‘मेट्रो के काम से नींद में खलल’ .., नियमों की अनदेखी… सेहत खराब, इमारतों में भी कंपन ?

‘मेट्रो के काम से नींद में खलल’: याचिकाकर्ता का दावा, नियमों की अनदेखी… सेहत खराब, इमारतों में भी कंपन
आवेदक का आरोप है कि निमार्ण कार्य करने वाली मशीनें तेज गति से चल रही हैं। इससे शोर और परेशानी हो रही है। ऐसे में आस-पास की इमारतों में कंपन होता है। ऐसे में लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, स्थानीय निवासियों को सोने में भी परेशानी हो रही है।
Delhi Metro construction work is posing a huge health risk to people
Delhi Metro – फोटो : AdobeStock

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) का निर्माण कार्य लोगों में स्वास्थ्य जोखिम का खतरा बड़ा रहा है। यही नहीं, रात के समय नियमों की अवहेलना के चलते लोगों की नींद में भी बाधा डाल रहा है। इससे लोग ठीक से नींद पूरी नहीं कर पा रहे हैं।

मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली मेट्रो के काम से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के सदस्य सचिव को जांच करने के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता डॉ. पारुल राज कमल शर्मा ने मूल आवेदन के माध्यम से अधिकरण को समस्या के बारे में बताया। शिकायत में कहा कि अंबा सिनेमा के सामने घंटाघर मेट्रो स्टेशन पर रात के समय मेट्रो का निर्माण कार्य नियमों का पालन किए बिना चल रहा है। याचिका में आरोप लगाया गया कि रात के समय भी यही स्थिति बनी रहती है।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर गौर करते हुए कहा कि आवेदक ने शिकायत के साथ कोई जांच में सहयोग करने वाली सामग्री दाखिल नहीं की है। पीठ में विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल भी शामिल थे।

अदालत ने कहा कि याचिका में उठाए मामले को देखते हुए अदालत का मानना है कि इस मुद्दे पर डीपीसीसी के सदस्य सचिव को दखल देना चाहिए। ऐसे में अधिकरण ने आवेदक को निर्देश दिया कि सभी भौतिक विवरणों और सहायक दस्तावेज के साथ एक विस्तृत शिकायत डीपीसीसी के सदस्य सचिव को दी जाए, वह इस मामले में जांच करेंगे। साथ ही, जब शिकायत भेजी गई थी, उस तारीख से दो महीने के अंदर जल्दी से जल्दी कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करेंगे।

दिल्ली मेट्रो निर्माण कार्य के नियम…..

मेट्रो के निर्माण स्थल पर धूल को कम करने के लिए विभिन्न उपाय किए जाते हैं। इसके अलावा दूसरे तरीकों से निर्माण स्थल को सुरक्षित रखा जाता है।
– शोर नियंत्रण : निर्माण कार्य के दौरान शोर को कम करने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग किया जाता है और निर्धारित समय सीमा के भीतर ही काम किया जाता है।
– कचरा प्रबंधन : निर्माण के दौरान उत्पन्न होने वाले कचरे को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जाता है और इसका वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया जाता है।
– जल संरक्षण : निर्माण स्थल पर पानी के उपयोग को कम करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
– सुरक्षा नियम : निर्माण स्थल पर काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई सुरक्षा नियमों का पालन किया जाता है। इनमें शामिल हैं:
– सुरक्षा उपकरण: सभी श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण जैसे हेलमेट, जैकेट जूते आदि पहनने अनिवार्य होते हैं।
– खतरनाक क्षेत्र: निर्माण स्थल पर खतरनाक क्षेत्रों को चिह्नित किया जाता है और श्रमिकों को इन क्षेत्रों में प्रवेश करने से रोका जाता है।
– यातायात नियम : निर्माण कार्य के दौरान यातायात को प्रभावित करने वाले क्षेत्रों में यातायात नियमों का सख्ती से पालन किया जाता है। इनमें शामिल हैं-निर्माण कार्य के दौरान कुछ सड़कों को एकतरफा     यातायात के लिए बंद किया जा सकता है।
– अस्थायी यातायात संकेत: निर्माण क्षेत्रों के आसपास अस्थायी यातायात संकेत लगाए जाते हैं ताकि वाहन चालक सावधानी बरत सकें।

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