ग्वालियर : आरटीओ के चार और कॉन्स्टेबल की लोकायुक्त को शिकायत ?
भोपाल में आरटीओ के करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापे में मिली 7.98 करोड़ की संपत्ति के बाद अलग-अलग जांच एजेंसियां शिकंजा कस दिया है। अब पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ के चार साथी कॉन्स्टेबल के खिलाफ भी लोकायुक्त में शिकायत की गई है।
आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू ने ग्वालियर में पदस्थ रहे आरटीओ के चार कॉन्स्टेबल नरेंद्र सिंह भदौरिया, गौरव पाराशर, हेमंत जाटव और धनंजय चौबे के खिलाफ शिकायत की है। जल्द इनकी भी जांच हो सकती है।
संकेत साहू ने आरोप लगाया कि
आरटीओ के ये चारों कॉन्स्टेबल सौरभ के साथ बराबर के भ्रष्टाचारी हैं। इनकी भी प्रॉपर्टी की जांच की जानी चाहिए। जब से सौरभ के खिलाफ जांच शुरू हुई है, ये चारों कॉन्स्टेबल भी अंडरग्राउंड हो गए हैं। इन्होंने भी प्रदेश के परिवहन चेक पोस्ट से अवैध वसूली की है। प्रदेश और प्रदेश के बाहर अकूत संपत्ति बनाई है।
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मिश्रा का कहना है कि
आरटीआई एक्टिविस्ट से मिली शिकायत को सौरभ शर्मा के खिलाफ की जा रही जांच में शामिल किया जाएगा। इसकी जांच भोपाल लोकायुक्त कर रही है।
आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है, ‘शिकायत में कोई दस्तावेज नहीं दिया है। सूत्रों के आधार पर शिकायत की है। खास बात यह भी है कि जब से सौरभ शर्मा के खिलाफ जांच बैठी है, तभी से ये चारों भी अंडरग्राउंड हैं।’

सीएम डॉ. मोहन यादव को भी मेल पर की शिकायत आरटीआई एक्टिविस्ट ने लोकायुक्त के अलावा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भी मेल कर शिकायत की है। उन्होंने कहा कि सौरभ शर्मा भले ही वीआरएस लेकर रिटायर हो गया था, लेकिन इन चारों साथियों के जरिए वह आरटीओ के पोस्ट चलाता था। उन्होंने चारों कॉन्स्टेबल के बारे में बताया-
- नरेंद्र सिंह भदौरिया: मूल रूप से भिंड का रहने वाला है। खुद को पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया का नजदीकी बताता है। ससुराल इंदौर में है। पत्नी, बच्चे इंदौर में ही रहते हैं। इंदौर में कोठी बनवा रहा है। श्योपुर, भिंड, ग्वालियर में इसने जमीनीं खरीद रखी हैं।
- गौरव पाराशर: शिवपुरी जिले के पिछोर का रहने वाला है। खुद को पूर्व विधायक केपी सिंह का नजदीकी बताता है। केपी सिंह ने ही इन दोनों की मुलाकात करवाई थी। इसने इंदौर, पिछोर, श्योपुर और यूपी के झांसी जिले में जमीनें खरीद रखी हैं।
- हेमंत जाटव: शिवपुरी जिले के रन्नौद कस्बे का रहने वाला है। कुछ समय पहले 20 एकड़ जमीन रन्नौद में खरीदी है। ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर में भी जमीनी खरीद रखी हैं।
- धनंजय चौबे: यह सौरभ शर्मा का सबसे खास है। छिंदवाड़ा, इंदौर और भोपाल में जमीनें खरीद रखी हैं।
मां ने सौरभ की नियुक्ति फर्जी तरीके से कराई आरटीआई एक्टिविस्ट ने शिकायत में सौरभ शर्मा की आरटीओ में हुई नियुक्ति को भी गलत बताया है। उन्होंने सौरभ शर्मा की अनुकंपा नियुक्ति के लिए उनकी मां उमा शर्मा के दिए शपथ पत्र पर सवाल किए। आरटीआई एक्टिविस्ट ने कहा कि उमा का बड़ा बेटा सचिन शर्मा 2013 से छत्तीसगढ़ में अधिकारी के तौर पर नियुक्त है। लेकिन, 12 जुलाई 2016 में सौरभ की मां उमा ने नॉटराइज्ड शपथ पत्र देकर इस जानकारी को छिपाया। फर्जी तरीके से सौरभ को नौकरी दिलवाई। सौरभ शर्मा के साथ उनकी मां भी इस फर्जीवाड़े की दोषी हैं। उन्होंने शपथ पत्र के पैराग्राफ – 3 में स्पष्ट तौर से उल्लेख किया है कि उनका बेटा सचिन शर्मा शासकीय नौकरी में नहीं है।’
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MP RTO के चार कांस्टेबल अंडरग्राउंड, लोकायुक्त सौरभ शर्मा केस के साथ छानबीन करेगा
RTO कांस्टेबल नरेंद्र भदौरिया, गौरव पाराशर, हेमंत जाटव और धनंजय चौबे गायब
आरटीआई एक्टिविस्ट से मिली शिकायत को सौरभ शर्मा के खिलाफ की जा रही जांच में शामिल किया जाएगा। इसकी जांच भोपाल लोकायुक्त कर रही हैचारों सिपाहियों का संक्षिप्त परिचय