कांग्रेस की शर्मनाक हार का साइड इफेक्ट, पीसी चाको ने दिल्ली का प्रभारी पद छोड़ा

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद पार्टी में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कल ही हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी थी. तो वहीं आज दिल्ली में कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. 2015 के बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार ऐसा हुआ है जब कांग्रेस पार्टी 70 सीटों में से एक भी सीट नहीं जीत पाई है.

इससे पहले पीसी चाको ने कहा, ”कांग्रेस पार्टी का पतन 2013 में शुरू हुआ जब शीला दीक्षित सीएम थीं. एक नई पार्टी AAP के उदय ने पूरे कांग्रेस वोट बैंक को छीन लिया. हम इसे कभी वापस नहीं पा सके. यह अभी भी AAP के साथ बना हुआ है.”

शर्मिष्ठा मुखर्जी और संदीप दीक्षित ने भी सवाल उठाए

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी और संदीप दीक्षित ने भी पार्टी की रणनीति पर ही सवाल खड़े किए थे. शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा है कि बीजेपी विभाजनकारी और केजरीवाल ‘स्मार्ट पॉलिटिक्स’ कर रहे हैं, हम क्या कर रहे हैं?

आत्ममंथन बहुत हुआ अब कार्रवाई का समय- शर्मिष्ठा

शर्मिष्ठा ने कहा, ”हम दिल्ली में फिर हार गए. आत्ममंथन बहुत हुआ अब कार्रवाई का समय है. शीर्ष स्तर पर निर्णय लेने में देरी, राज्य स्तर पर रणनीति और एकजुटता का अभाव, कार्यकर्ताओं का निरुत्साह, नीचे के स्तर से संवाद नहीं होना आदि हार के कारण हैं. मैं अपने हिस्से की जिम्मेदारी स्वीकार करती हूं.” उन्होंने सवाल किया, ”बीजेपी विभाजनकारी राजनीति कर रही है, केजरीवाल ‘स्मार्ट पॉलिटिक्स’ राजनीति कर रहे हैं और हम क्या कर रहे हैं? क्या हम ईमानदारी से कह सकते हैं कि हमने घर को व्यवस्थित रखने के लिए पूरा प्रयास किया?” शर्मिष्ठा पार्टी प्रवक्ता और दिल्ली महिला कांग्रेस की प्रमुख भी हैं.

अंदरुनी राजनीति है हार की वजह- संदीप दीक्षित

दिवंगत शीला दीक्षित के बेटे और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने कहा, ”नतीजों ने उन्हें हैरान नहीं किया और अंदरुनी राजनीति की वजह से पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई. हम कहीं नहीं थे. हमने शीला जी द्वारा किए गए काम को दिखाने की कोशिश की, लेकिन वास्तव में देर हो चुकी थी.” गौरतलब है कि पार्टी का वोट प्रतिशत 2015 के 9.7 से घट कर इस बार 4.2 रह गया. वहीं, 2013 के विधानसभा चुनाव में उसे 24.55 फीसदी वोट मिले थे.

कांग्रेस के 66 में 63 प्रत्याशियों की जमानत जब्त

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है और चुनाव परिणामों के मुताबिक पार्टी को पांच फीसदी से भी कम वोट मिले हैं. कांग्रेस के 63 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में दिल्ली में 15 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में नाकाम रही. पार्टी के तीन उम्मीदवार गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली, बादली से देवेंद्र यादव और कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त ही अपनी जमानत बचा पाए हैं.

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