इंदौर :  बाथरूम में छात्राओं के कपड़े उतरवाकर जांच करवाने का मामला ?

 बाथरूम में छात्राओं के कपड़े उतरवाकर जांच करवाने का मामला, हाईकोर्ट ने पूछा पुलिस क्या कर रही

Indore News: पेरेंट्स ने कहा इस तरह की तलाशी प्रक्रिया से बच्चों की मानसिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ा। पेरेंट्स ने इस मामले की जांच के लिए मल्हारगंज थाने में दिया था आवेदन। 
 
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पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ….
इंदौर के एक सरकारी स्कूल में मोबाइल फोन की रिंग बजने पर टीचर द्वारा छात्राओं के कपड़े उतरवाकर तलाशी लेने के मामले में इंदौर पुलिस कमिश्नर को हाईकोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट का ऑर्डर नहीं मानने पर शोकॉज नोटिस भी दिया गया है। 

बाथरूम में निर्वस्त्र कर छात्राओं की तलाशी ली
घटना 2 अगस्त 2024 की है, जब एक छात्रा के पास परीक्षा के दौरान मोबाइल की घंटी बजने पर संदेह के आधार पर उसे कक्षा से बाहर बुलाकर चेक किया गया और उसके पास की-पैड वाला मोबाइल पाया गया। इसके बाद अन्य 7 छात्राओं को भी जांच के लिए बाथरूम में ले जाया गया और कथित रूप से उनके कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई। इस घटना के बाद जब छात्राओं ने अपने घर पर जाकर इस घटना का उल्लेख किया, तो उनके माता-पिता ने स्कूल जाकर विरोध प्रदर्शन किया। पेरेंट्स का यह कहना था कि इस तरह की तलाशी प्रक्रिया से बच्चों की मानसिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है और ऐसी चेकिंग का तरीका पूरी तरह से अनुचित है। अगर बच्चों के पास मोबाइल पाया गया था, तो स्कूल को इसकी शिकायत माता-पिता से करनी चाहिए थी। पेरेंट्स ने इस मामले की जांच के लिए मल्हारगंज थाने में भी एक आवेदन सौंपा। 

जनहित याचिका दायर की गई
इस घटना के बाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई, जिसमें आरोपी टीचर द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ सुनवाई की मांग की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया कि वे इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध बनता है या नहीं, इसकी जानकारी अदालत को दें। हाईकोर्ट ने 30 अगस्त 2024 को पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया था कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए परंतु कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। 

शोकॉज नोटिस जारी किया 
अधिवक्ता अभिनव धनोतकर ने बताया कि 15 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति एस. ए. धर्माधिकारी की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। अधिवक्ता ने कोर्ट को सूचित किया कि पुलिस कमिश्नर द्वारा अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इसके बाद अदालत ने इंदौर पुलिस कमिश्नर को शोकॉज नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर शपथ पत्र देकर यह बताने का निर्देश दिया कि इस मामले में अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई 25 नवंबर को तय की और पुलिस कमिश्नर को कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश भी दिए हैं।

टीचर की जमानत याचिका भी खारिज
अदालत ने यह भी कहा कि 30 अगस्त को दिए गए आदेश का पालन नहीं होने पर पुलिस कमिश्नर के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जा सकती है। आरोपी टीचर की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया गया है। 

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