उत्तर भारत में हर तरफ प्रदूषण, लेकिन दक्षिण की हवा कैसे साफ? जानें इसका पूरा साइंस

हापुड़-लखनऊ से हिसार-गया तक, उत्तर भारत में हर तरफ प्रदूषण, लेकिन दक्षिण की हवा कैसे साफ?

जानें इसका पूरा साइंस …..

North Vs South AQI: दिल्ली में कई जगहों पर AQI 500 को पार कर गया. उत्तर भारत के शहरों का हाल बुरा है. वहीं, चेन्नई का AQI 94 और हैदराबाद का 88 रहा. दक्षिण के शहरों के हालात दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत से उलट हैं, खासकर उन शहरों के भी जो भीड़ और वाहनों के जाम से जूझते हैं. इसके बावजूद वहां की हवा काफी हद तक साफ है. ऐसे में सवाल है कि दक्षिण के शहरों की हवा इतनी साफ क्यों है?

हापुड़-लखनऊ से हिसार-गया तक, उत्तर भारत में हर तरफ प्रदूषण, लेकिन दक्षिण की हवा कैसे साफ? जानें इसका पूरा साइंस

दिल्‍ली में कई जगहों पर मंगलवार को AQI 500 पार गया लेकिन दक्ष‍िण के शहरों में 100 से कम रहा.

सोमवार को दिल्ली की हवा दमघोंटू होने के बाद मंगलवार को यहां कई जगहों पर AQI 500 को पार कर गया. दिल्ली और एनसीआर में हवा का हाल ऐसा ही रहा, लेकिन दक्षिण के शहरों का AQI 100 से नीचे रहा. मंगलवार को चेन्नई का AQI 94 और हैदराबाद का 88 रहा. जहरीली हवा सिर्फ दिल्ली-NCR तक सीमित नहीं है. हापुड़-लखनऊ से हिसार और गया तक हवा का हाल बुरा है.

दिलचस्प बात है कि दक्षिण के शहरों के हालात दिल्ली से उलट हैं, खासकर उन शहरों के भी जो भीड़ और वाहनों के जाम से जूझते हैं. इसके बावजूद वहां की हवा काफी हद तक साफ है. ऐसे में सवाल है कि दक्षिण के शहरों की हवा इतनी साफ क्यों है?

दिल्ली 500 पार, दक्षिण के राज्यों का AQI 100 से कम क्यों?एयर क्वालिटी इंडेक्स के मामले में उत्तर और दक्षिण के शहर एकदम विपरीत हैं. दक्षिण के राज्यों की हवा क्यों इतनी साफ है अब इसे समझ लेते हैं. इसकी सबसे पहली वजह है कि भौगोलिक स्थिति और जलवायु. दक्षिण राज्य समुद्र तट के किनारे पर बसे हैं. खासतौर पर चेन्नई, कोच्चि और बेंगलुरु जैसे शहरों को तटीय क्षेत्र और समुद्र की तरफ से लगातार चलने वाली हवा का फायदा मिलता है. ये प्रदूषण बढ़ाने वाली उन चीजों को बिखेर देती है जो एक जगह इकट्ठा होकर हवा को जहरीला बनाते हैं.

केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में वन क्षेत्र और पश्चिमी घाट जैसी पर्वत श्रृंखलाएं हैं, जो प्रदूषकों को फैलने से रोकने का काम करती हैं. सिर्फ जलवायु और भौगोलिक स्थिति ही नहीं, इसकी एक वजह इंडस्ट्री का दायरा छाेटा होना भी है.

Delhi Smog

नई दिल्ली में धुंध कम करने के लिए एक एंटी-स्मॉग गन धुंध का छिड़काव किया जा रहा है. फोटो: PTI

उत्तर भारत खासकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पंजाब में औद्योगिकरण को बढ़ावा देता है. यहां सबसे ज्यादा इंडस्ट्री हैं. इसके कारण हवा भी प्रदूषित हैं, लेकिन यहां की तुलना में दक्षिण में औद्योगिकरण कम है. वहां कारखाने कम हैं. यह भी एक वजह है, जो बताती है कि क्यों दक्षिण की हवा साफ है.

भीड़ भी है और वाहन भी, फिर हवा साफ क्यों?सवाल यह भी उठता है कि दक्षिण के कुछ राज्यों में भीड़ भी है और वाहन भी, फिर भी दिल्ली-एनसीआर जैसा प्रदूषण क्यों नहीं है? विशेषज्ञ कहते हैं, चेन्नई, कोच्चि और बेंगलुरू में भीड़ बढ़ रही है और वाहन की संख्या भी, लेकिन अभी भी उनका स्तर दिल्ली-एनसीआर के जितना नहीं पहुंचा है. यहां साफ-सफाई के नियम सख्त हैं. सफाई के लिए तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है.

यहां के ज्यादातर शहरों में आम लोग सफर के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं. नतीजा उत्तर भारत के मुकाबले यहां की सड़कों पर निजी वाहन कम हैं. इसलिए वाहनों से निकलने वाला धुआं हवा को उस स्तर तक जहरीला नहीं बना पा रहा है जैसा कि दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के दूसरे शहरों का हाल है.

What Is Aqi

तमिलनाडु समेत दक्षिण के राज्य वाहनों के धुएं के मानकों को सख्ती से लागू करता है. चेन्नई जैसे भीड़ वाले शहरों में इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा दिया जा रहा है. दक्षिण में राज्य सरकारों की तरफ से कई पहल शुरू की गई हैं. केरल और तमिलनाडु ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहित करने जैसे ग्रीन एनिशिएटिव लागू किया है. वहीं, बेंगलुरु ने वाहन से कार्बन उत्सर्जन कम के लिए अपनी पब्लिक ट्रांसपोर्ट पॉलिसी में बदलाव भी किए हैं.

दक्षिण भारत के मानसून का मौसम हवा को साफ करने और प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद करता है. इसके विपरीत, उत्तरी भारत में ठंडे महीनों में, विशेष रूप से दिल्ली जैसे शहरों में, तापमान में बदलाव ज्यादा गिरता है और जहां ठंडी हवा प्रदूषकों को वायुमंडल में फंसा लेती है, जिससे हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है.

Hyderabad Charminar

फाेटो: Frédéric Soltan/Corbis via Getty Images

उत्तरी राज्यों में, विशेष रूप से सर्दियों के महीनों के दौरान, पंजाब और हरियाणा में काफी मात्रा में पराली जलाई जाती हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ जाता है. इसके उलट, दक्षिण भारत में पराली जलाने के मामले कम सामने आते हैं. यह भी हवा को साफ रखने में मदद करते हैं.कुछ दक्षिण भारतीय शहरों में पॉलिसी को सख्ती से लागू किया जाता है. इसमें जिनमें ग्रीनरी को बढ़ावा देना और पौधरोपण करना खास है. ये नीतियां हवा का स्तर सुधारने में मदद करती हैं.

 

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