डॉक्टर ने साइबर क्रिमिनल्स से 3.21 लाख बचाए:तत्काल कर दी शिकायत… जानिए कैसे और क्या किया कि खाते में वापस जमा हो गए रुपए
ग्वालियर के एक होम्योपैथिक डॉक्टर का डेबिट कार्ड तीन दिन पहले गुम गया था। उन्होंने गूगल से कस्टमर केयर का नंबर निकाला। इस नंबर पर जिससे बात हुई उसने खुद को बैंककर्मी बताया। उसने कार्ड ब्लॉक कराने के लिए अकाउंट से जुड़ी डिटेल्स मांगी। OTP (वन टाइम पासवर्ड) पूछा। डॉक्टर के मोबाइल पर एनिडेस्क ऐप (इस ऐप के जरिए आप अपने मोबाइल से किसी दूसरे के मोबाइल पर काम कर सकते हैं।) डाउनलोड कराकर उनका मोबाइल खुद ऑपरेट करने लगा। इससे 3.46 लाख रुपए उनके अकाउंट से निकाल लिए।
डॉक्टर ने समय रहते भांप लिया कि जिसका नंबर उन्होंने इंटरनेट से निकाला, वो बैंक के कस्टमर केयर का नहीं, ठग का था। डॉक्टर ने एक घंटे के अंदर स्टेट साइबर सेल में शिकायत की। साइबर सेल ने बैंक से बात कर 3.21 लाख रुपए फ्रीज करा दिए। अगर आपके साथ ठगी हुई तो कब और कहां शिकायत करें… जानिए सबकुछ एक्सपर्ट राज्य साइबर सेल के एसपी सुधीर अग्रवाल से…
आपके अकाउंट से साइबर फ्रॉड कर रुपए निकाल लें तो क्या करना चाहिए?
फ्रॉड का अहसास होते ही सबसे पहले संबंधित थाना, साइबर थाना या NCRB की वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत करें।
कितने घंटे के अंदर शिकायत करने पर रुपए वापस आ जाएंगे?
यह फ्रॉड पर निर्भर करता है। वैसे 10 से 15 घंटे से ज्यादा समय नहीं होना चाहिए। कुछ मामलों में जैसे फ्रॉड की राशि सीधे अकाउंट में ट्रांसफर कर निकाल ली गई है उसमें एक घंटा भी भारी पड़ जाता है।
यदि रुपए आपके खाते से कट गए और ठग ने एटीएम या बैंक से कैश निकाल लिया तो क्या हो सकता है?
ऐसी स्थिति खतरनाक होती है, रिकवरी की कोई संभावना नहीं है।

कब पैसा लौटने का चांस कम होता है?
यदि ठग फ्रॉड की गई रकम को तत्काल किसी अकाउंट या ई-वॉलेट में ट्रांसफर कर कैश निकाल लेता है, तो रिकवरी की कोई संभावना नहीं रहती है।
किन हालात में कैश फ्रीज किया जा सकता है?
एक्सपर्ट ने बताया कि जैसे फ्रॉड करने वाले ने आपके अकाउंट से 3 लाख रुपए निकाले तो यह कैश निकालना संभव नहीं। इनको उसने अमेजन, रिलायंस या अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों पर ऑनलाइन शॉपिंग, कैश वाउचर खरीदने या इन्वेस्टमेंट के लिए किया है, तो उस राशि को तत्काल फ्रीज कराया जा सकता है। यहां ऑनलाइन शॉपिंग में समय का मार्जिन रहता है।
फ्रीज राशि कब तक मिल जाती है?
फ्रीज की गई राशि वापस मिलने में 25 से 30 दिन लगते हैं।
इस तरह की धोखाधड़ी की कहां-कहां शिकायत होती है, उनके हेल्पलाइन नंबर क्या हैं?
इनके लिए कोई स्पेशल नंबर नहीं है, पर NCRB की वेबसाइट, नजदीकी थाना, राज्य साइबर सेल थाना में तत्काल शिकायत कर सकते हैं।

अलर्ट नोटिफिकेशन ऑन रखें
- वॉलेट ऐप जैसे- गूगल पे, फोन पे और पेटीएम पर मनी रिक्वेस्ट की फैसिलिटी है। यानी आपको कोई भी पेमेंट करने के लिए रिक्वेस्ट भेज सकता है। इसके बाद बस एक क्लिक पर आपके अकाउंट से उस अकाउंट में पैसे चले जाएंगे।
- सभी वॉलेट ऐप पर अलर्ट नोटिफिकेशन की सुविधा होती है। जब भी कोई आपके वॉलेट ऐप में लॉगिन करने की कोशिश करेगा तो आपको अलर्ट नोटिफिकेशन आएगा, संदेह होने पर आप परमिशन डिनाई भी कर सकते हैं।
कुकीज को डिलीट करना न भूलें
- जब भी आप ब्राउजर, जैसे- क्रोम और मोजिला के जरिए पेमेंट करते हैं तो आपसे सिस्टम कुकीज इनेबल करने को कहता है। बगैर इसके आप पेमेंट कर भी नहीं सकते। जब आप कुकीज इनेबल करते हैं तो आपकी डिटेल कोडिंग की भाषा में ब्राउजर के सर्वर पर सेव हो जाती है।
- अगर आप ट्रांजेक्शन के बाद कुकीज डिलीट नहीं करते हैं तो इंटरनेशनल हैकर्स के लिए आपकी डिटेल को रीड करना आसान हो जाता है। इसलिए ब्राउजर के जरिए जब भी पेमेंट करें ब्राउजर की सेटिंग में जाकर कुकीज डिलीट करना न भूलें।
फ्रॉड के शिकार होने पर यह भी कर सकते हैं
- RBI की 2017-18 की गाइडलाइन के मुताबिक, धोखाधड़ी की सूचना दर्ज कराने के बाद ट्रांजेक्शन की पूरी जिम्मेदारी बैंक पर होती है। तय प्रक्रिया के मुताबिक संबंधित बैंक को सूचित नहीं किया गया तो जिम्मेदारी उपभोक्ता की होती है। इस स्थिति में बैंक पर रिफंड करने की कानूनी बाध्यता लागू नहीं होती।
- धोखाधड़ी के शिकार होने पर अपने बैंक के संबंधित अधिकारी को तुरंत सूचित करें। इसके अलावा कस्टमर केयर सेंटर पर सूचना दर्ज कराएं और दर्ज सूचना का नंबर भविष्य के लिए सुरक्षित रखें, ताकि बैंक आपके पैसे आपको रिफंड कर सके।