों को जाने या इसे पार करने की अनुमति नहीं है। 2012 से 2023 तक एक्सप्रेसवे पर पैदल यात्री संबंधी दुर्घटनाओं की कुल संख्या 103 थी, जबकि इस अवधि के दौरान मरने वालों की संख्या 39 और घायलों की संख्या 41 दर्ज की गई थी। वार्षिक दुर्घटनाएं 2012 में तीन, 2013 में 10, 2014, 2015 और 2016 में आठ-आठ, 2017 में 13 (13), 2018 में 11, 2019 में दो, 2020 में चार, 2021 में पांच, 2022 में आठ और दर्ज की गईं। जानकारी के मुताबिक 2023 में 23 घटनाएं दर्ज की गईं।
इसी तरह 2012 में पैदल यात्रियों की मृत्यु शून्य, 2013, 2014 और 2015 में तीन-तीन, 2016 में दो, 2017 में एक, 2018, 2019 और 2020 में दो-दो, 2021 में एक, 2022 में चार और 2023 में 16 दर्ज की गई। जानकारी से पता चला। घायलों की संख्या 2012 में दो, 2013 में तीन, 2014 में छह, 2015 में तीन, 2016 में दो, 2017 में तीन, 2018, 2019 और 2020 में दो-दो, 2021 में एक, 2022 में चार और 2023 में नौ रही।