यूपी में सड़क हादसों में हर दिन 65 की मौत ?

यूपी में सड़क हादसों में हर दिन 65 की मौत
देशभर में यह सबसे ज्यादा; ओवरस्पीड-रॉन्ग साइड ड्राइविंग से बढ़े हादसे

यूपी में रोज 65 मौतें सड़क हादसों में हो रही है। यह आंकड़ा देश में सबसे ज्यादा है। 2023 में यूपी में सड़क हादसों में 23,652 लोगों की जान गई थी।

ये चौंकाने वाला आंकड़ा आने के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने ‘X’ पर लिखा- सड़क के खतरों से रहें ‘सावधान’ और खुद ही बचाएं खुद की जान।

पढ़िए देश में हादसों की क्या स्थिति है? यूपी में बढ़ते हादसों का कारण क्या है?

पहले जानिए देश में हादसों की क्या स्थिति

2023 में सड़क दुर्घटनाओं में देशभर में लगभग 1.73 लाख लोग मारे गए। केंद्र सरकार ने दुर्घटनाओं के कारणों का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सड़क दुर्घटना डेटा जुटाना शुरू किया है। जब से आंकड़े इकट्‌ठा किए जा रहे हैं, तब से एक साल में मारे गए लोगों की यह अधिकतम संख्या है।

केंद्र सरकार के साथ राज्यों ने जो आंकड़े साझा किए, उनके मुताबिक देश में हर दिन औसतन 474 लोगों की जान गई। ज्यादा डिटेल में जाएं तो लगभग हर तीन मिनट में एक मौत हुई। यही नहीं, पिछले साल लगभग 4.63 लाख लोग सड़क दुर्घटना में घायल हुए। ये आंकड़ा 2022 की तुलना में 4 प्रतिशत अधिक है।

सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार 2022 में सड़क हादसों में 1.68 लाख लोगों की मौत हुई। जबकि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार मरने वालों की संख्या 1.71 लाख बताई गई है। हालांकि दोनों एजेंसियों ने अभी तक 2023 के लिए सड़क दुर्घटना डेटा प्रकाशित नहीं किया है।

उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पंजाब, असम और तेलंगाना सहित 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 2022 की तुलना में सड़क पर होने वाली मौतों में वृद्धि दर्ज की गई, जबकि आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, केरल और चंडीगढ़ में मृत्यु दर में मामूली गिरावट आई।

 

यूपी में 10 साल में बढ़ता गया हादसों में मौत का आंकड़ा

यूपी में हादसों की बात की जाए तो पिछले 10 साल में इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। 2014 में 31,034 सड़क हादसे हुए, जिनमें 16,287 लोगों की मौत हुई। 2015 में 32,385 सड़क हादसे हुए, जिनमें 17,666 लोगों की मौत हुई।

2016 में 35,612 सड़क हादसों में 19,320 लोगों की मौत हुई। 2017 में 38,811 हादसों में 20142, इसी तरह 2018 में 42,563 सड़क हादसों में 22,256 लोगों की मौत हुई। साल 2019 में 42,572 हादसों में 22,655 की मौत, 2020 में 34,243 हादसों में 19149, 2021 में 37,729 सड़क हादसों में 21,227 की मौत, 2022 में 41,746 सड़क हादसों में 22,595 की मौत, 2023 में 44,534 सड़क हादसों में 23,652 लोगों की मौत हुई है।

43 जिलों में सबसे ज्यादा हादसे

अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) की ओर से शासन को 43 जिलों की रिपोर्ट भेजी गई है। ये वह जिले हैं, जहां पिछले तीन साल में सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक यूपी के 43 जिलों में पिछले तीन साल में करीब सवा लाख सड़क हादसे हुए हैं। यानी एक साल का औसत लगाया जाए तो करीब 41 हजार हादसे। तीन साल में इन जिलों में करीब 67,474 लोगों ने जान गंवाई है। इस रिपोर्ट में लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर, प्रयागराज, बुलंदशहर, आगरा, हरदोई, बरेली, मेरठ, सीतापुर समेत 43 जिलों का जिक्र है।

इसी रिपोर्ट में सड़क हादसे रोकने के लिए प्रशासन स्तर पर उपाय का भी जिक्र किया गया है। इसके मुताबिक यूपी के सभी 75 जिलों में ARTO रोड सेफ्टी तैनात किए जा रहे हैं। पहले चरण में ज्यादा हादसे वाले 43 जिलों में इनकी तैनाती की जाएगी।

ओवरस्पीड है यूपी में हादसों की बड़ी वजह

वहीं, परिवहन विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में हादसे का शिकार सबसे ज्यादा युवा हो रहे हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में पिछले साल सड़क हादसे का शिकार हुए लोगों में 72 प्रतिशत युवा थे। वहीं, हादसों में बड़ी वजह ओवर स्पीड निकलकर आई है। 18 से 45 साल तक के लोगों के साथ ये 40 फीसदी हादसे ओवर स्पीड की वजह से हुए थे। 13 फीसदी हादसे रॉन्ग साइड ड्राइविंग की वजह से हुए। 10 फीसदी हादसे मोबाइल पर बात करने के दौरान हुए। 37 फीसदी हादसे अन्य कारणों से हुए।

रिपोर्ट में ये भी जिक्र किया गया है कि हादसे कैसे रोके जा सकते हैं। हादसे रोकने के लिए एक्सप्रेस-वे और हाईवे पर स्पीड कंट्रोल, सेफ्टी साइन लगवाने पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही ओवर स्पीड पर ऑटोमैटिक चालान जैसी तकनीक इस्तेमाल करने को कहा गया है।

वाहनों की बढ़ती जा रही है संख्या

यूपी में वाहनों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। मई, 2024 तक प्रदेश में करीब पौने पांच करोड़ वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। प्रदेश में बढ़ती वाहनों की संख्या भी हादसे में मौत का कारण बन रही है।

एनएच पर हादसे में सबसे ज्यादा मौतें

राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पर हादसों में मौत के मामले में यूपी पहले नंबर पर है। सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक यूपी में 2018 से 2022 तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुए हादसों में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। इसी तरह NH पर ज्यादा हादसों के मामले में यूपी तीसरे नंबर पर है। सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक यूपी में 2018 से 2022 तक यानी पांच साल में करीब 75,604 सड़क हादसे हुए हैं। इन साल में यूपी से ज्यादा हादसे सिर्फ तमिलनाडु और केरल में हुए।

अखिलेश ने साधा सरकार पर निशाना

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने यूपी में सड़क हादसों में मौत वाली रिपोर्ट को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा- ये चिंताजनक है कि ‘सड़क हादसों में सबसे ज़्यादा मौतें यूपी में’ हो रही हैं।

यूपी की जनता से आग्रह है कि ‘भाजपाई भ्रष्टाचार की मारी सड़कों और ट्रैफिक व्यवस्था’ पर अपने भरोसे ही घर से निकलें और खुद को व अपने बच्चों को सड़क के खतरों से आगाह करें।

अखिलेश ने सड़क दुर्घटनाओं के कारण भी गिनाए हैं। अखिलेश ने लिखा कि सड़कें टूटी हैं, ⁠वाहन डग्गामार हैं, ⁠ओवर स्पीडिंग पर कोई रोक नहीं है, ⁠हेलमेट का नियम मुट्ठी गरम करने का साधन मात्र है, ⁠बिना लाइसेंस धारक वाहन चालक धड़ल्ले से गाड़ियां दौड़ा रहे हैं, ⁠ओवर लोडिंग पर आंख बंद है, ⁠पुराने जर्जर वाहन सबके लिए खतरा बने हैं।

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