अब कोचिंग संस्थान नहीं कर सकेंगे ऐसा भ्रामक दावा ?

Coaching institutes Guidelines भ्रामक विज्ञापन देने वाले कोचिंग संस्थानों की अब खैर नहीं होगी। केंद्र सरकार ने इसको नियंत्रित करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण द्वारा तैयार अंतिम दिशा-निर्देश राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर मिली कई शिकायतों के बाद जारी किए गए हैं। सीसीपीए ने अब तक 54 नोटिस जारी किए हैं और करीब 54.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

Coaching institutes Guidelines केंद्र सरकार ने जारी किए दिशा निर्देश।
  1. केंद्र ने भ्रामक विज्ञापनों पर कार्रवाई के लिए जारी किए दिशा-निर्देश।
  2. सफल अभ्यर्थियों के नाम और तस्वीर का उपयोग करने के लिए लिखित सहमति जरूरी।

नई दिल्ली। Coaching institutes Guidelines केंद्र सरकार ने बुधवार को कोचिंग संस्थानों द्वारा भ्रामक विज्ञापनों को नियंत्रित करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए, जिनमें 100 प्रतिशत चयन या 100 प्रतिशत नौकरी की गारंटी जैसे झूठे दावों पर रोक लगाई गई है।

CCPA ने जारी किए दिशा-निर्देश
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) द्वारा तैयार अंतिम दिशा-निर्देश राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर मिली कई शिकायतों के बाद जारी किए गए हैं। सीसीपीए ने अब तक 54 नोटिस जारी किए हैं और करीब 54.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने की कोशिश
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने संवाददाताओं से कहा, हमने पाया है कि कोचिंग संस्थान जानबूझकर अभ्यर्थियों से जानकारी छिपा रहे हैं। इसलिए हम कोचिंग क्षेत्र में शामिल लोगों को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देश लेकर आए हैं। सरकार कोचिंग संस्थानों के खिलाफ नहीं है, लेकिन विज्ञापनों की गुणवत्ता से उपभोक्ता अधिकारों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।
ये हैं नए दिशानिर्देश
नए दिशानिर्देशों में कोचिंग संस्थानों को प्रस्तावित पाठ्यक्रमों और अवधि, अध्यापकों से संबंधित दावे, शुल्क संरचना और शुल्क वापसी की नीतियों, परीक्षा में चयन की दर और रैंक तथा चयन की गारंटी या वेतन वृद्धि के बारे में झूठे दावे करने से प्रतिबंधित किया गया है। ‘कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापन की रोकथाम’ शीर्षक वाले दिशा-निर्देशों में कोचिंग को अकादमिक सहायता, शिक्षा, मार्गदर्शन, अध्ययन कार्यक्रम और ट्यूशन को शामिल करने के लिए परिभाषित किया गया है।
इन गतिविधियों को रखा गया बाहर
हालांकि, परामर्श, खेल और रचनात्मक गतिविधियों को इससे बाहर रखा गया है। कोचिंग संस्थान सफल अभ्यर्थियों की लिखित सहमति के बिना उनके नाम और तस्वीर या संस्थान की प्रशंसा में उनकी टिप्पणियों का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
उन्हें डिस्क्लेमर को प्रमुखता से प्रदर्शित करना चाहिए। खरे ने कहा, सिविल सेवा परीक्षा के कई अभ्यर्थी प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाएं खुद अध्ययन करके ही उत्तीर्ण कर लेते हैं और कोचिंग संस्थानों से केवल साक्षात्कार के लिए मार्गदर्शन लेते हैं।
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भ्रामक विज्ञापनों पर लगेगी रोक, अब कोचिंग सेंटर नहीं कर सकेंगे छात्रों को गुमराह, CCPA ने जारी किए नए दिशा-निर्देश

CCPA Guidelines: CCPA ने कोचिंग सेंटरों के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि छात्रों को गुमराह होने से बचाया जा सके.

Education Guidelines: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कोचिंग सेंटरों की ओर से जारी किए जाने वाले भ्रामक और गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन दिशा-निर्देशों का मुख्य उद्देश्य छात्रों को किसी भी प्रकार के धोखे से बचाना है जो उन्हें विज्ञापनों के जरिए गुमराह करते हैं.

इस दिशा-निर्देश की तैयारी के लिए एक समिति का गठन किया गया था जिसमें केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, शिक्षा मंत्रालय, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) दिल्ली, लॉ फर्म और उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे. समिति ने ये फैसला लिया है कि कोचिंग सेंटरों की ओर से जारी किए जाने वाले विज्ञापनों में कोई भी ऐसा दावा नहीं होना चाहिए जिससे छात्र गुमराह हों. अब इन दिशा-निर्देशों का पालन सभी कोचिंग सेंटरों के लिए अनिवार्य होगा. अगर कोई कोचिंग सेंटर इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इस तरह के विज्ञापनों पर रहेगी रोक 
प्रस्तावित पाठ्यक्रम, उनकी अवधि, संकाय योग्यता, शुल्क और धनवापसी नीतियां, चयन दर, सफलता की कहानियां, परीक्षा रैंकिंग और नौकरी की सुरक्षा के वादे. शिक्षण संस्थानों में गारंटी एडमिशन या प्रमोशन इस प्रकार के सभी विज्ञापनों पर अब रोक लगा दी गई है.
कोचिंग सेंटर की बढ़ा चढ़ा कर तारीफ करने पर 
कोचिंग संस्थानों को अपने बुनियादी ढांचे, संसाधनों और सुविधाओं के बारे में सटीक रूप से बताना चाहिए बिना तत्व के आधार पर बढ़ा चढ़ा कर अब तारीफ नहीं कर सकते.
छात्रों की सफलता की कहानियां
जब तक छात्रों की लिखित अनुमति नहीं होगी तब तक कोचिंग सेंटर उनके नाम फोटो या उनको मिले किसी भी तरह की सर्टिफिकेट को विज्ञापन में इस्तेमाल नहीं कर सकते और ये सहमति भी छात्र से तब ली जाएगी जब एक बार उसका चयन किसी परीक्षा में हो चुका होगा. इसका मकसद छात्रों को एडमिशन के दौरान किसी भी तरह के पड़ने वाले दबाव से बचने का भी है.
विज्ञापनों में होनी चाहिए पारदर्शिता
कोचिंग केंद्रों को विज्ञापन में छात्र की तस्वीर के साथ-साथ नाम, रैंक और कोर्स जैसी महत्वपूर्ण जानकारी देनी होंगी. साथ ये भी बताना होगा कि सफल छात्र ने उस कोर्स के लिए कितनी फीस दी थी. यह सारी जानकारी बड़े-बड़े अक्षरों में देनी होगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि छात्रों को बारीक प्रिंट से गुमराह न किया जाए.
सीटों की कमी, वक्त कम है आज ही ले दाखिला जैसे विज्ञापनों पर भी रहेगी नजर 
कोचिंग सेंटर ऐसे विज्ञापनों को भी जारी करने से पहले पूरी पारदर्शिता बरतेंगे जिसमें छात्रों को कम सीट या कम समय की बात कहकर जल्द दाखिला लेने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की जाती है.
  
कोचिंग सेंटर्स को राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से जुड़ना होगा
हर कोचिंग सेंटर को राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से जुड़ना होगा जिससे छात्रों के लिए भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी देना या शिकायत दर्ज कराना आसान हो जाएगा.
दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने पर किस तरह की हो सकती है कार्रवाई
अगर कोई भी कोचिंग सेंटर इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी. केंद्रीय प्राधिकरण के पास दंड लगाने, जवाबदेही सुनिश्चित करने और इस तरह के भ्रामक तौर-तरीकों से होने वाली घटनाओं को रोकने सहित अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का पूरा अधिकार रहेगा.
इन दिशा निर्देशों का मकसद छात्रों के शोषण को रोकने और यह सुनिश्चित करने का है कि छात्रों को झूठे वादों और झूठे प्रचारों की सहायता से गुमराह न किया जाए या फिर छात्रों के ऊपर कोचिंग संस्थान का प्रचार करने का अनुचित दबाव न डाला जा सके.
अब तक कई कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ हो चुकी है कार्रवाई
पिछले कुछ सालों के दौरान सीसीपीए ने कोचिंग केंद्रों के भ्रामक विज्ञापन के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई भी की है. मिली जानकारी के मुताबिक गुमराह करने वाले विज्ञापनों को लेकर अलग-अलग कोचिंग सेंटरों को 45 नोटिस जारी किए जा चुके हैं. इतना ही नहीं 18 कोचिंग संस्थानों पर 54 लाख 60 हजार का जुर्माना लगाया है और उन्हें भ्रामक विज्ञापन बंद करने का निर्देश भी दिया गया है.
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कोचिंग सेंटर्स 100% सिलेक्शन-जॉब्स का दावा नहीं कर सकते
केंद्र ने नई गाइडलाइन जारी की; अब टॉपर्स की फोटो बिना परमिशन के नहीं छाप पाएंगे

कोचिंग सेंटर्स अब 100% सिलेक्शन और 100% नौकरी देने का दावा नहीं कर पाएंगे। केंद्र सरकार ने बुधवार को कोचिंग सेंटर्स के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी। ऐसा भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए किया गया है।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के अनुसार कोचिंग सेंटर अब ऐसे झूठे दावे नहीं कर सकते जो उपभोक्ताओं को गुमराह कर सकते हैं। सरकार ने यह फैसला कई शिकायतों के बाद किया है। अब तक कोचिंग संस्थानों को 54 नोटिस जारी किए गए। इसके अलावा 18 कोचिंग इंस्टीट्यूट्स पर करीब 54.60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया हैं और उन्हें भ्रामक विज्ञापन वापस लेने का आदेश भी दिया गया है।

ये गाइडलाइन एकेडमिक सपोर्ट, एजुकेशन, गाइडेंस और ट्यूशन सर्विस से जुड़े सभी संस्थान, कोचिंग सेंटर्स और ऑर्गनाइजेशन पर मान्य होगी। अगर कोचिंग सेंटर्स इसका पालन नहीं करते हैं तो उन पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

अफसर ने कहा- सरकार कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ नहीं

कंज्यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी निधि खरे ने कहा, ‘हमने देखा कोचिंग सेंटर्स जानबूझकर स्टूडेंट्स को लुभाने के लिए सच्चाई छिपाते हैं। यही वजह है कि हमें कोचिंग इंडस्ट्री के लिए ये गाइडलाइन लानी पड़ी। सरकार कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ नहीं है, लेकिन किसी भी एडवर्टाइजमेंट की क्वालिटी कंज्यूमर राइट्स के खिलाफ नहीं हो सकती।’

NCH ने स्टूडेंट्स को 1.15 करोड़ रुपए की फीस रिफंड कराई

नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन यानी NCH को स्टूडेंट्स और पेरेंट्स से कई शिकायतें मिली थीं। इनमें से ज्यादातर शिकायतें एनरोलमेंट फीस रिफंड न होने की थी। इसके बाद NCH ने पीड़ित स्टूडेंट्स को करीब 1.15 करोड़ रुपए रिफंड की पहल शुरू की और मुकदमेबाजी से पहले ही इन स्टूडेंट्स को उनका रिफंड मिल गया था।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भी जनवरी में गाइडलाइन जारी की थी

इस साल जनवरी में स्‍टूडेंट्स की आत्महत्या के बढ़ते मामलों, क्‍लासेज में आग की घटनाओं और कोचिंग सेंटर्स में सुविधाओं की कमी के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भी गाइडलाइन जारी की थी। इसके तहत कोचिंग इंस्टीट्यूट्स 16 साल से कम उम्र के बच्‍चों को एडमिशन नहीं दे सकेंगे। इसके अलावा भ्रामक वादे करना और अच्‍छे नंबरों की गारंटी देने पर भी पाबंदी लगा दी थी।

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