अपने काम का तरीका बदल रही हे भारतीय कम्पनिया ?

काम के तरीकों में हो रहे बदलाव से भारतीय पेशेवरों को है मदद की जरूरत: रिसर्च
व्यवसाय के तरीके में बदलाव के बीच भारतीय पेशेवरों को न केवल तकनीकी कौशल की अच्छी जानकारी की जरूरत है, बल्कि उन्हें अपनी मानसिकता और काम करने के तरीके को भी नए सिरे से ढालने पड़ेंगें.

आज के तेजी से बदलते कारोबारी माहौल में काम करने के तरीके भी बदल रहे हैं. डिजिटल तकनीक, वर्क-फ्रॉम-होम, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नई टेक्नोलॉजी ने न सिर्फ व्यवसायों को करने के तरीके को प्रभावित किया है, बल्कि भारतीय पेशेवरों के लिए नई चुनौतियां भी पेश की हैं. हालिया रिसर्च के अनुसार, व्यवसायों के तरीके में बदलाव के बीच भारतीय पेशेवरों को न केवल तकनीकी कौशल की अच्छी जानकारी की जरूरत है, बल्कि उन्हें अपनी मानसिकता और काम करने के तरीके को भी नए सिरे से ढालने पड़ेंगें.

ऐसे में सवाल उठता है क्या हमारे प्रोफेशनल्स इन बदलावों के साथ कदम से कदम मिला पा रहे हैं, या उन्हें इस सफर में किसी मदद की दरकार है?

सबसे पहले जानते हैं क्या कहता है रिसर्च

लिंक्डइिन (LinkedIn) के नए रिसर्च के अनुसार भारत के 90% पेशेवरों को अपना काम पूरा करने के लिए अब पहले से ज्यादा मदद और मार्गदर्शन की जरूरत महसूस हो रही है. यह बदलाव मुख्य रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते इस्तेमाल, वर्क फ्रॉम होम और काम के हाइब्रिड मोड मॉडल के कारण हो रहा है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि 40% पेशेवर AI को अपने काम का एक अहम हिस्सा मानते हैं. इसके अलावा, 62% का कहना है कि उनके करियर की प्रगति अब AI के प्रति उनकी समझ पर निर्भर करती है. ऐसे में, जरूरी स्किल की पहचान करना और उन पर ध्यान देना बेहद जरूरी हो गया है.

इस रिपोर्ट के अनुसार भारत की अलग अलग कंपनियों में काम करने वाले कई लोग अब सही जानकारी और स्किल के लिए मदद की तलाश भी कर रहे हैं. रिपोर्ट में 60% पेशेवरों ने ये माना है कि वे कार्यस्थल में हो रहे बदलावों को समझने के लिए सही जानकारी जुटाना चाहते हैं. इनमें से 44% लोग तकनीकी विकास पर और 35% क्षेत्र-विशिष्ट बाजार के रुझानों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं.

लिंक्डइन के शोध से पता चलता है पिछले कुछ सालों में भारत में कि AI से जुड़े पाठ्यक्रमों की मांग में 117% की बढ़ोतरी हुई है, खासकर गैर-तकनीकी पेशेवरों के बीच. इसके साथ ही, लचीले काम की मांग भी तेजी से बढ़ी है, जिसमें पिछले दो सालों में 123% की वृद्धि देखी गई है.

काम के तरीकों में हो रहे बदलाव से भारतीय पेशेवरों को है मदद की जरूरत: रिसर्च

कैसे हो सकती है पेशेवरों की मदद

करियर विशेषज्ञ और LinkedIn इंडिया की संपादकीय प्रमुख निराजिता बनर्जी ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा, “AI और हाइब्रिड काम के मॉडल के चलते काम करने के तरीके में बदलाव आ रहा है. ऐसे में, पेशेवरों को सलाह और जानकारी के लिए अपनी कंपनी के लीडर्स और सहकर्मियों की मदद लेनी चाहिए. यह सोच उन्हें भविष्य में सफल बनाने में मदद कर सकती है.”

उन्होंने कहा कि आजकल पेशेवर “बाइटसाइज” लर्निंग को भी अपनाने लगे हैं.  LinkedIn पर छोटे-छोटे वीडियो की अपलोडिंग में 34% की वृद्धि हुई है, जो नई स्किल्स सीखने का एक आसान और मजेदार तरीका है. कुल मिलाकर, यह रिसर्च बताती है कि भारतीय पेशेवर अब कार्यस्थल में हो रहे परिवर्तनों का सामना करने के लिए गंभीरता से तैयार हो रहे हैं. बदलाव के इस दौर में सही मार्गदर्शन और कौशल विकास पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. 

बेहतर प्रदर्शन के लिए भारतीय पेशेवरों को क्या करना चाहिये 

ऑनलाइन कोर्सेज: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे कॉरसेरा, उडेमी, और लिक्डइन लर्निंग पर छोटे-छोटे कोर्सेज उपलब्ध होते हैं, जिन्हें देख कर पेशेवर अपने समय के अनुसार सीख सकते हैं. इस प्लेटफॉर्म पर सभी विषयों पर कोर्स उपलब्ध होते हैं, जैसे AI, डिजिटल मार्केटिंग, प्रोग्रामिंग जो उन्हें नए कौशल सीखने में मदद करते हैं.

नेटवर्किंग: अगर किसी व्यक्ति को नई टेक्नोलॉजी के कारण काम समझने में दिक्कत आ रही है तो वो उद्योग के अन्य पेशेवरों से मिलकर नए करियर के अवसरों के बारे में जान सकते हैं. नेटवर्किंग से विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान होता है, जो उन्हें नई जानकारियों से अवगत कराता है.

मेंटोरशिप: इसके अलावा पेशवेर किसी अनुभवी व्यक्ति से मार्गदर्शन ले सकते हैं, जो उन्हें अपने करियर में सही दिशा दिखा सके. मेंटर्स पेशेवरों को अपनी चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकते हैं और बेहतर निर्णय लेने की सलाह दे सकते हैं.

वर्कशॉप्स और सेमिनार: वर्कशॉप्स में भाग लेकर पेशेवर नए कौशल का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं. सेमिनार में विशेषज्ञों से सीधे सीखने का मौका मिलता है, जिससे वे नए ट्रेंड्स और तकनीकों से अवगत होते हैं.

सामाजिक मीडिया और फोरम: LinkedIn जैसे प्लेटफॉर्म पर उद्योग के विशेषज्ञों के लेख और चर्चाएं उपलब्ध होती हैं. पेशवरों को सोशल मीडिया पर जुड़कर अपने फील्ड के पेशेवर समुदाय का हिस्सा बनना चाहिये, जिससे उन्हें समर्थन और सुझाव मिल सके.

काम के तरीकों में हो रहे बदलाव से भारतीय पेशेवरों को है मदद की जरूरत: रिसर्च

क्या है बाइटसाइज लर्निंग

“बाइटसाइज” लर्निंग एक ऐसा तरीका है जिसमें छोटी-छोटी क्लासेस या वीडियो होते हैं, जिससे लोग जल्दी और आसानी से नई चीजें सीख सकते हैं. इससे सीखना मजेदार और आसान हो जाता है, खासकर जब किसी के पास समय कम हो.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैसे बदल रहा है पेशेवरों के काम करने का तरीका

पिछले कुछ सालों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने पेशेवरों के काम करने के तरीके को कई तरह से बदल दिया है. AI ने कई दोहराए जाने वाले कार्यों को स्वचालित कर दिया है, जिससे पेशेवरों का समय बचता है, जिससे वह ज्यादा महत्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. इसके अलावा एआई बड़ी मात्रा में डेटा का तेजी और सटीक विश्लेषण करता है, जो डेटा-आधारित निर्णय लेने में मददगार साबित हुए हैं

AI के माध्यम से ग्राहकों के लिए व्यक्तिगत सेवाएं और उत्पाद सुझाए जा सकते हैं, जिससे पेशेवरों को ग्राहकों की जरूरतों को बेहतर समझने में सहायता मिलती है. वर्चुअल असिस्टेंट जैसे AI आधारित टूल्स पेशेवरों को कार्यों को जल्दी और प्रभावी ढंग से पूरा करने में मदद करते हैं. AI डेटा के आधार पर ट्रेंड्स और पैटर्न पहचानने में मदद करता है, जिससे पेशेवर अधिक सूझ-बूझ के साथ निर्णय ले सकते हैं. भाषाई तकनीकों के माध्यम से AI संचार को आसान बनाता है, जैसे अनुवाद सेवाओं के जरिए अंतरराष्ट्रीय टीमों के बीच संवाद स्थापित करना.

पेशेवर AI का उपयोग करके अपनी स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए कस्टमाइज्ड लर्निंग प्रोग्राम्स में भाग ले सकते हैं. स्वचालन और डेटा विश्लेषण के जरिए पेशेवर अधिक उत्पादक बन सकते हैं, जिससे कार्यकुशलता बढ़ती है. AI ने नए उत्पादों और सेवाओं के विकास में तेजी लाई है, जिससे कंपनियों को अपने क्षेत्र में नवाचार करने में मदद मिलती है.

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