इंदौर में 1015 किग्रा नकली घी जब्त, ‘सांची’ के नाम से बेच रहे थे इसको
नकली घी गुजरात से आ रहा था और इंदौर के बाजार में इसे असली सांची घी के रूप में बेचा जा रहा था। इस बात ने प्रशासन की चिंता और बढ़ा दी है, क्योंकि नकली उत्पादों की बिक्री उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
- गुजरात से बनकर इंदौर शहर में आ रहा है नकली घी।
- आरएम वैल्यू को संतुलित करने का निकाला फार्मूला।
- असली घी के जैसी खुशबू के लिए मिलाते हैं केमिकल।
इंदौर(Indore News)। एक ओर इंदौर शहर में प्रशासन और जनप्रतिनिधि शहर में अच्छे खानपान को लेकर लोगों को अच्छी सेहत के लिए सलाह देते रहते हैं, जबकि दूसरी ओर शहर में बड़ी मात्रा में बिक रही मिलावटी सामग्रियां शहरवासियों की सेहत के साथ खिलवाड़ करते हुए उन्हें गंभीर बीमारियां दे रही हैं।
खाद्य अधिकारी मनीष स्वामी ने बताया कि सांची मिल्क यूनियन के अधिकारियों को बुलाया गया ताकि घी की प्रामाणिकता की जांच की जा सके। अधिकारियों ने पुष्टि की कि एक किलो और 15 किलो के पैक में बेचा जा रहा सांची घी नकली है।
कार्रवाई के दौरान, खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने पांच नमूने एकत्र किए, जिनमें सांची और मेवाड़ घी शामिल थे। सांची मिल्क यूनियन ने नकली घी बेचने वाले व्यापारी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का भी निर्णय लिया है।
कार्रवाई के दौरान खाद्य अधिकारी मनोज रघुवंशी, अवशेष अग्रवाल आदि मौजूद रहे। वहीं प्रतिष्ठान संचालक मेवाड़ घी को खुद की कंपनी का बता रहा था, लेकिन उसके पास कोई दस्तावेज नहीं मिले।
घी जैसी खुशबू के लिए मिलाते हैं केमिकल
अधिकारियों ने बताया कि नकली घी को वनस्पति सहित अन्य तेल में तैयार किया जाता है। इसके अलावा यह लोग घी जैसी कृत्रिम खुशबू के लिए इसमें केमिकल मिलाया जाता है। इस कारण बिल्कुल घी जैसी खुशबू आती है। साथ ही आरएम वेल्यू को संतुलित करने के लिए भी इन्होंने फार्मूला तैयार कर लिया है, जिससे लैब में भी यह आसानी से पकड़ में नहीं आता है।
नकली घी ने प्रशासन की बढ़ाई चिंता
खाद्य सुरक्षा टीम ने मल्हारगंज इलाके के दो अन्य प्रतिष्ठानों से भी छह अतिरिक्त नमूने लिए। कुल मिलाकर 11 नमूने जांच के लिए भोपाल स्थित राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। प्रयोगशाला की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
लिवर को हो सकता है नुकसान
नकली घी में अक्सर विभिन्न वसा का अनियंत्रित मिश्रण होता है, जिसे पचाना शरीर के लिए मुश्किल हो सकता है। इससे लिवर को भी नुकसान पहुंचता है। इसके सेवन से समय के साथ, इससे लिवर की शिथिलता हो सकती है। इसके अलावा, मिलावटी वसा गंभीर जोखिम पैदा करती है। यह हमारे हृदय सहित मस्तिस्क को भी नुकसान पहुंचाते हैं। हमेशा विश्वसनीय स्थान से ही खाद्य सामग्री खरीदें। – डॉ. अमित अग्रवाल, पेट रोग विशेषज्ञ