Delhi : किरकिरी के बावजूद दिल्ली पुलिस में फंक्शनल रैंक को दी जा रही तवज्जो !

Delhi : किरकिरी के बावजूद दिल्ली पुलिस में फंक्शनल रैंक को दी जा रही तवज्जो, इस वजह से एक अपराधी हो गया था बरी

Despite the grimness in Delhi Police, functional rank is given importance
दिल्ली पुलिस, Delhi police – फोटो : X: @DelhiPolice
दिल्ली पुलिस ने अपराध शाखा में एफआर रैंक के एसीपी तैनात करने की वजह से कोर्ट से एक अपराधी को बरी कर दिया था। अब साइबर थानों के थानाध्यक्ष भी एफआर रैंक के इंस्पेक्टर लगाए जा रहे हैं। दो इंस्पेक्टरों को तो थानाध्यक्ष लगा दिया गया था। दिल्ली पुलिस ने एक दिन में अपनी गलती मानते हुए दोनों को पद से हटा दिया।

दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली पुलिस में पिछले कुछ सालों में खासकर सब-इंस्पेक्टर को पदोन्नति देकर इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर को एसीपी बना दिया गया है। मगर इनमें से ज्यादातर को अभी तक अभी कन्फर्म नहीं किया गया है। यानी कामकाज देखने के लिए इनको इंस्पेक्टर या एसीपी बना दिया गया है, मगर कोर्ट या फिर सरकार की ओर से इनको मान्यता नहीं दी गई है।
ऐसे में इनको कानूनी अधिकार नहीं है। दिल्ली पुलिस ने अपनी अपराध शाखा में एफआर रैंक के एसीपी को एसीपी लगा दिया गया था। इस कारण मादक पदार्थों के तस्करी करने वाला एक अपराधी गत वर्ष बरी हो गया था। अपराधी से मादक पदार्थों की तलाशी व जब्ती एसीपी यानि राजपत्रित अधिकारी के सामने ही की जा सकती है।
कोर्ट ने उन एसीपी से पूछा कि क्या आप एसीपी है तो उन्होंने कहा कि वह एसीपी हैं, जबकि उनकी सैलरी स्लिप व अन्य जगहों पर इंस्पेक्टर लिखा हुआ था। इस कारण कोर्ट ने अपराधी को बरी कर दिया। ऐसे ही अब दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराध को बढ़ते देख हर जिले में एक साइबर थाना खोला था। मगर इन थानों के थानाध्यक्ष एफआर रैंक के इंस्पेक्टर लगा दिए गए। इन इंस्पेक्टर को चार्जशीट पर हस्ताक्षर करने का कानूनी अधिकार तक नहीं है।

दो इंस्पेक्टर को हटाया गया
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को निकाली अपने 75 थानाध्यक्षों की तबादला सूची में दो ऐसे इंस्पेक्टर लगा दिए गए जो एफआर रैंक के है। खास बात ये है कि इन इंस्पेक्टर का थानाध्यक्ष पद के लिए न तो साक्षात्कार लिया गया और न ही प्रोबेशनरी पीरियड पूरा हुआ था। सोशल मीडिया व दिल्ली पुलिसकर्मियों के भारी विरोध के बाद दिल्ली पुलिस आयुक्त कार्यालय को अपनी सूची में संशोधन करना पड़ा।

तीन एसीपी को थानाध्यक्ष लगाया गया
हाल ही में थानाध्यक्षों के तबादले की आई सूची में तीन एसीपी(एफआर रैंक) को थानाध्यक्ष लगा दिया गया है। हालांकि कानूनी रूप से वह लग सकते हैं। मगर ये भी पहली बार हो रहा है कि एसीपी की वर्दी पहने एक पुलिस अधिकारी थानाध्यक्ष का पद संभाल रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एसीपी रैंक को अधिकारी को थानाध्यक्ष पद बैठे देखना बहुत ही अजीब लगता है।

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