नोएडा में बैठकर अमेरिका के 1200 लोगों को ठगा !

नोएडा में बैठकर अमेरिका के 1200 लोगों को ठगा
15 अरेस्ट, भाषा एक्सपर्ट नार्थ ईस्ट की 3 लड़कियां भी गैंग में; मुंबई में बनाई टीम

नोएडा के सेक्टर-59 में पकड़े गए फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले आरोपी और उनसे बरामद सामान। - Dainik Bhaskar

नोएडा के सेक्टर-59 में पकड़े गए फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले आरोपी और उनसे बरामद सामान …

नोएडा पुलिस ने शुक्रवार को 15 लोगों को गिरफ्तार किया। इसमें 3 लड़कियां भी शामिल हैं। ये लोग अमेरिकी नागरिकों को पॉपअप मैसेज भेजकर टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर ठगी करते थे। इनके डेटा को सर्च किया गया।

जानकारी मिली कि एक साल में इन लोगों ने 1200 अमेरिकियों के साथ ठगी की। हालांकि ये सभी जालसाज नोएडा में एक महीने पहले ही एक्टिव हुए थे। इससे पहले मुंबई में इनका डेरा था। फरार आरोपियों की तलाश में एक टीम संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।

मुंबई में बनाई टीम, नोएडा से ऑपरेट
नोएडा DCP रामबदन सिंह ने बताया- पकड़े गए 15 आरोपियों में सरगना निखिल राणा मुंबई का है। यही इस गैंग का मास्टरमाइंड है। इसने वहीं के लोगों के साथ मिलकर गैंग बनाई। इस गैंग में मैनेजर वीरेंद्र रावत, ठाणे निवासी समीर, सेकंत शाह, मोहम्मद अली, शाहरुख खान, खान मोहम्मद दानिश, रीश, नुमेर है। इसके अलावा सुल्तानपुर निवासी शिवम यादव, गाजीपुर दिल्ली निवासी अरबाज है।

नोएडा के सेक्टर-59 में ये लोग फर्जी कॉल सेंटर चलाते थे, जिन्हें पुलिस ने अरेस्ट किया है।
नोएडा के सेक्टर-59 में ये लोग फर्जी कॉल सेंटर चलाते थे, जिन्हें पुलिस ने अरेस्ट किया है।

अब जानते हैं ठगी कैसे करते थे?

  • गिरोह का सरगना फर्जी दस्तावेज के सहारे कागजों पर कुछ फर्म और कंपनी बनाता है। इन्हीं कंपनियों की आड़ में कॉल सेंटर खोलकर ठगी की जाती है। सेक्टर-59 में चल रहा कॉल सेंटर भी ऐसा ही था। यहां से अमेरिकी नागरिकों से संपर्क किया जाता था और उनके कंप्यूटर, लैपटॉप पर पॉपअप वायरस डालकर तकनीकी सहायता का झांसा दिया जाता था।
  • तकनीकी सहायता के नाम पर ये लोग अलग-अलग सॉफ्टवेयर के माध्यम से उनके लैपटॉप और कंप्यूटर को हैक कर लेते थे। विदेशी नागरिकों के ऑनलाइन खाते या क्रेडिट कार्ड की डिटेल लेकर पैसे का ट्रांजैक्शन किराए पर लिए गए विदेशी अकाउंट में कर लेते थे।
इन कॉल सेंटर के बारे में जानकारी देते DCP राम बदन सिंह।
इन कॉल सेंटर के बारे में जानकारी देते DCP राम बदन सिंह।
  • आरोपी जब किसी अमेरिकी नागरिक को पॉपअप डालकर फंसाते थे, तब माइक्रोसॉफ्ट समेत अन्य बड़ी कंपनियों के नाम पर टेक्निकल सपोर्ट की बात कहकर सिस्टम को हैक कर लेते थे। इसके बाद इसे ठीक करने के एवज में क्रिप्टो करेंसी और गिफ्ट कार्ड के रूप में रकम लेते थे।
  • बाद में इन करेंसी और कार्ड को हवाला के माध्यम से भारतीय मुद्रा में कैश कराते थे। इन आरोपियों ने कई विदेशी अकाउंट किराए पर ले रखा है। इन किराए के अकाउंट में डॉलर में पैसे ट्रांजैक्शन किए जाते हैं। फिर किराए के अकाउंट वाले अपना कमीशन काटकर भारत में हवाला के माध्यम से ऑनलाइन भेजते हैं।
पकड़ी गई ये लड़कियां अमेरिकी अंग्रेजी बोलने में एक्सपर्ट हैं।
पकड़ी गई ये लड़कियां अमेरिकी अंग्रेजी बोलने में एक्सपर्ट हैं।

अमेरिकन भाषा बोलने में एक्सपर्ट नार्थ ईस्ट की लड़कियां भी गैंग में
जिन 3 युवतियों अमांडा, वेनसोन और कविनय को पकड़ा गया है, वह अंग्रेजी बोलने में एक्सपर्ट हैं। अमेरिकी नागरिक शक तक नहीं कर पाते कि उनसे कोई भारतीय युवती बात कर रही है। इसके लिए युवतियों को बाकायदा ट्रेनिंग दिलाई गई है।

गिरोह का सरगना और उसके फरार साथी महज 10वीं पास हैं। मोंटू और वसीम किराए पर अमेरिकी लोगों का डाटा खरीदता है और उसे निखिल को ठगी के लिए उपलब्ध कराता है। मोंटू ही गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टो करेंसी को भारतीय मुद्रा में कैश कराता था।

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