मंत्री के चुनाव को चुनौती वाली याचिका खारिज …ओपीएस भदौरिया का निर्वाचन रद्द करने के लिए हाई कोर्ट में लगाई थी; कोर्ट ने कहा- सुनवाई लायक नहीं

मध्य प्रदेश के राज्यमंत्री मंत्री व मेहगांव विधायक ओपीएस भदौरिया के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। यह याचिका पूर्व विधायक व मेहगांव उप चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी हेमंत कटारे द्वारा भदौरिया के चुनाव को निरस्त कर उन्हें निर्वाचित घोषित किए जाने की मांग को लेकर प्रस्तुत की गई थी।

मंत्री ओपीएस भदौरिया के विधानसभा चुनाव को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट जबलपुर में याचिका लगाई थी। इसे ग्वालियर खंडपीठ स्थानांतरित किया गया था। ओपीएस भदौरिया के अधिवक्ता कुशाग्र सिंह रघुवंशी ने हाईकोर्ट में आवेदन प्रस्तुत कर कहा कि यह याचिका धारा 88 के अंतर्गत सुनवाई योग्य नहीं होने से इसे निरस्त किया जाए।

एडवोकेट रघुवंशी का कहना था कि धारा 82 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जितने आवेदकों द्वारा चुनाव में भाग लिया गया है, उन सभी 37 प्रत्याशियों को याचिका में पक्षकार बनाना चाहिए। हेमंत कटारे ने ऐसा न करते हुए केवल विजयी प्रत्याशी को चुनाव याचिका में पक्षकार बनाया है। इस कारण यह याचिका धारा 88 के तहत स्वीकार योग्य नहीं है।

हेमंत कटारे की ओर से कहा गया था कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कोविड-19 के कारण अवधि संबंधी प्रकरणों में वृद्धि की गई है, जो वर्तमान में भी लागू है ऐसी स्थिति में उनके द्वारा कहा गया कि उन्हें ऐसे समस्त प्रत्याशियों जो कि वर्तमान में चुनाव याचिका में पार्टी नहीं है को पार्टी बनाने की अनुमति प्रदान की जाए। उन्होंने चुनाव याचिका को संशोधित करने की अनुमति को लेकर भी आवेदन प्रस्तुत किया।

हेमंत कटारे के जवाब पर रघुवंशी ने सर्वोच्च न्यायालय का न्यायिक दृष्टांत सुनाते हुए कहा कि एक बार याचिका प्रस्तुत होने पर सीपीसी के संशोधन लागू नहीं होते हैं। इस कारण याचिका और उससे संबंधित आवेदनों को निरस्त किया जाए। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया।

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