स्टूडेंट्स बोले- बेसमेंट वाली कोचिंग और लाइब्रेरी बंद, पढ़ें कहां !

स्टूडेंट्स बोले- बेसमेंट वाली कोचिंग और लाइब्रेरी बंद, पढ़ें कहां
कोचिंग वाले फरार, हमारे तो PG भी बेसमेंट में; रहने कहां जाएं

‘हमारी तो जिंदगी ही बेसमेंट में गुजर रही है। न वेंटिलेशन है, न ओपन स्पेस। किराया भी 10 हजार रुपए है। गर्मी और सर्दियों में बहुत परेशानी होती है। बारिश में पानी रूम के अंदर घुस रहा है। जब से कमरे में पानी भरने लगा, तभी से मुझे यहां रहना रिस्की लग रहा है। राउ कोचिंग में जो हुआ, उसके बाद तो डर बढ़ गया है। लाइब्रेरी और कोचिंग बंद होने से पढ़ाई भी रुक गई है।’

ये श्वेता शुभलक्ष्मी हैं। ओडिशा से सिविल सर्विस के एग्जाम की तैयारी करने दिल्ली आई हैं। उसी राजेंद्र नगर में रहती हैं, जहां बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी में पानी भरने से तीन स्टूडेंट की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद राजेंद्र नगर में रहने वाले स्टूडेंट परेशान हैं। वे कुछ सवाल पूछ रहे हैं।

1. हादसे के बाद बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी बंद हो गई है, ऐसे में पढ़ाई कैसे करें?
2. सही तरीके से चल रही लाइब्रेरी के चार्ज बढ़ गए हैं। यहां रहना पहले से महंगा है, पढ़ाई का इतना खर्च कैसे उठाएं?
3. एक्शन के डर से बेसमेंट में चल रहे पीजी बंद किए जा रहे हैं। पीजी बंद हो जाएंगे तो कहां रहेंगे?

स्टूडेंट्स की परेशानी 27 जुलाई से शुरू हुई, जब राजेंद्र नगर में राउ IAS कोचिंग सेंटर में हादसा हुआ। रात का वक्त था। बिल्डिंग में पावर कट की वजह से बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी का बायोमेट्रिक गेट जाम हो गया। चारों तरफ अंधेरा था और स्टूडेंट लाइब्रेरी के अंदर फंस गए।

बाहर सड़क पर बारिश का पानी भरा था। गेट बंद होने से शुरुआत में पानी बेसमेंट में नहीं घुसा, फिर कुछ मिनट बाद ही पानी का प्रेशर तेज हुआ और गेट टूट गया। इसके बाद पानी तेजी से बेसमेंट में भरने लगा।

27 जुलाई को राउ IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक 10 से 12 फीट पानी भर गया था। इस वजह से स्टूडेंट अंदर फंस गए। तीन स्टूडेंट की डूबने से मौत हो गई।
27 जुलाई को राउ IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक 10 से 12 फीट पानी भर गया था। इस वजह से स्टूडेंट अंदर फंस गए। तीन स्टूडेंट की डूबने से मौत हो गई।

कुछ सेकेंड में घुटनों तक पानी भर गया। स्टूडेंट बेंच पर खड़े हो गए। महज 2-3 मिनट में ही पूरे बेसमेंट में 10-12 फीट पानी भर गया। स्टूडेंट को बचाने के लिए रस्सियां फेंकी गईं, लेकिन पानी गंदा था, इसलिए रस्सी दिखाई नहीं दी। रेस्क्यू में दिक्कतें आईं। देर रात को 3 स्टूडेंट्स की डेड बॉडी मिलीं। 14 स्टूडेंट्स को रस्सियों के सहारे सुरक्षित निकाला गया।

घटना के अगले दिन…
दैनिक भास्कर हादसे के अगले दिन राजेंद्र नगर पहुंचा। हमने देखा कि तकरीबन सभी लाइब्रेरी मालिकों ने दरवाजे पर ताला लगा दिया था। लाइब्रेरी के जितने भी होर्डिंग, पोस्टर और बैनर थे, सब हटा दिए गए। लाइब्रेरी के बाहर लगे बायोमेट्रिक सिस्टम भी निकाल दिए गए है। कई जगहों पर दीवार बनाकर बेसमेंट ढंका जा रहा है।

लाइब्रेरी वाले स्टूडेंट्स को कॉल करके बुला रहे हैं, उनकी किताबें लौटा रहे हैं। इलाके में ज्यादातर लाइब्रेरी अवैध रूप से चल रही हैं। हादसे के बाद एक्शन के डर से आनन-फानन में ओनर्स ने इन्हें बंद कर दिया। अकेले लाइब्रेरी ही नहीं कोचिंग सेंटर और पीजी भी बेसमेंट में चल रहे हैं।

हालांकि राउ हादसे के अगले ही दिन दिल्ली के राजेंद्र नगर में 13 कोचिंग सेंटर सील कर दिए गए। इस केस में 7 लोगों को अरेस्ट किया गया है। सभी आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है।

सबसे पहले बात तृष्णा लाइब्रेरी की…
बेसमेंट में लाइब्रेरी, 2 AC और एक एग्जॉस्ट के सहारे 50 स्टूडेंट्स

सबसे पहले हम राजेंद्र नगर के 1/17 ब्लॉक पहुंचे। यहां हम तृष्णा लाइब्रेरी में गए, जो बंद मिली। ये इलाके की सबसे बड़ी लाइब्रेरी की चेन है। इसके तीन हॉल हैं। राउ एकेडमी में हुए हादसे के बाद इस लाइब्रेरी के मालिक भी सब बंद करके गायब हैं।

तृष्णा लाइब्रेरी के बगल वाले फ्लैट में रिशु कुमार रहते हैं। रिशु एक साल से यहीं IAS की तैयारी कर रहे हैं। वे बताते हैं, ‘बिल्डिंग के बेसमेंट में लाइब्रेरी चलती थी। करीब 40-50 बच्चे रोज पढ़ने आते थे। राउ IAS मामले के बाद से ही लाइब्रेरी बंद है। सारे बोर्ड उखाड़ दिए गए। बिल्डिंग के एंट्रेंस गेट पर एक लाइट बोर्ड भी लगा हुआ था, लेकिन वो भी हट दिया गया।’

यहीं हमारी मुलाकात श्वेता शुभलक्ष्मी से हुई। श्वेता तृष्णा लाइब्रेरी के सामने की बिल्डिंग में रहती हैं। श्वेता इसी साल जनवरी में ओडिशा से दिल्ली के राजेंद्र नगर UPSC की कोचिंग करने के लिए आई हैं। उनका पीजी बेसमेंट में है। बारिश के दिनों में कमरे के अंदर पानी घुस आता है। इसे लेकर वो कई बार ओनर और पुलिस से शिकायत कर चुकी हैं। श्वेता भी तृष्णा लाइब्रेरी जाती थीं।

लाइब्रेरी के बारे में श्वेता बताती हैं, ‘इनके राजेंद्र नगर में तीन हॉल हैं। मेरे घर के सामने उनका हॉल नंबर 1 है। वो बेसमेंट में ही बना है।’

राजेंद्र नगर के 1/17 ब्लॉक में तृष्णा लाइब्रेरी भी बेसमेंट में चलती है। हालांकि, राउ हादसे के बाद से लाइब्रेरी बंद है।

श्वेता बताती हैं, ‘यहां गर्मियों में हाल जब भरा होता है, तो बहुत घुटन होती है। सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। पूरे हॉल में सिर्फ दो AC लगे हैं। एक एग्जॉस्ट फैन है। कार्नर की डेस्क और एक लॉकर मिलाकर 2500 रुपए हर महीने का किराया है। बीच की सीट का किराया 2200 रुपए है।’

श्वेता आगे कहती हैं, ‘अगर हम घंटे के हिसाब से बैठते हैं, तो 6 घंटे के 1600 रुपए और 8 घंटे का 1800 रुपए किराया था। लाइब्रेरी से हमें कोई कार्ड नहीं दिया गया था। एडमिशन लेते वक्त एक डायरी में नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखवाया गया था और बायोमेट्रिक लिया गया था। उसी से हमारी एंट्री और एग्जिट हुआ करती थी।’

बेसमेंट में चल रहे PG, बारिश में कमरों में पानी भर जाता है
श्वेता अपने PG को लेकर बताती हैं, ‘दिल्ली पहुंचने के बाद रूम के लिए मुझे कई ब्रोकर के कॉन्टैक्ट नंबर मिले। उन्होंने राजेंद्र नगर में जो भी जगहें दिखाई, वो बहुत कंजस्टेड थीं। कमरों के रेंट भी बहुत ज्यादा हैं। मुझे एक पर्सनल रूम चाहिए था, जिसमें अटैच बाथरूम हो। कॉमन किचन के साथ वाई-फाई, AC और वेंटिलेशन भी हो, लेकिन ऐसा रूम मिलना मुश्किल है। इनका रेंट भी बहुत ज्यादा है।’

‘ऐसे कमरे जो पहली या दूसरी मंजिल पर बने हों उनका बेस प्राइस ही 15 हजार रुपए है। वो भी शेयर करने पड़ते हैं। इसके अलावा सफाई का खर्च अलग से देना पड़ता है। अगर एक कमरे में तीन स्टूडेंट भी रहें तो उनमें रोटेशन होता है, जिससे पढ़ाई में दिक्कत होती है। इसी वजह से मुझे बेसमेंट का रूम ही चुनना पड़ा। इसका कोई एग्रीमेंट भी नहीं है, यानी किसी की जवाबदेही नहीं है।’

श्वेता आगे बताती हैं, ‘यहां बेसमेंट में 4 कमरे बने हैं। एक कमरा सीढ़ी के नीचे है। बाकी तीन कमरे बड़े हैं। वेंटिलेशन नहीं है, लेकिन हर तरह की जरूरत का सामान है। इसका किराया भी 10 हजार रुपए है। सर्दियों में बहुत परेशानी होती है। वहीं बारिश में पानी रूम के अंदर घुस रहा है। मैं सुबह उठती हूं तो कमरे के अंदर पानी भरा मिलता है। मेरी किताबें गीली हो गईं। हर तरफ सीपेज हो रही है।’

वे बताती हैं, ‘इसे ठीक कराने के लिए ओनर को मैसेज भी किया, लेकिन वो टालते रहे। अब पिछले दो महीने से इस कमरे का किराया भी बढ़ाकर साढ़े 12 हजार कर दिया है। इसमें बिजली और पानी का बिल शामिल नहीं है। पिछले ही हफ्ते मैंने पुलिस को भी ये दिक्कतें बताई।’

राजेंद्र नगर के पीजी में ऐसे छोटे-छोटे कमरे बने हुए हैं। इनमें रहने लायक स्पेस भी नहीं है, लेकिन किराया काफी ज्यादा है।
राजेंद्र नगर के पीजी में ऐसे छोटे-छोटे कमरे बने हुए हैं। इनमें रहने लायक स्पेस भी नहीं है, लेकिन किराया काफी ज्यादा है।

बेसमेंट में PG, आने-जाने के सिंगल गेट पर लगे बिजली के मीटर-वायर
स्टूडेंट्स से मिलने के बाद हम राजेंद्र नगर के 12 नंबर ब्लॉक पहुंचे। यहां भी पीजी बेसमेंट में ही चल रहे हैं। बेसमेंट की दीवारों से बिजली के तार लटक रहे थे। पूरी बिल्डिंग के मीटर और बिजली का कनेक्शन बेसमेंट में लगा हुआ है। यही 4 स्टूडेंट्स रहते हैं, जो UPSC की तैयारी कर रहे हैं। इन कमरों में सिर्फ एक सिंगल बेड और एक टेबल रखने की जगह है।

बिना कैमरे पर आए इनमें से एक राजीव बताते हैं, ‘मैं बिहार का रहने वाला हूं। पिछले दो साल से यहां रह रहा हूं। बिजली के तार यहीं लगे हैं। बारिश के समय पानी अंदर घुस आता है। दो बार शॉर्ट सर्किट हो चुका है। बाहर निकलने का भी सिर्फ एक रास्ता है, जिसके लिए सीढ़ियां चढ़कर मीटर पार करना पड़ेगा, लेकिन मालिक कुछ नहीं करते। इस कमरे का किराया 8 हजार रुपए है।’

‘अगर हम कहीं और रहेंगे तो किराया 15 हजार से शुरू होगा। हम सब बस यही सोचकर यहां रह रहे हैं कि सोने और नहाने कमरे में आना है। मैं कोचिंग में ढाई लाख रुपए दे चुका हूं। जो लाइब्रेरी जॉइन की है, वो भी अंडरग्राउंड बनी है। उसका सिर्फ बायोमेट्रिक बना है। कोई कार्ड नहीं मिला। हमारा दिन बेसमेंट में ही बीत जाता है।’

राजेंद्र नगर के 12 नंबर ब्लॉक में पीजी बेसमेंट में ही चल रहे हैं। पूरी बिल्डिंग के मीटर और बिजली का कनेक्शन बेसमेंट में लगा हुआ है।

राउ हादसे के बाद दीवार बनाकर ढंका बेसमेंट
इसके बाद राजेंद्र नगर में ही हमने कई प्राइवेट लाइब्रेरी भी देखीं। 12 ब्लॉक में अमेडियस लाइब्रेरी के बाहर कोई होर्डिंग नहीं तो नहीं दिखी। एक बायोमेट्रिक लगा मिला। ऐसी करीब 150 लाइब्रेरी पूरे राजेंद्र नगर में है, जो बेसमेंट में चलाई जा रही हैं।

यहीं खंभे पर हमें ‘अक्षित लाइब्रेरी’ का एक पोस्टर दिखाई दिया। ये लाइब्रेरी 56/8 में बनी है। जब हम यहां पहुंचे तो एक बिल्डिंग के नीचे बेसमेंट था। इस पर भी ताला लगा मिला। इस बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर रहने वाले शख्स ने हमें बताया कि वो यहां दो साल पहले रहने आए थे। तब से लाइब्रेरी चल रही है। ये 24 घंटे चलती है। रात भर गली में भीड़ लगी रहती है।

राजेंद्र नगर के 12 नंबर ब्लॉक में बेसमेंट में चल रहे पीजी की तस्वीर है। यहां वेंटिलेशन के लिए सिर्फ एक छोटी सी विंडो में फैन लगा है।

इसके बाद हम मंजिल लाइब्रेरी पहुंचे। यहां स्टूडेंट्स का सामान बोरी में बांधकर लौटाया जा रहा था। इसी के सामने ‘आरंभ’ लाइब्रेरी है, जिसकी शुरुआत एक हफ्ते पहले ही हुई थी। एक खंभे पर इसका बैनर भी दिखा। जब हम वहां पहुंचे, तो बेसमेंट को ढकने के लिए दीवार बनाई जा रही थी।

एक स्टूडेंट्स ने हमें बताया कि लाइब्रेरी कुछ ही दिन पहले खुली थी। ये बिल्डिंग के नीचे बेसमेंट में चल रही थी। अब इसे दीवार से ढका जा रहा है। ऐसी ही एक लाइब्रेरी हमें 11/5 में मिली। इस लाइब्रेरी के गेट को बोरियों के ढेर से ढक दिया गया।

राउ कोचिंग हादसे के बाद राजेंद्र नगर के 11/5 में एक लाइब्रेरी के दरवाजे को बोरियों से ढक दिया गया है।

बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी में जाना स्टूडेंट्स की मजबूरी
हम आगे बढ़े तो हमारी मुलाकात उत्कर्ष से हुई। वो पिछले 3 साल से UPSC की तैयारी कर रहे हैं। वो राजेंद्र नगर में स्थित तिरुपति लाइब्रेरी जाते हैं। ये भी बेसमेंट में चल रही है। लाइब्रेरी में जरा भी वेंटिलेशन नहीं है। AC और एग्जॉस्ट फैन लगा रहता है। पैसे बचने के लिए भी AC भी मुश्किल से ही चलता है। ज्यादातर समय पंखा चलता है। कोई इमरजेंसी एग्जिट भी नहीं है।’

‘जिस दिन राउ IAS कोचिंग में हादसा हुआ, उसके अगले दिन सुबह-सुबह सभी लाइब्रेरी ने अपने पोस्टर, होर्डिंग और बैनर हटा दिए। लाइब्रेरी का पोस्टर हटाकर उस ऊपर कागज चिपका दिया है। गेट पर ताले डाल दिए गए हैं।’

उत्कर्ष कहते हैं ‘हमें बताया गया है कि लाइब्रेरी अगले नोटिस तक बंद रहेगी। फिलहाल सभी कोचिंग और लाइब्रेरी 3 दिन के लिए बंद हैं। स्टूडेंट्स को बुलाकर उनका सामान लौटाया जा रहा है। हम इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारी मांग है कि हमें बताया जाए कि हादसे वाले दिन राउ कोचिंग की लाइब्रेरी में कितने स्टूडेंट थे और कितने लोगों का रेस्क्यू किया गया।’

उत्कर्ष आगे कहते हैं, ‘LG ने मरने वाले तीनों स्टूडेंट्स को 10 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है, लेकिन ये बहुत कम है। इतना तो हर स्टूडेंट् यहां कोचिंग, रहने, खाने और किताबों पर खर्च कर देता है। किसी भी बड़ी कोचिंग की फीस दो लाख रुपए है। इसके बाद हम लाइब्रेरी जा रहे हैं, जिसकी फीस 3500 से 4 हजार रुपए तक है। मेस की फीस 4,500 रुपए है।’

कई बार शॉर्ट सर्किट हुआ, लेकिन एक्शन नहीं
पिछले पांच साल से आंध्र प्रदेश के रहने वाले कृष्ण तेजा कई लाइब्रेरी के लिए स्टूडेंट कोऑर्डिनेटर भी रह चुके हैं। वो अब भी एक प्राइवेट लाइब्रेरी के कोऑर्डिनेटर हैं। बिना लाइब्रेरी का नाम लिए कृष्ण बताते हैं, ‘ज्यादातर लाइब्रेरी जो AC, CCTV फुटेज, बाथरूम और पीने का पानी देने का वादा करती हैं, वो सब झूठ है। शॉर्ट सर्किट की बहुत सारी घटनाएं होती हैं।’

कृष्ण आगे बताते हैं, ‘यहां तीन तरह की लाइब्रेरी हैं- स्मॉल, मीडियम और लार्ज। केके लिब्रे सबसे बड़ी लाइब्रेरी है, जिसमें कई फ्लोर हैं। शोती लाइब्रेरी में 40 से 50 छात्रों के बैठने की व्यवस्था बेसमेंट में बनाई गई है। इसका किराया 3 से 4 हजार रुपए तक है।

‘यहां वो स्टूडेंट्स जाते हैं, जो छोटी और मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं। कोचिंग में हमारा बहुत पैसा जा चुका होता है। इसलिए ये लाइब्रेरी अच्छा विकल्प हैं।’

बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी की शिकायत
सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे किशोर सिंह कुशवाह ने 26 जून को कोचिंग की बिल्डिंग के बेसमेंट को लेकर शिकायत की थी। उन्होंने शिकायत में कहा था कि बिल्डिंग को मरम्मत की जरूरत है। ये जर्जर हालत में है। यहां बारिश के दिनों में जलभराव भी हो सकता है। नगर निगम को शिकायत भेजी गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

किशोर बताते हैं, ‘इसके बाद मैंने 15 जुलाई को फिर से याद दिलाया, लेकिन फिर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया। इसके बाद 22 जुलाई को रिमांइडर भी भेजा, लेकिन इसके बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया।’

राजेंद्र नगर में रहने वाले रवि रंजन कुमार ने भी पिछले साल 3 जुलाई को बेसमेंट में लाइब्रेरी चलाने को लेकर पुलिस कमिश्नर को लेटर लिखा था। कई बिल्डिंग पर चौथा फ्लोर भी बनाया गया है, जिसमें PG चलाया जा रहा है। दिल्ली में ये गैरकानूनी है। लोगों ने इसकी शिकायत MCD से की थी, लेकिन दोनों शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

एजुकेशनल इंस्टीट्यूट को बेसमेंट में स्टडी रूम बनाने की परमिशन
दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 में दिए गए नॉर्म्स के अनुसार, बेसमेंट का इस्तेमाल तीन अलग-अलग कैटेगरी के लिए किया गया है। बेसमेंट की परमिशन सिर्फ स्टोरेज, पार्किंग और यूटिलिटी के लिए है। अगर ये बेसमेंट एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में है, तो स्टडी रूम की परमिशन है।

एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर शामिल हैं। ओल्ड राजेंद्र नगर में बेसमेंट में चलने वाली ये लाइब्रेरी और पीजी रेजिडेंशियल एरिया में बनी हैं, जो गैरकानूनी है।

2022 में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि बेसमेंट का इस्तेमाल सिर्फ पार्किंग के लिए ही किया जा सकता है। बेसमेंट में कोचिंग संस्थान या कंपनियों के दफ्तर नहीं चल सकते हैं। कार पार्किंग के लिए इस्तेमाल हो रहे बेसमेंट में गैराज नहीं चल सकता है और न ही कोई और बिजनेस एक्टिविटी की जा सकती है। बेसमेंट में बच्चों की पढ़ाई की अनुमति तो बिल्कुल नहीं दी जा सकती है।

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