सात हजार खदानें जियो टैग, चार स्थानों पर जांच शुरू !
सात हजार खदानें जियो टैग, चार स्थानों पर जांच शुरू
डेढ़ माह में लगेंगे एआई बेस्ड 41 ई-चेकगेट, कैमरा, नंबर प्लेट रीडर से होंगे लैस
प्रदेश में खनिजों के अवैध परिवहन और खनन पर रोक लगाने के लिए सरकार ने एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक का सहारा लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि राज्य में 41 ई-चेकगेट स्थापित किए जा रहे हैं, जिनसे खनिज परिवहन में लगे वाहनों की पूरी निगरानी होगी।
ये ई-चेकगेट वेरीफोकल कैमरा, आरएफआईडी रीडर और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर से सुसज्जित होंगे, जिससे बिना मान्य दस्तावेज के चलने वाले वाहनों का तुरंत पता लगाया जा सकेगा।
4 पायलट प्रोजेक्ट से शुरुआत, दिसंबर तक सभी 41 ई-चेकगेट होंगे चालू
अवैध परिवहन पर नजर रखने के लिए भोपाल में एक राज्यस्तरीय कमांड और कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया है, जबकि भोपाल और रायसेन में जिला स्तर के सेंटर भी बनाए गए हैं। दिसंबर 2024 तक सभी 41 ई-चेकगेट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
वर्तमान में, 4 महत्वपूर्ण मार्गों पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ई-चेकगेट लगाए जा चुके हैं, जो अवैध खनिज परिवहन को रोकने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
ड्रोन और सैटलाइट से खदानों पर नजर, थ्री-डी इमेजिंग के जरिए सटीकता
प्रदेश में खनिज संपदा का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए सैटलाइट और ड्रोन आधारित निगरानी प्रणाली भी शुरू की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इस पहल के तहत प्रदेश की 7,000 से अधिक खदानों को जियो-टैग कर उनकी सीमाओं का निर्धारण किया गया है।
इस परियोजना के पूर्ण रूप से लागू होने पर अवैध खनन की घटनाओं पर नजर रखी जा सकेगी, और स्वीकृत खदानों में खनिज उत्खनन का सटीक आंकलन थ्री-डी इमेजिंग और वॉल्यूमेट्रिक एनालिसिस के जरिए किया जा सकेगा।
मई में कलेक्टरों को जारी हुए थे निर्देश
इस तरह की व्यवस्था लागू करने का फैसला सरकार ने मई में लिया था। इसके बाद प्रमुख सचिव, खनिज साधन ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कार्यवाही की जा रही है। इस व्यवस्था को लागू करने में जिला स्तर पर Artificial Intelligence आधारित मानव रहित चेकगेट लगाए जाएंगे।
कलेक्टरों से कहा गया था कि प्रदेश के 40 ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया है जहां से खनिजों का सर्वाधिक परिवहन होता है। इन सभी स्थलों पर आगामी 10 माह के भीतर चेकगेट व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। राज्य स्तर पर स्टेट कमांड सेंटर और जिला स्तर पर जिला कमांड सेंटर के माध्यम से अवैध परिवहन करने वाले वाहनों की निगरानी की जाएगी।
चेकगेट के सॉफ़्टवेयर को ई-टीपी जारी करने वाले पोर्टल के साथ इंटीग्रेट कर बिना रॉयल्टी चुकाए परिवहन करने वाले वाहन मालिकों के विरुद्ध अवैध परिवहन का प्रकरण दर्ज किया जाएगा। साथ ही खनिज परिवहन करने वाले वाहनों में आरएफ टैग लगाया जाएगा, जिसकी सहायता से वाहनों की वैधता की जांच की जा सकेगी।