मेट्रो में छेड़छाड़ रोकने को स्पेशल अरेंजमेंट !

मेरठ मेट्रो में छेड़छाड़ रोकने को स्पेशल अरेंजमेंट
टॉकबैक से सीधे ट्रेन ऑपरेटर से कर सकेंगी कंप्लेन, MD शलभ गोयल बोले- मेट्रो पूरी तरह सुरक्षित

मेरठ शहर के अंदर वंदे भारत और रैपिड ट्रेन के बाद अब जल्द मेट्रो ट्रेन दौड़ती नजर आएगी। शनिवार को ट्रेन के मॉडर्न कोच का लुक रिवील किया गया। ये ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैश है। इस ट्रेन में महिला सुरक्षा पर खास ध्यान दिया गया है। अगर उन्हें ट्रेन के अंदर कोई छेड़ता है तो वह तुरंत कम्प्यूटर या ट्रेन ऑपरेटर से टॉकबैक सिस्टम के जरिए बात कर सकेंगी।

NCRTC के MD शलभ गोयल ने दैनिक भास्कर से बात की। उन्होंने ट्रेन की खासियतों और इसमें मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी शेयर की।

सबसे पहले मेरठ मेट्रों की 2 तस्वीरें देखिए…

यह तस्वीर मेरठ में चलने वाली मेट्रो की है।
यह तस्वीर मेरठ में चलने वाली मेट्रो की है।
मेट्रो में एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन आरामदायक कुशन वाली सीटें हैं।
मेट्रो में एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन आरामदायक कुशन वाली सीटें हैं।
  • NCRTC के MD शलभ गोयल से पेश है बातचीत के अंश:

सवाल : मेरठ मेट्रो कैसे होगी? जवाब : मेरठ मेट्रो का सफर बेहद सुहाना होगा। इसका टार्गेट जून 2025 का है।

सवाल: देश की दूसरी मेट्रो से क्या डिफरेंस रहेगा? जवाब: इसमें टू बाई टू कुशन और लांगटीट्यूट सीटें हैं। लगेज रैक्स दिए हैं। डिसेबल पैसेंजर और पेशेंट के लिए लिफ्ट और स्ट्रेचर से ट्रांसफर करने की सुविधा है। स्पेशल लिफ्ट और व्हीलचेयर्स भी प्रोवाइड कराई जा रही है। टैक्स्टाइल फ्लोरिंग है। स्ट्रेचर और व्हील चेयर को ट्रेन के अंदर ही सिक्योर करने के लिए पैसेज है।

सवाल: सेफ्टी, सिक्योरिटी की क्या सुविधा मिलेगी? जवाब: स्टेशन पर हमने यूपी पुलिस की स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स के साथ हमने एमओयू किया है उनके जवान मुस्तैदी से इसे गार्ड करेंगे। एएफसी लगे हैं, बिना टिकट के लोग गेट पार नहीं कर पाएंगे। हर कोच में 6 सीसीटीवी कैमरा हैं। स्टेशन पर भी सीसीटीवी कैमरा लगे हुए हैं। जो सेंट्रलाइज सिस्टम से जुड़े हैं। इसकी फीड सीधे कंट्रोल रूम में जाती है।

लगातार इसकी मॉनिटरिंग होती है। ट्रेन में टॉकबैक सिस्टम भी है। अगर किसी महिला को ट्रेन के अंदर कोई परेशान करता है तो महिला टॉक बैक सिस्टम की हेल्प ले सकती है। इसकी मदद से वो कंप्यूटर ऑपरेटर और ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकती हैं। सीसीटीवी कैमरा हर लोकेशन, हर डायरेक्शन को कवर करते हुए लगे हुए हैं।

ट्रेन में स्ट्रैचर/व्हीलचेयर के लिए स्पेस दिया गया है।
ट्रेन में स्ट्रैचर/व्हीलचेयर के लिए स्पेस दिया गया है।

सवाल: पार्किंग के लिए एनसीआरटीसी ने क्या प्लान किया है? जवाब: अमूमन ये देखा गया है कि डेवलपमेंट तो हो जाता है लेकिन पार्किंग पीछे छूट जाती है। पूरे कॉरिडोर मोदीपुरम से सराय काले खां तक 8 हजार गाड़ियों की पार्किंग रहेगी। मेरठ मेट्रो के 13 स्टेशन पर 3 हजार वाहनों की पार्किंग की सुविधा रहेगी। 2500 दो पहिया और 500 कार पार्क हो सकेंगी।

सवाल: रैपिड के कॉरिडोर पर मेट्रो चलेगी दोनों में क्या अंतर रहेगा? जवाब: ये मेट्रो को इंटीग्रेटेड कॉरिडोर है। आरआरटीएस के साथ है। ये सोची समझी प्लानिंग है। स्टेशन पर हमारी चारी लाइनें रहेंगी। दो स्टेशन के बीच में दो लाइनें रहेंगी। दोनों ट्रेनों का टाइम टेबल अलग रहेगा। दोनों ट्रेनों की रफ्तार अलग रहेगी। टाइम टेबल पर हम लोग काम कर रहे हैं। सेम इन्फ्रास्ट्रक्चर को हमने ऑप्टिमल यूज करने का प्रयास है।

ट्रेन के सभी दरवाजों पर पुश बटन हैं। जब ट्रेन रुकी होगी तो हरी लाइट जलेगी। दरवाजे खोलने के लिए बटन दबाना होगी।
ट्रेन के सभी दरवाजों पर पुश बटन हैं। जब ट्रेन रुकी होगी तो हरी लाइट जलेगी। दरवाजे खोलने के लिए बटन दबाना होगी।

सवाल- मेट्रो की स्पीड क्या रहेगी? जवाब- मेट्रो की ऑपरेशनल स्पीड 120 किमी होगी।

सवाल- मेट्रो का किराया कितना रहेगा? जवाब- किराया कितना रखा जाए, इसका सर्वे किया जा रहा है। जहां भी ये ट्रेन चलेगी वहां आसपास के एरिया में लोगों की क्या कैपेसिटी है। क्या उनकी डिमांड है उसके अनुसार हम किराया तय करेंगे। लोग क्या पे कर सकते हैं उसके अनुसार किराया तय कर पाएंगे।

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