ममता सरकार में 2200 से ज्यादा कंपनियों ने छोड़ा बंगाल ?

ममता सरकार में 2200 से ज्यादा कंपनियों ने छोड़ा बंगाल, रैंकिंग में इतने नंबर पर पहुंचा

पश्चिम बंगाल में पिछले 5 सालों में 2200 से ज्यादा कंपनियों ने अपना व्यापार समेट लिया है. इनमें 39 लिस्टेड कंपनियां भी शामिल थीं. अचानक इतनी बड़ी संख्या में कंपनियों के जाने से बंगाल इंडस्ट्रीज मामले में दूसरे नंबर से सीधे आंठवे नंबर पर आ गया है. जिसके बाद बीजेपी इस पर सवाल उठा रही तो वहीं टीएमसी इसे बीजेपी की ही साजिश बता रही है.

ममता सरकार में 2200 से ज्यादा कंपनियों ने छोड़ा बंगाल, रैंकिंग में इतने नंबर पर पहुंचा

ममता बनर्जी (फाइल फोटो)

पश्चिम बंगाल से पिछले 5 सालों में 2200 से ज्यादा कंपनियों ने अपना व्यापार समेट लिया है, जिसमें 39 लिस्टेड कंपनियां थीं. राज्यसभा में बीजेपी सांसद समिक भट्टाचार्य के सवाल के जवाब में ये जानकारी सामने आई है. इसके बाद से ही ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं.

राज्यसभा में बीजेपी सांसद समिक भट्टाचार्य के सवाल के जवाब में कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने बताया कि, पिछले 5 सालों में बंगाल से 2227 कंपनियों ने बंगाल छोड़ दिया है. इसके अलावा इन कंपनियों ने अपना रजिस्टर्ड मेन ऑफिस भी चेंज कर लिया है.

दूसरे से सीधे आठवे नंबर पर खिसका बंगालराज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने बताया कि कंपनियों के बंगाल छोड़ने के पीछे के कई कारण है, जिन कंपनियों ने बंगाल छोड़ा वे लगभग हर सेक्टर की थीं. इनमें मैनुफैक्चरिंग, फाइनेंस, कमिशन एजेंसी से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं. 1970 के दशक में रजिस्टर्ड कंपनियों के मामले में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर था. लेकिन 2021 में बंगाल आठवें नंबर पर आ गया है.

ममता सरकार ने कंपनियों को जाने से रोकने के लिए कोई काम नहीं किया है. कंपनियों को राज्य में काम करने और सुरक्षित वर्क एनवायरनमेंट देने के लिए कोइ कदम नहीं उठाए. जिसका खामियाजा है कि कंपनियां धीरे-धीरे अपना व्यापार समेट रही हैं.

बीजेपी ने उठाए सवालबीजेपी के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग और बंगाल के सह- प्रभारी अमित मालवीय ने ममता सरकार पर हमला बोला है, उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि बंगाल में कॉरपोरेट सेक्टर के जाने का रिपोर्ट कार्ड सबके सामने है. यह एक मुख्यमंत्री के रूप में बड़ा फेलियर है.

उन्होंने कहा कि यह गंभीर और चिंताजनक स्थिति है, जिससे प्रदेश में नौकरियों, व्यापार और औद्योगिक विकास भारी कमी हुई है. उन्होंने कहा कि हम लगातार कह रहे हैं कि ममता सरकार उद्योग विरोधी है, ये मैं नहीं बल्कि राज्यसभा में सामने आए आंकड़े बता रहे हैं.

बंगाल की गलत तस्वीर दिखाई- टीएमसीटीएमसी के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने कहा कि यह सवाल ही पूर्वाग्रह से भरा हुआ है. बीजेेेपी की कोशिश रही है कि वह बंगाल की गलत तस्वीर दिखाई जाए. उन्होंने हमेशा से यही किया है. ऐसा करने में उनको खुशी मिलती है. गोखले ने कहा कि भाजपा ने यह सवाल नहीं पूछा कि बीते पांच सालों ने इस राज्य में कितनी नई कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया. गोखले ने कहा कि अगर वे पूरी सच्चाई जानना चाहते हैं, तो उन्हें ये भी पूछना चाहिए कि इस दौरान कितने नए रजिस्ट्रेशन हुए.

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