बजट से पहले कांग्रेस का केंद्र पर हमला, प्रति व्यक्ति कर्ज में 27200 रुपये की हुई बढ़ोतरी

कांग्रेस ने बजट सत्र से कुछ दिनों पहले मंगलवार को दावा किया कि केंद्र सरकार की गलतियों और आर्थिक कुप्रबंधन के कारण पिछले साढ़े पांच साल में देश में प्रति व्यक्ति कर्ज में 27,200 रुपये की बढ़ोतरी हुई। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट में यह बताना चाहिए कि देश के लोगों के ऊपर से कर्ज का बोझ कैसे कम होगा।

गौरव वल्लभ ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रति व्यक्ति कर्ज 41,200 रुपये था, जो गत साढ़े पांच वर्षों में बढ़कर 68,400 रुपये हो गया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि एक फीसदी भारतीय के पास 70 फीसदी गरीबों से चार गुना संपत्ति है।

Prof. Gourav Vallabh

@GouravVallabh

-21. @nsitharaman Madam, Please don’t overburden the people any more. In last 5.5 years, per capita debt is increased by Rs 27,200. पिछले 5.5 वर्षों में प्रत्येक भारतीय पर ₹ 27,200 का क़र्ज़ बढ़ गया। नोटबंदी और ग़लत तरीक़े से GST लागू करने का बोझ हम कब तक उठायेंगे।

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कांग्रेस नेता ने कहा कि देश के ऊपर कुल कर्ज जो मार्च 2014 में 53 लाख करोड़ रुपये था, वो सितंबर 2019 में 91 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसका मतलब कि साढ़े पांच साल में कुल कर्ज में 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अगर हम इसको प्रतिवर्ष बढ़ोतरी में नापें तो ये वृद्धि 10.3 प्रतिशत है।

उन्होंने दावा किया कि सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में 18 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा है, लेकिन इसके छह लाख करोड़ रुपये पीछे रहने का अनुमान है। वल्लभ ने सवाल किया कि ऐसी स्थिति में बड़े-बड़े निवेश की बात कैसे होगी। उन्होंने कहा कि कर्ज बढ़ने से देश की रेटिंग घटती है। यही स्थिति रही तो भारत निवेश के लिहाज से आकर्षक नहीं रह पाएगा।

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