कैसे कंगना का बयान …. BJP के लिए बन सकता है ‘गले की फांस’
कैसे कंगना का बयान विधानसभा चुनाव में BJP के लिए बन सकता है ‘गले की फांस’
Kangana Ranaut Statement on Farmers: कंगना रनौत ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान किसान आंदोलन को लेकर विवादित बयान दे दिया था, जिसके बाद BJP ने चिट्ठी जारी कर के कंगना को सख्त हिदायत दी है.
कंगना द्वारा दिए गए बयान के बाद विवाद बढ़ता गया जिसे देख अब पार्टी ने आधिकारिक तौर पर बयान जारी करते हुए कंगना की ओर से की गई टिप्पणी पर ऐतराज जताते हुए कहा, “कंगना को निर्देशित किया गया है कि वे इस प्रकार की कोई भी बयान भविष्य में ना दें.”
भाजपा को इतने सख्त लहजे में चुप रहने की हिदायत क्यों देनी पड़ी इसकी वजह है. भाजपा यह जानती है कि कंगना के बयान से चुनावी राज्य हरियाणा में नुकसान हो सकता है.
भाजपा ने जारी की चिट्ठी
भाजपा की ओर से जारी चिट्ठी में यह कहा गया कि भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में दिया गया बयान पार्टी का मत नहीं है. भारतीय जनता पार्टी कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है. पार्टी की ओर से, पार्टी की नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को ना तो अनुमति है और ना ही वह बयान देने के लिए अधिकृत हैं. चिट्ठी में आगे लिखा गया की पार्टी की ओर से कंगना रनौत को निर्देशित किया गया है कि वह इस प्रकार के बयान भविष्य में ना दें.
किसान आंदोलन के कारण हुआ था 5 सीटों का नुकसान
पहले ही किसान आंदोलन की वजह से भाजपा को जाट वोटों का नुकसान झेलना पड़ा था. इसका असर भाजपा को लोकसभा चुनाव में देखने के लिए मिला. हरियाणा में जाट वोट 25 फीसदी है यानी कि हरियाणा में चार में से एक वोट जाट समुदाय से आता है. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पांच सीट का नुकसान देखने के लिए मिला. इसके पीछे भी कारण जाट वोट की नाराजगी थी. लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 27 फीसदी जाट वोट मिला और 23 फीसदी वोटों का नुकसान झेलने के लिए मिला. वहीं कांग्रेस को 64 फीसदी जाट वोट मिला और 31 फीसदी का फायदा हुआ. हरियाणा में 90 विधानसभा सीट है, जिसमें से 36 सीटों पर जाट वोट प्रभावी माना जाता है.