अमेरिकी रिपोर्ट में दावा- भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले हुए …?

अमेरिकी रिपोर्ट में दावा- भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले हुए …
भारत का जवाब- यह हमारे खिलाफ प्रोपेगैंडा; हमारी छवि खराब करने की कोशिश
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिकी कमीशन को अपने देश में मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए। - Dainik Bhaskar

भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिकी कमीशन को अपने देश में मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए….

दरअसल, अमेरिकी कमीशन ने 2 अक्टूबर को धार्मिक स्वतंत्रता पर एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों को लेकर झूठ फैलाया गया और इसकी बुनियाद पर उन पर हमले किए गए। इसके अलावा उनके पूजा स्थलों को भी निशाना बनाया गया।

इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि कमीशन को एक एजेंडा पर आधारित रिपोर्ट शेयर करने से बचना चाहिए। उसे अपने समय का इस्तेमाल अमेरिका में मानवाधिकार से जुड़े मुद्दे उठाने पर करना चाहिए।

भारत को चिंता वाले देशों की सूची में डालने की मांग

USCIRF ने अपनी रिपोर्ट में अमेरिकी विदेश मंत्रालय से भारत को चिंता वाले देशों की सूची में रखने की मांग की थी। यह पहली बार नहीं है जब अमेरिकी कमीशन ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर सवाल उठाए हैं।

इससे पहले मई में आई एक रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय ने कहा था कि हम USCIRF से कभी यह उम्मीद नहीं करते हैं कि वह भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्य को समझ सकता है। वह सिर्फ भारत के चुनाव में दखल देने की कोशिश कर रहा है, जो कभी सफल नहीं होगी।

लोकसभा चुनाव में भी मुस्लिमों के हित पर उठे थे सवाल\

मई में लोकसभा चुनाव के वक्त अमेरिकी मीडिया में भी भारत में धार्मिक आजादी को लेकर कई रिपोर्ट्स सामने आई थीं। इसमें कहा गया था कि भारत के चुनाव मुसलमानों के खिलाफ हैं। उन्हें उनके ही देश में दरकिनार किया जा रहा है।

हालांकि बाद में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इन रिपोर्ट्स पर सफाई भी दी थी। मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिका दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा करने के लिए हमेश तैयार रहता है। हमें इसके लिए भारत समेत कई अन्य देशों का साथ मिला है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया था, जिसमें बताया गया था कि भारत में मुसलमानों का दमन हो रहा है।

ब्रिटिश अखबार ने कहा था- भारत के लोकतंत्र में खामियां

इससे पहले फरवरी में ब्रिटिश अखबार द इकोनॉमिस्ट ने भी एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इसमें कहा गया था कि भारत के लोकतंत्र में खामियां हैं। 167 देशों में लोकतंत्र की रैंकिंग के साथ छपी इस रिपोर्ट में भारत को 41वां स्थान मिला था।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कुछ खामियों के साथ लोकतंत्र मौजूद है। भारत के स्कोर में बड़ी गिरावट साल 2019 में दर्ज की गई थी। हालांकि इसके बाद से देश का स्कोर लगातार बेहतर हुआ है।

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