400 करोड़ खर्च करने के बाद भी लोगों को सहूलियत क्यों नहीं….
प्लानिंग पर सवाल:दो प्रोजेक्ट में 400 करोड़ खर्च करने के बाद भी लोगों को सहूलियत क्यों नहीं….
भोपाल में बड़े प्रोजेक्ट्स में बरती जा रही लापरवाहियों की फेहरिस्त में करीब 400 करोड़ लागत के दो प्रोजेक्ट और जुड़ गए हैं। ये प्रोजेक्ट हैं- कोलार सिक्स लेन और शाहपुरा से कोलार फोरलेन। इन सड़कों के निर्माण के बाद भी आम लोगों को पूरी राहत नहीं मिलेगी। सिक्सलेन प्रोजेक्ट में सर्वधर्म के पास एक्सीडेंट जोन बन रहा है, वहीं फोरलेन प्रोजेक्ट में सीआई स्क्वेयर वाली लेन का मामला हाई कोर्ट में ही अटका है।
सिक्सलेन रोड पर सर्वधर्म वाले हिस्से में बहुमंजिला इमारतें नहीं हटाईं। इससे इस हिस्से में बॉटल नेक जैसी स्थिति बन गई है। पुल से सटकर कर्व आने से एक्सीडेंटल जोन बन रहा है। नियमानुसार, यदि कहीं ब्रिज से पहले घुमाव आता है तो इसे 30 मीटर की लंबाई में मैनेज किया जाता है ताकि आना-जाना आसान रहे। लेकिन सर्वधर्म ब्रिज से लगकर ही कर्व आ गया है। इसे मैनेज करने के लिए 3 मीटर लंबाई भी नहीं मिली है। ऐसे में तेज रफ्तार आने वाले वाहनों के कारण हादसों का खतरा बना रहेगा।
सिक्सलेन…सर्वधर्म पर निर्माण न हटाने से 3 मी. घटी रोड की चौड़ाई, बन गई बॉटल नेक
विकल्प ही नहीं तलाश पाए अफसर
सर्वधर्म पुल से सुखशांति अपार्टमेंट तक 300 मीटर का हिस्सा व दूसरी ओर 20 हुमंजिला इमारतें सिक्सलेन की जद में थीं। इन्हें 10-12 मीटर तक तोड़ने की नौबत आ रही थी। शासन ने इस प्रोजेक्ट के मकान तोड़ने पर मुआवजे का प्रावधान नहीं किया, ऐसे में अगर रहवासी बिल्डिंग के फ्लैट तोड़ते तो लोगों का क्या होगा, इसका विकल्प नहीं तलाशा गया।
नतीजा : बिल्डंग-रोड के बीच जगह नहीं बची 21 मीटर चौड़ाई के दायरे में औसतन 7 मीटर हिस्से में निर्माण हैं। ऐसे में सड़क का हिस्सा 3 मीटर कम हो गया। सड़क के नीचे नाली बनाई। इसके बावजूद डक्ट की चौड़ाई कम करनी पड़ी। कहीं-कहीं डक्ट व बिल्डिंग के पिलर के बीच गैप ही नहीं बचा।
^निर्माण बिल्डिंग परमिशन लेकर हुए हैं। वहां फ्लैट बने हैं। कुछ फ्लैट तो पूरे ही निर्माण की जद में थे। प्रोजेक्ट में मुआवजे का प्रावधान भी नहीं था। अगर फ्लैट तोड़ते तो लोग बेघर हो जाते।’ –रविशंकर राय, एसडीएम, कोलार
फोरलेन… सीआई स्क्वायर के पास 13 प्लॉट रोड के दायरे में, मामला हाई कोर्ट में अटका
मुआवजे का प्रावधान ही नहीं
शैतान सिंह पाल चौराहे से दानिशकुंज होते हुए सीआई स्क्वेयर पर कोलार सिक्सलेन में मिलने वाली फोरलेन 96 करोड़ से बन रही है। सीआई स्क्वेयर के पास 13 प्लॉट्स सड़क निर्माण की जद में हैं। कुछ लोग हाई कोर्ट गए तो स्टे मिल गया। अब निर्माण रुका है। प्लॉट मालिक ने मुआवजा मांगा तो हाई कोर्ट ने भी भू-अर्जन के आदेश दिए। विभाग इन्हें टीडीआर या एफएआर देना चाहता है।
ये हैं नियम {सर्वे में यदि कोई पूरा प्लॉट आ रहा है तो उसे टीडीआर और यदि किसी प्लॉट का हिस्सा आ रहा है तो उसे एफएआर देना चाहिए। {प्रोजेक्ट में 80% हिस्सा क्लियर होना चाहिए। बाकी पर जो अतिक्रमण या निर्माण हैं उन्हें हटाना चाहिए।
^सीआई स्क्वेयर के पास जमीन का मामला हाई कोर्ट में है। शासन पर स्तर पर इसका समाधान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बाद इस हिस्से में भी निर्माण गति पकड़ सकेगा।’ एसडीओ, पीडब्ल्यूडी