लोकसभा चुनाव में हुए भितरघात से मात खाई भाजपा को नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा है। मतदान के बाद भितरघात को लेकर मिले इनपुट ने भाजपा के शीर्ष नेताओं की चिंता बढ़ा दी है।
अब पार्टी स्तर पर इस बात का आकलन किया जा रहा है कि इससे कितना नुकसान हुआ है। भितरघातियों को चिह्नित भी किया गया है। कुंदरकी, कटेहरी और फूलपुर में भितरघात की सबसे ज्यादा शिकायतें मिली हैं। हालांकि, भाजपा को बेहतर परिणाम की उम्मीद है।
दरअसल, सभी सीटों पर टिकट को लेकर कई पूर्व सांसदों-विधायकों व पुराने कार्यकर्ताओं ने दावा किया था, लेकिन पार्टी ने टिकट देने में जल्दबाजी न करते हुए सीटवार जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर प्रत्याशियों की घोषणा की थी। लिहाजा कई सीटों पर टिकट से वंचित लोगों की ओर से भितरघात किए जाने की बात सामने आई है।
मझवां, कटेहरी, कुंदरकी और सीसामऊ सीट पर तो प्रत्याशी घोषित होने के बाद से ही इसकी शिकायतें मिल रही थीं। इसे थामने के लिए पार्टी के नेताओं ने भरसक प्रयास भी किए, फिर भी कई सीटों पर अपनों की ही मुखालफत सामने आई है।