माताओं-बहनों की सुरक्षा पूजा जैसा सत्कर्म हो

माताओं-बहनों की सुरक्षा पूजा जैसा सत्कर्म हो

बंगाल में हुए डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के पीछे भी शराब निकल कर आई। पहले लोग छुपकर शराब पीते थे। अब सरेआम पीते हैं, तो अपराध भी सरेआम घूम रहा है। हमारी माताएं-बहनें बहुत असुरक्षित होती जा रही हैं।

रक्षा के लिए जो सोशल पुलिसिंग होनी चाहिए, वो तो हो ही नहीं सकती क्योंकि लोग सामाजिक रूप से मद्यपान कर रहे हैं। गलत काम सामूहिक रूप से होता देखकर लोग कन्नी काट जाते हैं। समाज की सामूहिक शक्ति दम तोड़ रही है।

कानून व्यवस्था का आंकड़ा यह है कि लगभग 150 पुलिस वाले प्रति दस लाख आबादी पर हैं। ऐसे में इनसे बहुत उम्मीद नहीं की जा सकती। जागरूकता रखना पड़ेगी। माताओं-बहनों का सम्मान और सुरक्षा हमारे लिए पूजा जैसा सत्कर्म होना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *